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Pregnancy Me Kya Nahi Khana Chahiye – Full Guide

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Pregnancy Me Kya Nahi Khana Chahiye – Full Guide

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Medically Reviewed By
Prof. Ashok Rattan

Written By Komal Daryani
on May 6, 2025

Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 19, 2025

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गर्भावस्था (Pregnancy) एक महिला के जीवन का सबसे खास और नाजुक समय होता है। इस दौरान न केवल अपनी सेहत का, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, गर्भवती महिलाओं के लिए संतुलित और पोषण युक्त आहार जरूरी है, लेकिन उतना ही जरूरी यह जानना भी है कि इस दौरान क्या नहीं खाना चाहिए। कई बार अनजाने में खाई गई कुछ चीजें माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में किन चीजों से परहेज करना चाहिए और क्यों।

प्रेग्नेंसी में खानपान का महत्व

गर्भावस्था के दौरान जो कुछ भी महिला खाती है, उसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ता है। ऐसे में यह जरूरी है कि हेल्दी डाइट ली जाए और उन खाद्य पदार्थों से बचा जाए जो हानिकारक हो सकते हैं। गलत खानपान से मिसकैरेज (गर्भपात), प्री-मैच्योर डिलीवरी, बच्चे का वजन कम होना, या मां को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

प्रेग्नेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान खानपान को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। चलिए जानते हैं कि इस दौरान किन चीजों से दूरी बनाना आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा।

  1. कच्चा या अधपका मांस
    कच्चा या अधपका मांस खाने से टोक्सोप्लास्मा, सैल्मोनेला जैसे खतरनाक बैक्टीरिया और परजीवी शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे फूड प्वाइजनिंग, संक्रमण और गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक साबित हो सकती हैं। मांस हमेशा अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं।
  2. कच्चे अंडे
    कच्चे या आधे उबले अंडों में सैल्मोनेला संक्रमण का खतरा होता है। इससे दस्त, उल्टी, बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में केवल पूरी तरह उबले या पकाए गए अंडे ही खाएं और कच्चे अंडे से बनी डिशेज जैसे मेयोनीज़, केक बैटर आदि से दूर रहें।
  3. अधपका या अनपाश्चराइज्ड दूध और उससे बने उत्पाद
    कच्चा दूध या उससे बने उत्पादों में लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया हो सकता है, जो गर्भपात या समय से पहले डिलीवरी का कारण बन सकता है। हमेशा पाश्चराइज्ड दूध और उससे बने चीज़, पनीर जैसे प्रोडक्ट्स का ही सेवन करें।
  4. सी फूड और हाई मरकरी वाली मछलियां
    कुछ समुद्री मछलियों में मरकरी की मात्रा ज्यादा होती है। मरकरी गर्भस्थ शिशु के दिमाग और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है। शार्क, स्वोर्डफिश जैसी मछलियों से दूर रहें। अगर मछली खानी हो तो लो-मरकरी फिश जैसे सैल्मन या झींगा चुनें।
  5. ज्यादा कैफीन
    कैफीन सीमित मात्रा में ही लें क्योंकि ज्यादा कैफीन लेने से गर्भस्थ शिशु का वजन कम हो सकता है और मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। दिनभर में एक या दो कप हल्की चाय या कॉफी पर्याप्त है। सॉफ्ट ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स से भी बचें।
  6. अल्कोहल (शराब)
    प्रेग्नेंसी में शराब पीना बच्चे के लिए बेहद खतरनाक है। इससे बच्चा जन्म से ही मानसिक या शारीरिक विकारों के साथ पैदा हो सकता है। अल्कोहल पूरी तरह से अवॉयड करना चाहिए क्योंकि इसकी थोड़ी मात्रा भी नुकसानदेह है।
  7. जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड
    जंक फूड में पोषण नहीं होता बल्कि यह अनहेल्दी फैट, नमक और चीनी से भरा होता है। इससे वजन बढ़ना, ब्लड प्रेशर बढ़ना और गर्भकालीन डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ताजे और घर के बने खाने को ही प्राथमिकता दें।
  8. अधपकी सब्जियां और अंकुरित दाने
    कई बार लोग हेल्दी समझकर कच्ची सब्जियां या स्प्राउट्स खाते हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी में इन्हें कच्चा खाना सुरक्षित नहीं है। इनमें बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा रहता है। हमेशा अच्छे से धोकर और पकाकर ही इनका सेवन करें।
  9. पपीता और अनानास
    कच्चे पपीते में मौजूद पैपेन और अनानास में ब्रोमेलिन नामक एंजाइम गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकते हैं। इससे गर्भपात या प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा रहता है। पूरी प्रेग्नेंसी में इन फलों से दूरी बनाए रखना बेहतर है।
  10. अत्यधिक नमक और चीनी
    बहुत ज्यादा नमक खाने से शरीर में सूजन (Water Retention) और ब्लड प्रेशर बढ़ने की आशंका होती है। वहीं, अधिक मीठा खाने से वजन तेजी से बढ़ सकता है और शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है। संतुलित मात्रा में ही नमक-चीनी का सेवन करें।
  11. अचार और ज्यादा मसालेदार खाना
    अचार और तीखा खाना ज्यादा खाने से पेट में जलन, गैस, एसिडिटी और ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंसी में हल्का, कम मिर्च-मसाले वाला भोजन पाचन के लिए सही रहता है।
  12. हर्बल सप्लीमेंट्स और काढ़ा
    भले ही हर्बल चीजें प्राकृतिक होती हैं, लेकिन हर जड़ी-बूटी प्रेग्नेंसी में सुरक्षित नहीं होती। कुछ हर्ब्स गर्भपात या अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए कोई भी हर्बल दवा या काढ़ा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  13. लोवेरा या उससे बने किसी भी उत्पाद

प्रेग्नेंट महिलाओं को एलोवेरा या उससे बने किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पेल्विक क्षेत्र में रक्तस्राव हो सकता है, जो आगे चलकर गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है। खासतौर पर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में एलोवेरा से जुड़े किसी भी प्रोडक्ट से दूरी बनाए रखना सुरक्षित माना जाता है।

  1. जानवरों का लिवर 

भले ही पौष्टिक माना जाता हो, लेकिन प्रेग्नेंसी में इसे खाना सही नहीं है। अगर लिवर किसी बीमार या संक्रमित जानवर का हुआ तो उसमें ऐसे टॉक्सिन्स हो सकते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसके अलावा, लिवर में विटामिन A और कोलेस्ट्रॉल काफी ज्यादा होता है। ज्यादा विटामिन A प्रेग्नेंसी में खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है और गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर खाने से बचना ही बेहतर है।

किन बातों का रखें खास ध्यान?

  • हमेशा ताजा और घर का बना हुआ खाना खाएं।

  • बाहरी खाने और खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

  • अच्छी तरह से पका हुआ भोजन ही ग्रहण करें।

  • दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं।

  • डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा या सप्लीमेंट न लें।

निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है। यह न केवल मां की सेहत बल्कि बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। जहां पोषण युक्त आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए, वहीं ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।

हर गर्भवती महिला को यह समझना चाहिए कि थोड़ी सी लापरवाही गंभीर परिणाम दे सकती है। इसलिए संतुलित आहार लें, नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

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