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RBS Test in Hindi - क्या होता है, रैंडम ब्लड शुगर रेंज

Blood Test

RBS Test in Hindi - क्या होता है, रैंडम ब्लड शुगर रेंज

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Komal Daryani
on May 18, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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RBS test in hindi
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RBS टेस्ट क्या होता है और यह किस तरह से डायबिटीज़ के निदान में मदद करता है? आइए हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।

RBS टेस्ट (RBS Test) का मतलब होता है रैंडम ब्लड सुगर टेस्ट, जिसका मतलब है कि आपके रक्त में ग्लूकोज का स्तर अचानक बदलता है। यह टेस्ट आपके रक्त में उपस्थित ग्लूकोज के स्तर को जांचने के लिए किया जाता है। आपको यह टेस्ट खाना खाने से पहले या भोजन के तुरंत बाद करना चाहिए। यह टेस्ट अकसर अन्य डायबिटीज़ टेस्ट के साथ भी किया जाता है, जैसे कि ग्लुकोज टोलरेंस टेस्ट (OGTT) और ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट।

RBS टेस्ट का उपयोग 

RBS (Random Blood Sugar) टेस्ट डायबिटीज़ के निदान और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह टेस्ट रक्त में उच्च ग्लूकोज (शर्करा) स्तर की माप करता है और आपके डायबिटीज़ के संकेतों को पहचानने में मदद करता है। इसके अलावा, इस टेस्ट का उपयोग डायबिटीज़ के उपचार के प्रगति की निगरानी करने में भी किया जा सकता है।

RBS टेस्ट का उपयोग करके डॉक्टर आपके रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच करते हैं। यह टेस्ट आपके डायबिटीज़ के संकेतों को जानने में मदद करता है, जैसे कि अत्यधिक प्यास, अत्यधिक भूख, उपयोग्यता की कमी, त्वचा की सुखापन, उन्हानि, और अन्य संबंधित लक्षणों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

RBS टेस्ट का उद्देश्य

RBS (Random Blood Sugar) टेस्ट का उद्देश्य रक्त में उच्च ग्लूकोज (शर्करा) स्तर की माप करके डायबिटीज़ के संकेतों को पहचानना होता है। इस टेस्ट के माध्यम से, डॉक्टर डायबिटीज़ के संदर्भ में आपके शरीर में ग्लूकोज के स्तर की जांच करते हैं और आपके रक्त में उच्च ग्लूकोज स्तर को मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

RBS टेस्ट का उद्देश्य निम्नलिखित प्रमुख कारणों के लिए होता है:

  1. डायबिटीज़ के निदान: RBS टेस्ट डायबिटीज़ के संकेतों को पहचानने के लिए महत्वपूर्ण है। जब शरीर में ग्लूकोज को उचित तरीके से प्रबंधित नहीं किया जा सकता है, तो उच्च रक्त ग्लूकोज स्तर हो सकता है, जो डायबिटीज़ का संकेत हो सकता है। RBS टेस्ट डायबिटीज़ के संकेतों को पकड़ने में मदद करता है और उचित निदान और उपचार प्राप्त करने की संभावना प्रदान करता है।
  2. डायबिटीज़ के उपचार की मान्यता: RBS टेस्ट डायबिटीज़ के उपचार के प्रगति की निगरानी करने में मदद करता है। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर आपके रक्त में ग्लूकोज स्तर की जांच करते हैं और उपचार के प्रभाव को मापते हैं। इसके आधार पर वे आपके उपचार में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी डायबिटीज़ कंट्रोल में आवश्यक उन्नति हो रही है।
  3. जीवनशैली के मानने: RBS टेस्ट आपको अपनी जीवनशैली के मानने की आवश्यकता को समझने में मदद करता है। यदि रक्त में ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि होती है, तो यह आपको सूचित करता है कि आपकी आहार और व्यायाम की आदतों में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है। इस तरह, RBS टेस्ट आपको स्वस्थ जीवनशैली के लिए संकेत प्रदान करता है और आपको डायबिटीज़ संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

इस प्रकार, RBS टेस्ट का उद्देश्य हमें डायबिटीज़ के संकेतों को पहचानने, डायबिटीज़ के उपचार की मान्यता करने और स्वस्थ जीवनशैली के लिए संकेत प्रदान करने में मदद करता है। यदि आपको डायबिटीज़ के संकेत महसूस हो रहे हैं या आप इस बीमारी से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें और उचित दिशा-निर्देश प्राप्त करें। यह आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और डायबिटीज़ के संबंधित समस्याओं को समय रहते पहचानने और नियंत्रित करने में मदद करेगा।

आरबीएस टेस्ट की कीमत कितनी होती है?

