Menopause Meaning in Hindi – अर्थ, प्रकार, कारण, तथा लक्षण
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Kirti Saxena
on Feb 3, 2024
Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 18, 2024
मेनोपॉज़ “मेनो”का अर्थ है महीना और “पॉज” का अर्थ है रुकना यह एक ग्रीक शब्द है इसका अर्थ महिलाओ में महीने यानि रजोधर्म का रुकना होता है।
यह महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है जिसे हिंदी में ‘गर्भाशयनाश’ भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें महिला का मासिक धर्म समाप्त हो जाता है और उसकी शारीरिक परिस्थितियां बदलती हैं। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे मेनोपॉज का क्या अर्थ होता है ? इसके कारण क्या है और इसके लक्षण क्या होते है आदि।
मेनोपॉज़ का अर्थ – Meaning of Menopause
मेनोपॉज़ एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जब महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं और उनके गर्भाशय (योनिकांग) की मासिक धर्म की समाप्ति होती है। यह एक महिला के जीवन का महत्वपूर्ण अध्याय होता है जो आमतौर पर उम्र के बीच 45 से 55 वर्ष के बीच होता है। मेनोपॉज़ के पश्चात महिला अब अनुपयोगी होती है और वह गर्भाशय की शक्ति को खो देती है।
मेनोपॉज़ के प्रकार – Types of Menopause
मेनोपॉज़ कई प्रकार से हो सकता है, जो निम्नलिखित हैं:
1. प्राकृतिक मेनोपॉज़ (Natural Menopause): यह सबसे सामान्य प्रकार का मेनोपॉज़ है और यह आमतौर पर महिलाओं की आयु 45 से 55 वर्षों के बीच होता है। इसमें हॉर्मोनल परिवर्तनों की प्राकृतिक प्रक्रिया शामिल होती है जिससे रजों का स्त्राव कम हो जाता है।
2. पूर्वानुनित मेनोपॉज़ (Premature Menopause): कुछ महिलाएं आपके आम समय से पहले ही मेनोपॉज़ का सामना कर सकती हैं, जिसे “पूर्वानुनित मेनोपॉज़” कहा जाता है। इसका कारण हो सकता है आनुवंछनिक त्रूटि, आनुवंछनिक रोगों का सामना करना, या अन्य कारणों की वजह से हॉर्मोनल परिवर्तन।
3. क्षय मेनोपॉज़ (Surgical Menopause): यदि किसी महिला को गर्भाशय की सर्जरी के द्वारा गर्भाशय का हटाना पड़ता है (हिस्टेरेक्टमी), तो वह सीधे मेनोपॉज़ की स्थिति में प्रवृत्त हो सकती है। इसे क्षय मेनोपॉज़ कहा जाता है।
4. पोस्टमेनोपॉज़ (Post menopause): मेनोपॉज़ के बाद एक महिला को जब भी रजों का स्त्राव समाप्त हो जाता है, वह पोस्टमेनोपॉज़ की स्थिति में होती है। इस समय के बाद भी हॉर्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं और कुछ महिलाएं स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियों का सामना कर सकती हैं।
यह सभी प्रकार के मेनोपॉज़ महिलाओं के जीवन में हो सकते हैं और इसमें अलग-अलग हॉर्मोनल परिवर्तन और शारीरिक परिवर्तनों के साथ संबंधित चुनौतियां हो सकती हैं।
मेनोपॉज़ के कारण – Causes of Menopause
मेनोपॉज़ एक महिला के जीवन में एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसका मतलब होता है कि उसके शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन हो रहे हैं, जिससे उसके मासिक धर्म समाप्त होते हैं। मेनोपॉज़ के कारण कई हो सकते हैं, जिनमें शामिल है –
उम्र (Age): सामान्यत: मेनोपॉज़ का समय 45 और 55 के बीच होता है, लेकिन कुछ महिलाएं इससे पहले या बाद में भी मेनोपॉज़ में आ सकती हैं।
जीनेटिक अंश (Genetic Factor): मेनोपॉज़ का आगे बढ़ना जीनेटिक भी हो सकता है, यानी कि जिस महिला की मां ने भी जल्दी मेनोपॉज़ का सामना किया हो, उसकी भी संभावना होती है।
हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes): मेनोपॉज़ का मुख्य कारण हॉर्मोनल परिवर्तन है। उम्र बढ़ने के साथ, ओवरीयन फ़ंक्शन कमजोर होने लगता है और इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में कमी होती है। इससे मासिक धर्म कम होना शुरू हो जाता है और फिर बंद हो जाता है।
रेट ऑवेरीन वेग (Rate of Ovarian Aging): ओवेरीयन एजिंग की दर महिला से महिला अलग हो सकती है, जिससे मेनोपॉज़ का समय भी अलग होता है।
अन्य कारण (Other Causes): अन्य कारणों में योनि की सूजन, गर्भाशय की गांठें, चिकित्सा उपचार जैसी स्थितियाँ शामिल हो सकती हैं जो मेनोपॉज़ की विधिवत प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
ये सभी कारण मिलकर मेनोपॉज़ की शुरुआत कर सकते हैं, और इसका अनुभव हर महिला के लिए अलग हो सकता है।
मेनोपॉज़ के लक्षण – Symptoms Of Menopause
मेनोपॉज़ के निम्नलिखित लक्षण हो सकते है जैसे की –
- हॉट फ्लैशेस(Hot flashes)
- रात को पसीने (Night sweats)
- मासिक धर्म में बदलाव (Changes in menstrual cycle)
- नींद की समस्याएं (Sleep disturbances)
- मूड स्विंग्स (Mood swings)
- खुजली और शुष्कता (Itching and dryness)
- हड्डियों में कमजोरी (Bone weakening)
- वजन में बदलाव (Weight changes)
- मासिक धर्म का समाप्त होना (Cessation of menstruation)
- यौन समस्याएं (Sexual issues)
- मेमोरी और ध्यान की कमी (Memory and concentration lapses)
मेनोपॉज़ क्यों होता है ? Why does menopause occur?
