महिलाओं में टीबी के लक्षण: जानें सही पहचान और बचाव के उपाय
Medically Reviewed By
Komal Daryani
Written By Dr. Geetanjali Gupta
on Nov 20, 2024
Last Edit Made By Dr. Geetanjali Gupta
on Nov 20, 2024
टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है, जो बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होती है। यह बीमारी फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियां, मस्तिष्क, किडनी, गर्भाशय (यूटेरस), और लिम्फ नोड्स को भी प्रभावित कर सकती है।
महिलाओं में टीबी के लक्षण अक्सर पुरुषों से अलग हो सकते हैं। यह बीमारी महिलाओं में कई बार लंबे समय तक बिना स्पष्ट लक्षणों के बनी रहती है, जिससे इसका निदान करना मुश्किल हो जाता है। अगर इसे समय पर पहचाना और इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और यहां तक कि बांझपन (Infertility) का कारण बन सकती है।
टीबी क्या है और यह कैसे फैलती है?
टीबी मुख्य रूप से एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के माध्यम से फैलती है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है, तो उसके फेफड़ों से बैक्टीरिया युक्त कण बाहर निकलते हैं। अगर ये कण किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं, तो वह भी टीबी का शिकार हो सकता है।
महिलाओं में टीबी का खतरा ज्यादा क्यों होता है?
- कमजोर इम्यूनिटी, खासकर प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के बाद।
- पोषण की कमी।
- बार-बार संक्रमण वाली जगहों पर रहना।
- लंबी बीमारी या तनाव।
टीबी के प्रकार
टीबी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
1. पल्मोनरी टीबी (फेफड़ों की टीबी)
यह टीबी का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें फेफड़े प्रभावित होते हैं।
2. एक्स्ट्रा-पल्मोनरी टीबी (फेफड़ों के बाहर की टीबी)
यह शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे हड्डियां, लिम्फ नोड्स, किडनी, मस्तिष्क, और प्रजनन अंगों को प्रभावित करती है। महिलाओं में यह विशेष रूप से गर्भाशय (यूटेरस) और फैलोपियन ट्यूब्स को प्रभावित कर सकती है।
महिलाओं में टीबी के लक्षण
महिलाओं में टीबी के लक्षण उनके शरीर के प्रभावित हिस्से पर निर्भर करते हैं। यहां महिलाओं में टीबी के सामान्य और अंग-विशेष से जुड़े लक्षणों के बारे में बताया गया है:
1. सामान्य लक्षण (फेफड़ों और अन्य अंगों के लिए)
- लगातार खांसी: 2-3 हफ्तों से ज्यादा समय तक खांसी रहना, जो सूखी या बलगम के साथ हो सकती है।
- बुखार: खासकर शाम को हल्का बुखार रहना।
- रात को पसीना आना: बिना किसी कारण रात में अधिक पसीना आना।
- वजन घटना: बिना किसी डाइटिंग या एक्सरसाइज के अचानक वजन कम होना।
- थकान: हर समय कमजोरी और सुस्ती महसूस होना।
- भूख न लगना: लंबे समय तक भूख कम लगना या खाने का मन न करना।
2. फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी)
- लगातार खांसी के साथ खून आना।
- सांस लेने में दिक्कत या सीने में दर्द।
- हल्की-सी मेहनत करने पर भी सांस फूलना।
3. प्रजनन अंगों की टीबी (जेनिटल टीबी)
महिलाओं में प्रजनन अंगों की टीबी के लक्षण अन्य प्रकार की टीबी से अलग हो सकते हैं। ये लक्षण अक्सर बांझपन या मासिक धर्म की गड़बड़ी के रूप में दिखाई देते हैं:
- मासिक धर्म में अनियमितता: पीरियड्स का समय पर न आना या बहुत कम आना।
- पेल्विक दर्द: निचले पेट में बार-बार दर्द रहना।
- बांझपन: गर्भधारण में समस्या आना।
- सफेद या बदबूदार डिस्चार्ज: योनि से लगातार असामान्य तरल का निकलना।
- बार-बार गर्भपात होना।
4. हड्डियों की टीबी (बोन टीबी)
- जोड़ों में दर्द और सूजन।
- हड्डियों का कमजोर होना और जल्दी टूट जाना।
- रीढ़ की हड्डी में दर्द।
5. लिम्फ नोड्स की टीबी
- गर्दन, बगल, या जांघों में सूजन।
- लिम्फ नोड्स में दर्द या लालिमा।
6. मस्तिष्क की टीबी (ब्रेन टीबी)
- सिरदर्द जो लंबे समय तक रहता है।
- उल्टी और चक्कर आना।
- देखने, सुनने या चलने में दिक्कत।
महिलाओं में टीबी का असर
टीबी महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है।
- गर्भधारण में दिक्कतें: जेनिटल टीबी प्रजनन अंगों को प्रभावित करती है, जिससे बांझपन हो सकता है।
- पोषण की कमी: भूख न लगने और वजन घटने से शरीर कमजोर हो जाता है।
- लंबी बीमारी: टीबी का इलाज लंबा चलता है, जिससे मानसिक तनाव हो सकता है।
टीबी की जांच कैसे होती है?
अगर आपको टीबी के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। टीबी की जांच के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:
- स्पुटम टेस्ट: खांसी के बलगम की जांच।
- चेस्ट X-Ray: फेफड़ों में संक्रमण का पता लगाने के लिए।
- ब्लड टेस्ट (टीबी गोल्ड टेस्ट): टीबी बैक्टीरिया की मौजूदगी का पता चलता है।
- यूटेरस और फैलोपियन ट्यूब की जांच: प्रजनन अंगों की टीबी का पता लगाने के लिए।
- MRI या CT स्कैन: हड्डियों, मस्तिष्क, या अन्य अंगों की जांच के लिए।
टीबी का इलाज
टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है, बशर्ते इसका सही समय पर निदान और इलाज किया जाए। इसके लिए एंटी-टीबी दवाओं का कोर्स किया जाता है, जिसे DOTS (डायरेक्ट ऑब्जर्व्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्स) कहा जाता है।
इलाज से जुड़े मुख्य बिंदु:
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं बंद न करें।
- इलाज का कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी है।
- पोषण का ध्यान रखें और इम्यूनिटी मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन और विटामिन से भरपूर खाना खाएं।
महिलाओं में टीबी से बचाव के उपाय
- टीकाकरण: बच्चों को समय पर बीसीजी (BCG) का टीका लगवाएं।
- पोषण का ध्यान रखें: शरीर की इम्यूनिटी मजबूत बनाने के लिए हेल्दी डाइट लें।
- भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें: खासकर अगर आप टीबी मरीज के संपर्क में हैं।
- संक्रमित मरीज से दूरी बनाएं: टीबी हवा के जरिए फैलती है, इसलिए सावधानी बरतें।
- स्वच्छता का पालन करें: हाथ धोना और साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
टीबी एक गंभीर लेकिन ठीक होने वाली बीमारी है। महिलाओं में टीबी के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। अगर आप लगातार खांसी, बुखार, वजन घटने, या मासिक धर्म में अनियमितता जैसी समस्याओं का सामना कर रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
टीबी की जांच के लिए आज ही Redcliffe Labs पर अपॉइंटमेंट लें। यहां आधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञता के साथ सटीक जांच की जाती है। जल्दी इलाज शुरू करें और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।