रीडिंग ब्लड सुगर (RBS) परीक्षण का मूल्य विभिन्न क्लिनिक और प्रयोगशालाओं पर अलग-अलग हो सकता है। आप आरबीएस टेस्ट रेडक्लिफ लैब्स के साथ भी बुक कर सकते हैं | रेडक्लिफ लैब आरबीएस टेस्ट 99 रुपये में ऑफर करता है जो काफी किफायती है |

रैंडम ब्लड शुगर रेंज

रैंडम ब्लड शुगर की सामान्य रेंज 70 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर से 125 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर होती है। यह रेंज अलग-अलग प्रयोगशालाओं और रोगी की विशेष स्थितियों के आधार पर बदल सकती है। अपने चिकित्सक से सलाह लें और अपने विशिष्ट परिस्थितियों के लिए सही रेंज की जांच करें।

RBS टेस्ट का आयोजन कैसे होता है?

RBS (Random Blood Sugar) टेस्ट का आयोजन एक सरल प्रक्रिया है जो आपके रक्त में ग्लूकोज (शर्करा) स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट आमतौर पर बिना पूर्व सूचना के किया जाता है, इसलिए इसे "रैंडम" टेस्ट भी कहा जाता है। यह आपके डॉक्टर द्वारा क्लीनिक, अस्पताल या परामर्श केंद्र में किया जा सकता है। निम्नलिखित है RBS टेस्ट के आयोजन की प्रक्रिया:

  1. नमूना लेना: रणनीति के तहत, आपके रक्त का नमूना लिया जाता है। यह एक साधारण प्रक्रिया है जो रक्त नमूना को लेने के लिए नियमित रक्त वाहिकाओं का उपयोग करती है। रक्त को आमतौर पर आपके हाथ की उंगली या श्रेणी से प्राप्त किया जाता है।
  1. टेस्ट करना: नमूना लेने के बाद, रक्त का नमूना लैब में ले जाया जाता है जहां विशेषज्ञ तकनीशियन या वैधानिक कर्मचारी द्वारा रोगी के रक्त का ग्लूकोज स्तर मापा जाता है। यह टेस्ट आमतौर पर आपके रक्त में उच्च ग्लूकोज स्तर की माप करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ग्लाइकोमीटर नामक उपकरण का उपयोग करके होता है।
  1. परिणामों की व्याख्या: टेस्ट के परिणामों की व्याख्या डॉक्टर या मेडिकल प्रवेश कर्मचारी द्वारा की जाती है। वे रक्त में ग्लूकोज स्तर को विश्लेषण करके आपको आपकी स्थिति के बारे में सूचित करेंगे। अगर रक्त में उच्च ग्लूकोज स्तर पाया जाता है, तो आपके संभावित डायबिटीज़ के संकेत हो सकते हैं और आवश्यक उपचार के लिए आपको सलाह दी जाएगी।

यह उपरोक्त प्रक्रिया एक साधारण रूप से RBS टेस्ट के आयोजन की व्याख्या है। इसे डॉक्टर द्वारा निर्देशित प्रक्रिया और लैबोरेटरी की नीतियों और दिशानिर्देशों के अनुसार अपनाएं। आपके चिकित्सा प्रदाता आपको विशेष जानकारी और निर्देश प्रदान करेंगे जो आपको इस टेस्ट के लिए तैयार करेगें।

