Sugar Ke Lakshan - कारण ,प्रकार,उपचार तथा उत्तम आहार
Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Kirti Saxena
on Nov 8, 2023
Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 18, 2024
दुनिया भर में शुगर या डायबिटीज के मरीजों में काफी वृद्धि देखी जा सकती है, 1980 में जहाँ ये आकड़ा 10 करोड़ 80 लाख के आस-पास था वही इसी आकड़े में वर्ष 2016 तक 400 % की वृद्धि देखी गयी और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या 42 करोड़ 20 लाख के आस-पास हो गयी थी। डायबिटीज या मधुमेह की अत्यधिक प्रधानता मध्यवर्गी और निम्नवर्गी श्रेणी के लोगो में देखी गयी है। यदि हम सं 2000 से अब तक की डायबिटीज के कारण हुई मृत्यु का आकड़ा देखे तो इस आकड़े में भी 5 % की वृद्धि देखने को मिलती है। डायबिटीज हर साल सीधे तौर पर 15 लाख व्यक्तियों को मौत के घाट उतार देता है। अगर हम भारत का आकड़ा ले तो भारत सरकार के एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में 7 करोड़ 30 लाख वयस्क व्यक्ति डायबिटीज या मधुमेह के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे है, और दुनिया के कुल डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों में हर छठा व्यक्ति भारतीय है, भारत में हर साल लग-भग 6.5 लाख लोगों की मृत्यु शुगर की वजह से होती है, डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकता है, यह बीमारी किडनी तथा दिल की बीमारी के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है, यदि शुगर डायबिटीज का इलाज समय रहते किया जाए तथा अपनी दैनिक जीवनशैली में स्वस्थ गतिविधियों को अपनाया जाये तो कुछ हद तक इस बीमारी का निदान किया जा सकता है, इस ब्लॉग के द्वारा हम लोगो में डायबिटीज के कारण, लक्षण तथा बचाव एवं उपचार आदि क्या है के बारे में जानेगे.
शुगर क्या है - What is Diabetes?
शुगर, जिसे आम भाषा में मधुमेह (diabetes) भी कहा जाता है, एक खराब मेटाबोलिक रोग है जिसमें रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और शरीर के उचित तरीके से इंसुलिन नामक औषधि का उपयोग नहीं होता है। इंसुलिन शरीर में रक्त शर्करा को सेलों में प्रवेश करने में मदद करता है जिससे रक्त शर्करा का स्तर सामान्य रूप से बना रहता है।
शुगर के प्रकार - Types of Diabetes
(Type 1 Diabetes): इस प्रकार के मधुमेह में पैंक्रियास, जो इंसुलिन उत्पादन करता है, इंसुलिन नहीं बनाता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। इसके लिए रोज़ इंसुलिन का सुप्लाई करना आवश्यक होता है।
(Type 2 Diabetes): इस प्रकार के मधुमेह में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं, और इंसुलिन के प्रतिरोधक प्रति प्रतितिक्षण बढ़ जाते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। इसके लिए आमतौर पर आहार, व्यायाम, और दवाइयों की आवश्यकता होती है।
शुगर के लक्षण - Symptoms of Diabetes:
बहुत प्यास लगना (Excessive Thirst): डायबिटिक्स के लोगों को अक्सर बहुत ज्यादा प्यास लगती है। यह इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और शरीर को और अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
अत्यधिक मूत्रण (Frequent Urination): डायबिटिक्स के लोग अक्सर बार-बार मूत्र करते हैं। यह भी इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है और यह गुर्दे के माध्यम से बाहर निकलता है।
वजन कम होना (Unexplained Weight Loss): कुछ डायबिटिक्स के लोग अचानक से वजन कम करने लगते हैं, बिना किसी कारण या डाइट बदलाव के। यह उनके शरीर में ग्लूकोज के अधिक उपयोग का परिणाम होता है।
कमजोरी और थकान (Weakness and Fatigue): डायबिटिक्स के लोग अक्सर थकान महसूस करते हैं और उन्हें काम करने में कमजोरी आती है। यह उनके शरीर में ग्लूकोज का सही उपयोग नहीं होने के कारण होता है।
ब्लड प्रेशर या ह्रदय संबंधित समस्याएं (High Blood Pressure and Cardiovascular Issues): डायबिटीज के चलते आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है, जिससे आपके लिए ह्रदय संबंधित समस्याएं जैसे कि हार्ट अटैक और हार्ट डिजीज जैसे खतरनाक स्थितियाँ बढ़ सकती हैं।