मेनोपॉज़, महिलाओं के जीवन में एक प्राकृतिक परिवर्तन है जिससे उनके मासिक धर्म समाप्त हो जाते हैं। यह एक स्वाभाविक और सामान्य होने वाली प्रक्रिया है जो आमतौर से महिलाओं की आयु के बाद होती है, सामान्यत: 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच।
मेनोपॉज़ का होना बाहरी कारणों और शारीरिक परिवर्तनों के कारण होता है। यह इस प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं का परिणाम है, जिसमें गर्भाशय की अंडानुबंधी ऊतकों में बदलाव शामिल हैं। कुछ कारणों में इसमें हॉर्मोनल परिवर्तन भी शामिल हो सकते हैं।
महिलाओं के शरीर में दो प्रमुख हॉर्मोन होते हैं: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन। मेनोपॉज़ के समय, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में कमी होती है, जिसके कारण गर्भाशय से औरतों के जीवन में एक नया चरण शुरू होता है और मासिक धर्म समाप्त होते हैं।
इस प्रक्रिया में, महिलाओं को कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ सकता है, जो कई समय तक चल सकते हैं। यह शारीरिक परिवर्तनों में हॉट फ्लैशेस, सोने की समस्याएं, हड्डीयों की कमजोरी, और मानसिक स्वास्थ्य में परिवर्तन शामिल हो सकते हैं।
मेनोपॉज़ स्थिति का समय और अनुभव महिला से महिला भिन्न हो सकता है, लेकिन यह एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में एक स्थायी चरण को चिन्हित करती है।
मेनोपॉज़ के दौरान क्या खाएं – What to eat during menopause
जैसा की हम जानते है मेनोपॉज़ (menopause) एक महिला के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है, जब उसकी मासिक धारा समाप्त हो जाती है और हारमोनल परिवर्तन होता है। इस समय महिलाओं को खानपान में ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह समय महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यहां कुछ आहार और पौष्टिक तत्व हैं जो मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के लिए उपयुक्त हो सकते हैं:
कैल्शियम और विटामिन डी – कैल्शियम और विटामिन डी युग्मन रूप से हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम कर सकते हैं। दूध, दही, पालक, मूँगफली आदि इनमें पाए जाने वाले स्रोत हैं।
फाइबर युक्त आहार – फल, सब्जियाँ, अनाज, दालें आदि फाइबर से भरपूर होती हैं, जिससे पाचन तंतु स्वस्थ रहता है और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
फिटोएस्ट्रोजन स्रोत – सोया उत्पाद, ब्रोकोली, लिनसीड, बन्नी, आदि फाइटोएस्ट्रोजन स्रोत हैं, जो हार्मोनल स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।
सुपरफूड्स – खाद्यांशों में सुपरफूड्स जैसे कि बेरीज, खजूर, बादाम, गेहूं के जीवांश, गाजर, ओट्समील, आदि शामिल करें, जो विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं।
हाथ से तैयार किए गए आहार – ताजगी से तैयार किए गए आहार में अधिकतम पोषण होता है। ताजगी से बने भोजन से शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है और महसूस कराता है।
इसके अलावा, ध्यान दें कि आप पर्याप्त पानी पीती रहें और नियमित व्यायाम करें। यदि आप किसी खास स्वास्थ्य स्थिति में हैं, तो एक विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह प्राप्त करें।
ध्यान दे
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से सामान्य जानकारी देना है। हम किसी भी तरह से दवा या उपचार की सलाह नहीं देते हैं। यदि आप रजोनिवृत्ति (menopause)और इसके उपचार के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप स्त्री रोग विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।
FAQS
1. क्या मेनोपॉज 40 की उम्र से पहले हो सकता है?
हाँ, मेनोपॉज कई महीनों या वर्षों पहले हो सकता है. यह व्यक्ति की आनुवंशिक और जीवनशैली तथा अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है.
2. मीनोपॉज क्या है और यह आमतौर पर कब होती है?
मीनोपॉज एक महिला के जीवन में एक अवधि है जब उसकी मासिक धर्म समाप्त हो जाती है. यह आमतौर पर 45 और 55 वर्ष के बीच होती है, लेकिन यह समय व्यक्ति की शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति, आनुवंशिकता, और अन्य कारकों पर निर्भर करता है.
3. क्या वजन बढ़ना मीनोपॉज का एक सामान्य दुष्प्रभाव है?
हाँ, मीनोपॉज के समय महिलाओं के शारीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिससे वजन बढ़ने की संभावना हो सकती है. इसमें मेटाबॉलिज्म की गति कम होना और शरीर के तंतु तंतुओं का परिवर्तन शामिल है.
4. क्या मीनोपॉज हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है?
हाँ, मीनोपॉज के दौरान हड्डियों की कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी सूजन). हार्मोनल परिवर्तन के कारण हड्डियों की कुशलता कम हो सकती है.
5. क्या मेनोपॉज के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भवती होना संभव है?
हाँ, मेनोपॉज के बाद भी कुछ महिलाएं प्राकृतिक रूप से गर्भवती हो सकती हैं, लेकिन यह बहुत कठिन हो सकता है. गर्भाधान की संभावना बढ़ाने के लिए किसी चिकित्सक से परामर्श करना सुरक्षित होता है.