RBS टेस्ट के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहले, टेस्ट के लिए निर्धारित समय पर रोज़ाना करें और खाने के बाद तुरंत टेस्ट करें। दूसरे, टेस्ट के पहले उचित तरीके से तैयारी करें। आपको आदेश दिए गए समय के लिए खाना नहीं खाना चाहिए और पिछली रात ठीक समय पर रात्रि खाना करना चाहिए। तीसरे, टेस्ट के पहले तनाव से बचें और धीरे-धीरे साँस लें। ध्यान देने योग्य निर्देशों का पालन करके, आप अपने टेस्ट के परिणामों की सटीकता को सुनिश्चित कर सकते हैं।

यदि रिपोर्ट में आपके ग्लूकोज के स्तर में बढ़ोतरी होती है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपको डायबिटीज़ हो सकती है। डायबिटीज़ एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें इंसुलिन की कमी होती है और ग्लूकोज को नियंत्रित करने में समस्या होती है। डॉक्टर आपको अन्य जांचों के लिए भी रेफ़र कर सकते हैं, जैसे कि आपको ग्लुकोज टोलरेंस टेस्ट (OGTT) या ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट करवाना पड़ सकता है।

RBS टेस्ट एक प्राथमिक टेस्ट होता है जो आपके डायबिटीज़ के संदर्भ में डॉक्टर को मदद करता है। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव होती है, तो इसका मतलब यह नहीं होता कि आपको डायबिटीज़ है, बल्कि आपको अन्य जांचों के लिए आगे बढ़ने की आवश्यकता होती है। इसलिए, डॉक्टर के साथ बातचीत करके आप अपने स्वास्थ्य को संभाल सकते हैं और सटीक निदान और उपचार प्राप्त कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. मुझे अपना आरबीएस टेस्ट कब लेना चाहिए?

आरबीएस टेस्ट कब लेना चाहिए? आपके आरबीएस टेस्ट की आवश्यकता डॉक्टर के सलाह पर निर्भर करेगी। डॉक्टर आपके स्वास्थ्य परीक्षण, परिवारिक इतिहास और लक्षणों की आधार पर सुझाव देंगे। वे आपको टेस्ट करवाने की सही वक्तबद्धता और आवश्यक दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।

2. नॉर्मल RBS कितना होना चाहिए?

रेंज वैरिएबल होता है, लेकिन सामान्यतः खाने के 2 घंटे बाद रक्त ग्लूकोज का स्तर 70-140 mg/dL के बीच होता है।

3. शरीर में शुगर बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं?

उच्च रक्त शर्करा के लक्षण में थकान, भूख लगने की बढ़ती है, बार बार पेशाब आने की इच्छा, प्यास की ज्यादा भूख, वजन कम होने, छाती दर्द, चक्कर आने, आँखों का ब्लरिंग, गंभीरता और वातावरण की प्रतिक्रिया में बदलाव शामिल हो सकते हैं।

4. क्या RBS परीक्षण के लिए उपवास की आवश्यकता है?

नहीं, रेंडम ब्लड शुगर (RBS) परीक्षण के लिए उपवास की आवश्यकता नहीं होती है। इस परीक्षण को आप दिन के किसी भी समय करा सकते हैं, आपको उपवास या खाने की कोई प्रतिबंध नहीं होनी चाहिए।

5. आरबीएस ज्यादा होने पर क्या होता है?

यदि आपका आरबीएस ज्यादा होता है, तो आपके शरीर में अत्यधिक रक्त शर्करा हो सकता है। यह डायबीटीज के लक्षण हो सकते हैं और दिल, किडनी, नस्या और दृष्टि के संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।

6. आरबीएस टेस्ट से पहले मुझे क्या खाना चाहिए?

आपको आरबीएस टेस्ट से पहले नियमित खाना खाना चाहिए। अत्यधिक मिठाई या कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन से बचें ताकि रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहे। अपने डॉक्टर की सलाह पर भी चलें, वे आपको सही दिशा में गाइड करेंगे।

7. रैंडम और फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट में क्या अंतर है?

रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट, जिसे रक्त ग्लूकोज टेस्ट भी कहा जाता है, आपके खाने के 2 घंटे बाद रक्त में शुगर की मात्रा मापता है। वहीं, फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट आपके भोजन के 8-10 घंटे बाद रक्त में शुगर का स्तर मापता है, यदि आप उपवास कर रहे हों।

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