सिर में दर्द - सिर में लंबे समय तक हल्का-हल्का दर्द बना रहना भी एक संकेत होता है कि ब्लड शुगर का स्तर बढ़ गया है। यह दर्द कई घंटों या दिनों तक निरंतर बना रह सकता है और फिर अचानक से ठीक हो जाता है।
धुंधला दिखना - अगर व्यक्ति का ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा हुआ होता है तो उसे धुंधला दिखाई देने लगता है।
हाथ-पैर में दिक्कत होना: डायबिटीज के कारण हाथों और पैरों में दर्द, सूजन, या दिक्कतें हो सकती हैं, जिसे 'डायबेटिक न्यूरोपैथी' कहा जाता है।
अधिक भूख लगना: शुगर के मरीजों में अक्सर अधिक भूख लगने की समस्या होती है, जिसे 'पॉलीफैजिया' कहा जाता है।
मुंह सूखना: डायबिटीज के मरीजों में मुंह में सूखापन और मुँह के कटने की समस्या हो सकती है।
सांसें उखड़ना: शुगर के मरीजों को साँस की समस्याएं हो सकती हैं, यदि कोई व्यक्ति जल्दी - जल्दी साँस लेता है तो इसका अर्थ होता है की उसका ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है।
मेंटल हेल्थ की समस्याएं: डायबिटीज के समय मेंटल हेल्थ की समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि थकान, थकावट, या चिंता।
कंफ्यूजन होना: अधिक उचित ध्यान और विचारक या बुद्धिमत्ता की कमी के कारण मरीज अक्सर कंफ्यूज हो सकते हैं।
पेट दर्द की समस्या: शुगर के मरीजों में पेट में दर्द या पेट की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अपच या गैस की समस्याएं।
चोट से जुड़ी समस्या: डायबिटीज के मरीजों को छोटी चोटी चोट, कट, या फुंसी में जलन और सूजन की समस्या हो सकती है।
त्वचा से जुड़ी समस्याएं: शुगर के मरीजों में त्वचा समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि खुजली, सूजन, या सूखापन।
इंफेक्शन होना: शुगर के मरीजों में इंफेक्शन के जोखिम बढ़ सकते हैं, जैसे कि ज्यादा सांस की समस्याएं, पेट की समस्याएं, या त्वचा समस्याएं।
यदि किसी व्यक्ति में ये सभी लक्षण दिखाई देते है तो उसे तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए, वैसे तो शुगर एक सामान्य रोग है परन्तु उचित समय पर इलाज न करवाने पर स्थिति खराब हो सकती है।
शुगर (डायबिटीज) के कारण
आमतौर पर डायबिटीज के कुछ मुख्य कारण होते है।
- मोटापा
- उच्च रक्त चाप
- तनाव या डिप्रेशन
- गर्भावधि मधुमेह
- इंसुलिन की कमी
- परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना
- हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
- एक्सरसाइज ना करने की आदत
- हार्मोन्स का असंतुलन
- हाई ब्लड प्रेशर
- खान-पान की ग़लत आदतें
- बढ़ती उम्र आदि।
शुगर( डायबिटीज) के कारण क्या समस्याएं हो सकती है?
डायबिटीज के कारण व्यक्ति में निम्न समस्याए देखि जा सकती है जैसे की -
- हार्ट अटैक - Heart attack
- हार्ट ब्लॉकेज - Heart blockage
- नर्व डैमेज (रक्त वाहिकाओं की क्षति) - Nerve damage (damage to blood vessels)
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन - Erectile dysfunction
- किडनी फेलियर - Kidney failure
- नेत्र में धुंधलापन व नजरे कमजोर हो जाना - Blurred vision and weakening eyesight
- त्वचा से सम्बंधित इन्फेक्शन - Skin-related infections
- सुनने में समस्या - Hearing problems
- अल्झाइमर्स रोग (यादास्त खो देना) - Alzheimer's disease (loss of memory)
- डिप्रेशन - Depression
- एंग्जायटी - Anxiety
शुगर (डायबिटीज) से बचाव
शुगर (डायबिटीज) से बचाव मुमकिन है अगर हम कुछ बातो का ख्याल रखे तो जैसे की -
- मीठा कम खाएं तथा शक्कर,रिफाइंड और कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन से दूर रहे।
- एक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाएं।
- पानी ज़्यादा पीएं। मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें। आइसक्रीम, कैंडीज़ खाने से भी परहेज करें।
- वजन को नियंत्रण में रखें।
- स्मोकिंग औरअल्कोहल का सेवन न करे।
- हाई फाइबर डायट तथा ,प्रोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करें।
शुगर (डायबिटीज) का उपचार
आहार और डाइट - अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा को नियंत्रित करें,सेफेली समृद्ध आहार, हाइफाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं तथा अपनी खुराक की गणना करने के लिए कैलोरी काउंटिंग का पालन करें.
