Bp in Hindi: बीपी रोग और उपचार की जानकारी
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Komal Daryani
on Mar 22, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Apr 15, 2024
ब्लड प्रेशर ऐसा फ़ोर्स है जो ब्लड आपकी धमनियों में जाने के लिए उपयोग करता है। जब हार्ट पंप करता है तो यह ऑक्सीजन से भरे ब्लड को धमनियों में धकेलने के लिए फ़ोर्स का उपयोग करता है। धमनियाँ हार्ट से ब्लड को शरीर के दूसरे भागों तक ले जाती हैं। ब्लड प्रेशर हमेशा एक जैसा नहीं रहता। शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यह बदलता रहता है। ब्लड प्रेशर पूरे दिन में थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होता रहता है जो की नार्मल है।
बीपी क्या है?
ब्लड प्रेशर आपकी धमनियों के अंदर ब्लड का जो प्रेशर होता है वह और उस प्रेशर का माप है। आर्टरीज़ पूरे शरीर को ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स पहुंचाती हैं। ताकि यह अच्छे से काम कर सके। हर बार जब दिल धड़कता है, तो यह ब्लड को उन धमनियों में पंप करता है जो पूरे शरीर में ब्लड ले जाती हैं। ऐसा दिन में 24 घंटे 1 मिनट में 60 से 100 बार होता है।
अगर ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा रहता है तो इससे हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। जैसे : स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी की बीमारी, हार्ट फ़ैल होना इस तरह की बीमारियां हो सकती है। ब्लड प्रेशर को जानने के लिए इसे मापना एक अच्छा तरीका है।
ब्लड प्रेशर नंबर का क्या मतलब है
ब्लड प्रेशर को दो संख्याओं की मदद से मापा जाता है।
- सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (पहला नंबर) - यह हार्ट के धड़कने पर आपकी धमनियों की दीवारों पर कितना दबाव डाल रहा है उसे मापता है।
- डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (दूसरा नंबर) - यह धमनियों में दबाव को मापता है। आपका ब्लड आपकी धमनी की दीवारों पर कितना प्रेशर दे रहा है जब आपका दिल धड़कनों के बीच आराम करता है।
ब्लड प्रेशर की कितनी कैटेगरी होती है
इन 5 ब्लड प्रेशर कैटेगरी को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने मान्यता दी है।
- नार्मल
120/80 mm Hg (पारा के मिलीमीटर) से कम ब्लड प्रेशर नंबर को नार्मल रेंज के अंदर माना जाता है। आप इस केटेगरी में आते हैं तो अच्छी डाइट लें और एक्सरसाइज करें।
- एलिवेटेड
एलिवेटेड ब्लड प्रेशर तब होता है जब रीडिंग 120-129 सिस्टोलिक और 80 mm Hg डायस्टोलिक से कम होती है। इसे अगर कंट्रोल नहीं किया जाता है तो हाई ब्लड प्रेशर होने के चांसेस रहते हैं।
- हाइपरटेंशन स्टेज 1
हाइपरटेंशन स्टेज 1 तब होता है जब ब्लड प्रेशर लगातार 130 से 139 सिस्टोलिक या 80 से 89 mmHg डायस्टोलिक तक होता है। इस स्टेज में हेल्थ केयर प्रोफेशनल लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देते हैं और एथेरोस क्लोरोटिक हार्ट डिजीज, या ASCVD, जैसे दिल का दौरा या स्ट्रोक के जोखिम को ध्यान में रखते हुए दवा दे सकते हैं।
- हाइपरटेंशन स्टेज 2
हाइपरटेंशन स्टेज 2 तब होता है जब ब्लड प्रेशर लगातार 140/90 mmHg या ज्यादा होता है। हाइपरटेंशन स्टेज 2 में हेल्थ केयर प्रोफेशनल ब्लड प्रेशर की दवाओं में बदलाव और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने की सलाह देते हैं।
- हाईपरटेंसिव क्राइसिस
अगर आपके ब्लड प्रेशर की रीडिंग अचानक 180/120 mmHg से ज्यादा हो जाए, तो पांच मिनट रुके और फिर ब्लड प्रेशर चेक करें। अगर रीडिंग अभी भी ज्यादा है तो तुरंत हेल्थ केयर प्रोफेशनल से संपर्क करें।
ब्लड प्रेशर घटता-बढ़ता क्यों है
ब्लड प्रेशर हर टाइम एक जैसा नहीं होता है। यह घटता-बढ़ता रहता है। यह आपके काम पर डिपेंड करता है। एक्सरसाइज करने पर या एक्साइटेड होने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और जब शरीर आराम की स्थिति में होता है तब ब्लड प्रेशर कम होता है।
ब्लड प्रेशर बदलने के कुछ कारण भी है।
- उम्र की वजह से
- दवाइयों के कारण
- शरीर की पोजीशन बदलने से
ब्लड प्रेशर को मापना
