Vitamin B12 Ki Kami Se Kya Hota Hai - जाने लक्षण और बचाव

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Komal Daryani
on Jun 9, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 19, 2025

जब शरीर में थकान, कमजोरी या ध्यान भटकने जैसी समस्याएं बार-बार होने लगती हैं, तो हम अक्सर इन्हें मामूली मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन हो सकता है कि इसके पीछे एक गंभीर कारण हो, Vitamin B12 की कमी। यह एक जरूरी पोषक तत्व है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण, DNA बनाने, और तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। जब आपके खाने से B12 की मात्रा पर्याप्त नहीं मिलती या शरीर उसे ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, तब यह कमी धीरे-धीरे स्वास्थ्य पर असर डालने लगती है।
यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह न केवल शारीरिक बल्कि न्यूरोलॉजिकल और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकती है।
इस ब्लॉग में जानिए कि Vitamin B12 की कमी से शरीर पर क्या असर पड़ता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसे पूरा करने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं।
Vitamin B12 क्या है?
विटामिन B12 (जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है) शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता बनाए रखने, नई रक्त कोशिकाएं बनाने और सभी कोशिकाओं में मौजूद डीएनए (आनुवंशिक सामग्री) के निर्माण में मदद करता है। शरीर खुद इस विटामिन तैयार नहीं कर पाता, इसलिए इसे बाहरी स्रोतों से प्राप्त करना ज़रूरी होता है। विटामिन B12 मुख्य रूप से पशु उत्पादों जैसे मांस, मछली, अंडा, दूध और दही आदि में पाया जाता है।
इसके अलावा यह कुछ फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों (जैसे ब्रेड, अनाज और न्यूट्रिशनल यीस्ट) में भी मौजूद होता है। एक वयस्क को प्रतिदिन लगभग 2.4 माइक्रोग्राम Vitamin B12 की आवश्यकता होती है, जबकि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसकी मात्रा और अधिक चाहिए होती है। बच्चों और शिशुओं के लिए यह मात्रा उनकी उम्र और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करती है।
Vitamin B12 की कमी क्यों होती है?
- शुद्ध शाकाहारी भोजन लेने वालों में अधिक संभावना
- पाचन तंत्र की समस्या (जैसे – गैस्ट्राइटिस, सीलिएक डिजीज)
- बढ़ती उम्र में अवशोषण की क्षमता कम हो जाती है
- कुछ दवाएं, जैसे एंटासिड्स या मेटफॉर्मिन, B12 को शरीर में अवशोषित होने से रोकती हैं
- शराब का अधिक सेवन
विटामिन B12 की कमी के कारण क्या है?
- खानपान में विटामिन B12 की कमी-जो लोग मांस, मछली, अंडा, दूध और दूध से बने उत्पाद नहीं खाते, उन्हें शरीर के लिए जरूरी विटामिन B12 पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता। शुद्ध शाकाहारी लोगों में यह कमी आम है।
- गैस्ट्राइटिस (पेट की परत में सूजन)- गैस्ट्राइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट की परत में सूजन आ जाती है। इसके कारण शरीर में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जो B12 को पचाने के लिए जरूरी होता है।
इससे खाना खाने के बावजूद B12 शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता। - घातक अनीमिया (Pernicious Anemia)- यह एक मेडिकल स्थिति है जिसमें शरीर “इंट्रिंसिक फैक्टर” नाम का एक जरूरी प्रोटीन बनाना बंद कर देता है। यह प्रोटीन B12 के अवशोषण में मदद करता है। इसकी कमी के कारण B12 खाने से भी शरीर में नहीं पहुंच पाता।
- पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियाँ - जैसे क्रोहन डिज़ीज और सीलिएक डिज़ीज जैसी बीमारियाँ छोटी आंत को प्रभावित करती हैं, जिससे शरीर पोषक तत्वों को सोख नहीं पाता। इन स्थितियों में शरीर खाने से B12 को भी ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।
- पेट की सर्जरी (जैसे गैस्ट्रिक बाईपास)- कुछ लोगों को वजन घटाने या अन्य कारणों से पेट या आंत की सर्जरी करवानी पड़ती है। इसके बाद पाचन तंत्र का काम करने का तरीका बदल जाता है। इससे शरीर की B12 सोखने की क्षमता कम हो जाती है।
- ज्यादा शराब पीने की आदत- अधिक मात्रा में और लंबे समय तक शराब पीने से पाचन प्रणाली कमजोर हो जाती है और शरीर जरूरी पोषक तत्वों को ठीक से नहीं सोख पाता। इसका असर सीधे विटामिन B12 के स्तर पर भी पड़ता है।
- दुर्लभ अनुवांशिक समस्या (Transcobalamin II deficiency)- यह एक बहुत ही दुर्लभ जन्मजात स्थिति होती है, जिसमें शरीर के अंदर B12 को एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंचाने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है। इस कारण शरीर में B12 होते हुए भी उसका सही उपयोग नहीं हो पाता।
विटामिन B12 की कमी के लक्षण क्या हैं?