व्यायाम - नियमित रूप से व्यायाम करें, जैसे कि चलना, जॉगिंग, योग, या गिम.
दवाएँ - आपके डॉक्टर द्वारा प्रयास किए गए दवाओं का सखररोग प्रबंधन के रूप में सही तरीके से लें.
इंसुलिन थैरेपी - प्रकृतिक डायबिटीज के लिए इंसुलिन थैरेपी की आवश्यकता हो सकती है, इसे डॉक्टर के मार्गदर्शन में करें.
रोजाना खुद का शुगर नियंत्रण करें - रोजाना अपने ब्लड ग्लूकोज स्तर की निगरानी करें और उसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.
जीवनशैली - तंदुरुस्त वजन बनाए रखें और धूम्रपान और शराब की बरतें से बचें.
स्वास्थ्य स्ववर्गीय समर्थन - डायबिटीज प्रबंधन के लिए डायबिटीज शिक्षा प्राप्त करें और अपने स्वास्थ्य देखभाल टीम के साथ समर्थन करें.
शुगर (डायबिटीज) के लिए सबसे उत्तम आहार
शुगर (डायबिटीज) से पीड़ित व्यक्ति इन आहारों को अपने भोजन में शामिल करके शुगर जैसी गंभीर बीमारी से आसानी से निजात पा सकता है जैसे की -
- बेरी (ब्लैक बेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी)।
- साइट्रस फल जैसे संतरा, निम्बू, नाशपाती आदि
- हरी-पत्तेदार सब्जिया जैसे पालक, मेथी आदि।
- बीन की दाल या सब्जी ।
- करेंले या उसके जूस का सेवन करें।
- साबुत खाद्य पदार्थ ।
ध्यान दे
यदि आपको डायबिटीज के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक से सम्पर्क करे।
FAQS
1. शुगर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?
शुगर के शुरुआती लक्षण शामिल हो सकते हैं:
- बार-बार प्यास लगना
- ज्यादा भूख लगना
- तारलता और थकान का अनुभव
- वजन कम होना
- ज्यादा मूत्र निकलना
- छालों और घावों का धीमी गुणवत्ता में कमी
2. शुगर कितनी उम्र में होता है?
शुगर कितनी उम्र में होता है, इसमें कोई निश्चित आयु सीमा नहीं होती है। हालांकि, यह अधिकांशतः वयस्कों में देखा जाता है, विशेष रूप से 40 वर्ष के बाद।
3. शुगर बढ़ने पर क्या महसूस होता है?
शुगर बढ़ने पर कुछ महसूस हो सकता है, जैसे:
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार मूत्र जाना
- तारलता और थकान का अनुभव
- तारलता के कारण तालु की मांसपेशियों में खुजली
- पेट की खराबी और पेट में विकार
4. सही शुगर लेवल क्या है?
सही शुगर लेवल व्यक्ति के आयु, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्य रूप से निम्नलिखित माने जाते हैं:
- खाने से उपवास सुगर: 70-130 mg/dL
- खाने के बाद दो घंटे बाद की शुगर: कम से कम 180 mg/dL से कम
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3 Comments
Pawan kumar
Oct 21, 2024 at 6:42 AM.
मेरा शुगर लेवल 932 था मैने इसे zestima wellness के प्रोडक्ट ग्लूको केयर से कंट्रोल किया. अब मेरा शुगर नॉर्मल 154 तक रहता है
Myhealth Team
Oct 21, 2024 at 1:09 PM.
यह जानकर अच्छा लगा कि आपने अपने शुगर लेवल को 932 से 154 तक कम कर लिया है। यह एक महत्वपूर्ण सुधार है! हालाँकि, मैं सुझाव दूंगा कि आप अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराते रहें और किसी भी सप्लीमेंट या उत्पाद का उपयोग करने से पहले उनके साथ परामर्श करें। साथ ही, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और एक संतुलित जीवनशैली बनाए रखना भी बहुत ज़रूरी है ताकि आपका शुगर लेवल नियंत्रण में रहे।
RAM VILAS PACHAURYA
Mar 20, 2024 at 6:10 AM.
MUJHE 300 SUGAR HAI TO KYA ARNA CHAHIYE
Sushil Ranjan das
Jan 27, 2024 at 8:49 AM.
I am taking food only in night at 7-8pm everyday and after whole day only one bowl curd at 10am no added any type sweetener or refined sugar. Diabeties can be or not... Pl reply.... Thanks
Myhealth Team
Jan 30, 2024 at 12:39 PM.
Your eating pattern may affect blood sugar levels. It's advisable to monitor glucose levels regularly and consult a healthcare professional for personalized advice regarding diabetes risk.