ब्लड प्रेशर को आराम की स्थिति में मापना सबसे सही होता है। ब्लड प्रेशर एक इन्फ्लेटेबल प्रेशर कफ से मापा जाता है। इस कफ को ऊपरी बांह पर लपेटा जाता है। यह कफ स्फिग्मोमैनोमीटर मशीन का हिस्सा है। अगर रीडिंग ज्यादा आती है तो डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने से पहले आपके ब्लड प्रेशर को थोड़े - थोड़े टाइम में फिर से माप सकते हैं।
ऐसा भी हो सकता है कि डॉक्टर आपको घर पर ही ब्लड प्रेशर मापने की सलाह दे। इसमें ब्लड प्रेशर को हर 20 से 30 मिनट में मापा जाता है। अगर आप घर पर ब्लड प्रेशर मापने के लिए ब्लड प्रेशर की मशीन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो डॉक्टर से पूछकर ही इसे खरीदे।
ब्लड प्रेशर कैसे नापते हैं
आगे बताई गई स्टेप्स से आप जान सकते हैं कि ब्लड प्रेशर कैसे नापना चाहिए।
- ब्लड प्रेशर मापने से आधा घंटा पहले कैफीन, शराब का सेवन करने से बचें और एक्सरसाइज करके भी ब्लड प्रेशर नहीं मापे।
- अब एक कुर्सी पर बैठे और अपनी पीठ को कुर्सी पर टिकाएं, पैरों को जमीन पर रखें और अपने हाथ को एक टेबल पर सीधा रखें।
- इसके बाद कफ को अपनी बांह पर बांधे। कफ का सेंटर पॉइंट धमनी के ऊपर रखें।
- जो स्क्विजेबल बैलून है उसे दबाएं।
- अब एनीरॉयड मॉनिटर को देखें और नार्मल ब्लड प्रेशर से 20 या 30 एमएम तक कफ को फुलाना होता है।
- कफ के फूलने पर स्टेथोस्कोप को कोहनी की साइड कफ के पास रखें।
- पहली पल्स बीट जो आएगी उसे नोट करें। यह सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर होता है।
- पल्स की आवाज रुकने तक बैलून को डिफ्लेटेड करें। आवाज रुक जाने पर जो रिजल्ट आएगा वह डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर होगा।
हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है
हाई ब्लड प्रेशर तब होता है जब आपकी लाइफ स्टाइल अच्छी नहीं होती है जो बिल्कुल हेल्थी नहीं है। जिसमें ज्यादा शराब पीना, स्मोकिंग करना, वजन ज्यादा होना, एक्सरसाइज ना करना शामिल होता है। अगर इसका इलाज ना किया जाये तो हाई ब्लड प्रेशर कोरोनरी दिल की बीमारी के साथ ही बहुत सी बड़ी बीमारी होने की वजह बन सकता है। इससे किडनी या आंखों में रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है।
लो ब्लड प्रेशर क्यों होता है
लो ब्लड प्रेशर होना नार्मल है। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स की वजह से लो ब्लड प्रेशर होता है। हार्ट के फ़ैल होने या डिहाइड्रेशन की वजह से भी लो ब्लड प्रेशर होता है।
ब्लड प्रेशर क्यों मायने रखता है
हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर की तरह होता है। वैसे इसके कोई ख़ास लक्षण नहीं होते हैं। आपको इसके लक्षण पता चले उसके पहले ही यह आपके दिमाग, हार्ट और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर हार्ट की बीमारी के लिए एक मेजर रिस्क फैक्टर है। अगर इलाज न किया जाये तो यह इन बीमारियों का कारण बन सकता है:
- किडनी की बीमारी
- बढ़ा हुआ दिल
- स्ट्रोक
- हार्ट फ़ैल होना
- हार्ट अटैक
- आँखों में टूटी हुई रक्त वाहिकाएं
- पेरिफेरल आर्टरी डिजीज
ब्लड प्रेशर रीडिंग कैसे प्रभावित होती है?
- ब्लड प्रेशर मापने को लेकर घबराहट - इसे "व्हाइट कोट सिंड्रोम" कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर रीडिंग 3 में से 1 व्यक्ति की निकलती है इसके अलावा तो नार्मल हो सकता है।
- रीडिंग से पहले क्या खाया पिया - ब्लड प्रेशर मापने के 30 मिनट पहले अगर आपने एक्सरसाइज की है या स्मोकिंग, शराब का सेवन किया है तो आपकी रीडिंग ज्यादा आ सकती है।
- आप किस तरह बैठे है - ऊँची टेबल पर आराम से बैठने के बजाय अपने पैरों को क्रॉस करने और अपनी बांह को अपनी तरफ झुकाने से ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ आ सकता है।
Conclusion
अगर आपको कोई लक्षण महसूस नहीं भी हो रहे हैं तो भी हो सकता है कि आपका ब्लड प्रेशर हाई हो। इसलिए अपने ब्लड प्रेशर की रेगुलर जांच करवाना चाहिए और अगर आपका ब्लड प्रेशर 180/120 mmHg से ज्यादा है या सांस लेने में दिक्कत, बोलने में कठिनाई, सीने में दर्द, नजर में बदलाव, पीठ में दर्द है तो देर ना करें 911 पर कॉल करें और मेडिकल मदद लें। अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाएं। मिर्च - मसाले, तेल वाले खाने से बचें। रोज एक्सरसाइज करें तो आपका ब्लड प्रेशर नार्मल बना रहेगा।