विटामिन B12 की कमी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और समय के साथ बढ़ सकते हैं। कुछ लोगों को लंबे समय तक कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते, लेकिन अंदर ही अंदर शरीर प्रभावित होता रहता है।
यह कमी शारीरिक, नसों से जुड़ी, और कभी-कभी मानसिक तकलीफें भी ला सकती है जब शरीर में खून की कमी (अनीमिया) न हो।
यह रहे इसके कुछ आम लक्षण-
- लगातार थकान या कमजोरी महसूस होना- बिना ज्यादा काम किए भी शरीर थका-थका और सुस्त लगे।
- भूख कम लगना और वजन घटना- खाना खाने का मन न होना या बिना कोशिश के वज़न कम हो जाना।
- पेट से जुड़ी दिक्कतें- कभी-कभी उल्टी, मिचली या हल्का दस्त जैसा महसूस होना।
- मुंह और जीभ में जलन या सूजन- जीभ में दर्द, लालिमा या चिकनापन आना, जिससे बोलने या खाने में परेशानी हो सकती है।
- चेहरे या शरीर पर पीलापन- खासकर चेहरे, आंखों या हाथ-पैरों की त्वचा थोड़ी पीली नजर आ सकती है।
- सांस चढ़ना या चक्कर आना- हलकी सी मेहनत या सीढ़ियां चढ़ने पर भी जल्दी थक जाना या चक्कर महसूस होना।
किन्हें सबसे ज्यादा खतरा है?
- शुद्ध शाकाहारी लोग
- बुजुर्ग
- प्रेग्नेंट महिलाएं
- लंबे समय तक दवाएं लेने वाले
- गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी वाले व्यक्ति
विटामिन B12 की कमी को कैसे पूरा करें?
इस कमी को दूर करने का सबसे पहला और आसान तरीका है भोजन के ज़रिए पूर्ति करना। अपने आहार में अंडा, दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों को शामिल करें। साथ ही, मछली, चिकन और रेड मीट जैसे नॉन-वेज फूड्स भी B12 के अच्छे स्रोत हैं।
जो लोग शाकाहारी हैं, वे फोर्टिफाइड ब्रेड और अनाज का सेवन कर सकते हैं, जिनमें विटामिन B12 मिलाया गया होता है। यदि शरीर में B12 की कमी अधिक हो, तो डॉक्टर की सलाह से टैबलेट या सिरप के रूप में सप्लीमेंट लेना फायदेमंद होता है। वहीं, यदि कमी बहुत गंभीर है और शरीर जल्दी सुधार की मांग करता है, तो डॉक्टर B12 के इंजेक्शन देते हैं जो सीधे असर करते हैं और तेजी से शरीर को पोषण देते हैं।
कब डॉक्टर से मिलें?
- लगातार थकान और चक्कर आना
- बार-बार सुन्नपन और जलन
- भूलने की आदत या उलझन
कोई भी न्यूरोलॉजिकल लक्षण नजर आने पर
Vitamin B12 की कमी एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली समस्या है, जिसे अगर समय रहते पहचान लिया जाए तो आसानी से ठीक किया जा सकता है। संतुलित आहार, डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट और नियमित जांच से आप इसे कंट्रोल में रख सकते हैं।


