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PCOD kya hota hai? कारण, लक्षण और इलाज की पूरी जानकारी

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PCOD kya hota hai? कारण, लक्षण और इलाज की पूरी जानकारी

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Muskan Taneja
on Nov 19, 2024

Last Edit Made By Muskan Taneja
on Nov 19, 2024

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PCOD
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आजकल महिलाओं में पीरियड्स और हार्मोन से जुड़ी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है PCOD यानी Polycystic Ovarian Disease। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाता है और अंडाशय (Ovaries) में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठें) बनने लगती हैं। यह समस्या महिलाओं की पीरियड्स को अनियमित कर देती है और गर्भधारण में परेशानी पैदा कर सकती है।

PCOD केवल प्रजनन से जुड़ी समस्या नहीं है। यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है, जैसे वजन बढ़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल आना और बाल झड़ना। यह समस्या ज्यादातर 15 से 45 साल की महिलाओं को प्रभावित करती है।

इस ब्लॉग में हम PCOD से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को विस्तार से समझेंगे, ताकि इसे समय रहते पहचाना और सही इलाज किया जा सके।

PCOD क्या है?

PCOD का मतलब है कि महिलाओं के अंडाशय में सामान्य से ज्यादा अंडे बनते हैं, लेकिन वे ठीक से विकसित नहीं हो पाते। इस वजह से ये अंडे छोटे-छोटे सिस्ट के रूप में अंडाशय में जमा हो जाते हैं।

इस स्थिति में अंडाशय शरीर में ज्यादा पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) बनाने लगते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इसके अलावा, शरीर में इंसुलिन (जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वजन बढ़ने और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

संदर्भ: PCOD और PCOS को अक्सर एक जैसा समझा जाता है। हालांकि, PCOD में अंडाशय में सिस्ट बनते हैं, जबकि PCOS में सिस्ट बनने के साथ मेटाबॉलिक समस्याएं भी होती हैं।

PCOD के कारण

PCOD का कोई निश्चित कारण नहीं है, लेकिन इसके पीछे कई फैक्टर हो सकते हैं। नीचे इसके मुख्य कारण बताए गए हैं:

1. हार्मोन असंतुलन

महिलाओं के शरीर में अगर पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) ज्यादा बनने लगें, तो यह PCOD की वजह बन सकता है।

2. अनुवांशिक कारण

अगर परिवार में किसी महिला को PCOD है, तो आपकी भी इसके प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है। यह समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चल सकती है।

3. इंसुलिन प्रतिरोध

शरीर में इंसुलिन का काम शुगर को ऊर्जा में बदलना है। लेकिन जब शरीर इस प्रक्रिया को ठीक से नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। यह समस्या अंडाशय को ज्यादा एंड्रोजन बनाने के लिए प्रेरित करती है, जिससे PCOD होता है।

4. लाइफस्टाइल फैक्टर

  • असंतुलित खानपान (ज्यादा जंक फूड और चीनी का सेवन)।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी।
  • नींद का अभाव और तनाव।

PCOD के लक्षण

PCOD के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में ये लक्षण बहुत गंभीर होते हैं, जबकि कुछ में यह स्थिति बिना किसी स्पष्ट लक्षण के हो सकती है।

1. पीरियड्स का अनियमित होना

  • पीरियड्स बहुत देरी से आना (2-3 महीने में एक बार)।
  • कभी-कभी पीरियड्स बहुत ज्यादा आना या लंबे समय तक चलना।

2. वजन बढ़ना

PCOD में वजन बहुत तेजी से बढ़ता है, खासकर पेट के आसपास। यह वजन कम करना भी मुश्किल हो सकता है।

3. चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल

PCOD में हार्मोन असंतुलन के कारण चेहरे, छाती और पीठ पर बाल बढ़ सकते हैं। इसे Hirsutism कहा जाता है।

4. मुँहासे और तैलीय त्वचा

हार्मोनल बदलाव के कारण चेहरे पर मुँहासे हो सकते हैं, जो अक्सर गंभीर हो सकते हैं।

5. बालों का झड़ना

PCOD में सिर के बाल पतले और कमजोर हो सकते हैं। यह स्थिति पुरुषों के गंजेपन की तरह हो सकती है।

6. थकावट और सुस्ती

PCOD से पीड़ित महिलाएं अक्सर थकान और कमजोरी महसूस करती हैं।

7. गर्भधारण में दिक्कत

PCOD के कारण अंडे सही से विकसित नहीं हो पाते, जिससे गर्भधारण में परेशानी होती है।

संदर्भ: इन लक्षणों को नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। समय पर निदान और इलाज बहुत जरूरी है।

Also Read: https://redcliffelabs.com/myhealth/pregnancy/polycystic-ovarian-syndrome-its-symptoms-types-causes-treatments-and-home-remedies/

PCOD का निदान कैसे होता है?

अगर आपको PCOD के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट कर सकते हैं:

ब्लड टेस्ट

हार्मोन लेवल और शुगर लेवल की जांच के लिए।

अल्ट्रासाउंड

अंडाशय में सिस्ट की स्थिति का पता लगाने के लिए।

ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट

इंसुलिन प्रतिरोध का मूल्यांकन करने के लिए।

लिपिड प्रोफाइल

कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर पता करने के लिए

संदर्भ: इन टेस्ट के जरिए डॉक्टर यह पता लगा सकते हैं कि आपके शरीर में क्या गड़बड़ी है और उसका इलाज कैसे करना है।

PCOD का इलाज कैसे किया जाता है?

PCOD का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं:

1. डाइट और एक्सरसाइज

  • रोजाना 30-45 मिनट एक्सरसाइज करें।
  • डाइट में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करें।
  • तैलीय और मीठे खाद्य पदार्थों से बचें।

2. दवाइयां

  • पीरियड्स को नियमित करने के लिए हार्मोनल दवाइयां दी जाती हैं।
  • इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने के लिए मेटफॉर्मिन जैसी दवाइयां दी जा सकती हैं।

3. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट

अगर गर्भधारण में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर IVF या IUI जैसी प्रक्रियाओं की सलाह दे सकते हैं।

4. सर्जरी

कभी-कभी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, जैसे लैप्रोस्कोपिक ओवेरियन ड्रिलिंग।

5. घरेलू और प्राकृतिक उपचार

  • मेथी, हल्दी और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां मदद कर सकती हैं।
  • ग्रीन टी पीने से भी फायदेमंद हो सकता है।

संदर्भ: इन इलाजों से PCOD के लक्षणों को कम किया जा सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।

PCOD से बचाव के उपाय

  1. संतुलित डाइट लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  2. तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
  3. नींद का ध्यान रखें।
  4. वजन को नियंत्रित रखें।
  5. साल में कम से कम एक बार हेल्थ चेकअप कराएं।

संदर्भ: PCOD से बचने के लिए इन आदतों को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाना जरूरी है।

निष्कर्ष

PCOD एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। अगर समय पर इसका पता लग जाए और सही इलाज किया जाए, तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए स्वस्थ आदतें अपनाना, सही खानपान रखना और नियमित जांच कराना जरूरी है।

अगर आप भी PCOD के लक्षण महसूस कर रही हैं, तो तुरंत जांच कराएं। अपनी सेहत की सही जानकारी के लिए Redcliffe Labs पर भरोसा करें। यहां उन्नत तकनीकों से हर टेस्ट सटीकता से किया जाता है।

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