मंटू टेस्ट क्या है? (Mantoux Test in Hindi) पूरी जानकारी हिंदी में
Medically Reviewed By
Prof. Ashok Rattan
Written By Komal Daryani
on Nov 29, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Nov 29, 2024
मंटू टेस्ट टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) का पता लगाने के लिए किया जाने वाला एक सामान्य और प्रभावी स्किन टेस्ट है। इसे ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट (TST) भी कहा जाता है। यह टेस्ट यह जानने में मदद करता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में टीबी का बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस मौजूद है या नहीं।
मंटू टेस्ट आमतौर पर उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनमें टीबी के शुरुआती लक्षण दिख रहे हों या जिन्हें टीबी के संपर्क में आने का खतरा हो। यह टेस्ट आसान, दर्दरहित और जल्दी होने वाला है, जिसे डॉक्टर या प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी द्वारा किया जाता है।
मंटू टेस्ट कैसे किया जाता है?
मंटू टेस्ट में एक दवा जिसका नाम ट्यूबरकुलिन है, को त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया के स्टेप्स नीचे दिए गए हैं:
- इंजेक्शन की तैयारी:
- व्यक्ति के हाथ की त्वचा (आमतौर पर बांह के ऊपरी हिस्से) को साफ किया जाता है।
- फिर, एक छोटी सी सुई से त्वचा के नीचे ट्यूबरकुलिन दवा डाली जाती है।
- इंजेक्शन के बाद की प्रक्रिया:
- दवा इंजेक्ट करने के बाद त्वचा पर एक छोटी सी उभार (गोल आकार की गांठ) बनती है।
- यह गांठ कुछ समय बाद सामान्य हो जाती है।
- परीक्षण के परिणाम देखने का समय:
- इंजेक्शन के 48 से 72 घंटे के बीच त्वचा की प्रतिक्रिया की जांच की जाती है।
- व्यक्ति को डॉक्टर के पास वापस आकर जांच करवानी होती है।
मंटू टेस्ट के परिणाम कैसे समझें?
मंटू टेस्ट के परिणाम त्वचा पर होने वाली सूजन (इंडुरेशन) के आकार पर निर्भर करते हैं। परिणाम को निम्न प्रकार से समझा जाता है:
- नेगेटिव परिणाम (Negative Result):
- अगर इंजेक्शन वाली जगह पर कोई सूजन नहीं होती या सूजन का आकार 5 मिमी से कम होता है, तो इसे नेगेटिव माना जाता है।
- इसका मतलब है कि व्यक्ति को टीबी का संक्रमण नहीं है।
- पॉजिटिव परिणाम (Positive Result):
- अगर सूजन का आकार 5 मिमी या उससे अधिक है, तो इसे पॉजिटिव माना जाता है।
- इसका मतलब है कि व्यक्ति के शरीर में टीबी के बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं।
- संदिग्ध परिणाम (Borderline Result):
- कभी-कभी सूजन का आकार ठीक से परिभाषित नहीं होता।
- ऐसी स्थिति में डॉक्टर अन्य टेस्ट, जैसे X-ray या ब्लड टेस्ट, की सलाह दे सकते हैं।
किन परिस्थितियों में मंटू टेस्ट पॉजिटिव हो सकता है?
मंटू टेस्ट पॉजिटिव आने के कई कारण हो सकते हैं:
- सक्रिय टीबी संक्रमण:
- व्यक्ति वर्तमान में टीबी से ग्रसित हो सकता है।
- टीबी के संपर्क में आना:
- अगर व्यक्ति पहले टीबी के मरीज के संपर्क में आया हो।
- बीसीजी (BCG) टीका:
- जिन लोगों को बचपन में बीसीजी का टीका लगा हो, उनमें भी मंटू टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है।
- टीबी का पुराना संक्रमण:
- अगर व्यक्ति को पहले टीबी हो चुकी है और उसका इलाज हो गया है।
मंटू टेस्ट क्यों किया जाता है?
मंटू टेस्ट निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:
- टीबी के लक्षण महसूस होने पर, जैसे:
- लंबे समय तक खांसी।
- बुखार।
- वजन घटना।
- रात को पसीना आना।
- किसी टीबी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर।
- लंबे समय तक कमजोर इम्यूनिटी से पीड़ित रहने पर।
- टीबी के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने या काम करने पर।
मंटू टेस्ट के फायदे
- यह एक आसान और दर्दरहित टेस्ट है।
- इससे शुरुआती चरण में ही टीबी संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
- टीबी के उपचार की योजना बनाने में मदद करता है।
मंटू टेस्ट के सीमित पक्ष
- यह टेस्ट यह नहीं बताता कि व्यक्ति को सक्रिय टीबी है या नहीं।
- पॉजिटिव परिणाम का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति को बीमारी है, क्योंकि बीसीजी टीके से भी परिणाम पॉजिटिव आ सकता है।
- अन्य टेस्ट, जैसे X-ray या ब्लड टेस्ट (IGRA), की आवश्यकता हो सकती है।
मंटू टेस्ट के बाद क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
- इंजेक्शन वाली जगह को खरोंचें या रगड़ें नहीं।
- जगह को साफ और सूखा रखें।
- 48-72 घंटे के भीतर डॉक्टर के पास जाकर परिणाम की जांच जरूर कराएं।
- किसी भी असामान्य प्रतिक्रिया, जैसे ज्यादा सूजन, दर्द, या जलन होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
मंटू टेस्ट टीबी के निदान के लिए एक बेहद प्रभावी और सरल प्रक्रिया है। यह टेस्ट न केवल टीबी के संपर्क में आने का पता लगाने में मदद करता है, बल्कि इससे समय रहते उपचार शुरू करने का मौका भी मिलता है।
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