Vldl Cholesterol in Hindi: इसके महत्व, प्रक्रिया और परिणामों को जानें
Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta
Written By Komal Daryani
on Sep 24, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Sep 24, 2024
वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल क्या है?
वीएलडीएल का मतलब है "वेरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन।" ये लिपोप्रोटीन का एक प्रकार होता है जिसे हमारा लिवर बनाता है और इसे रक्त में भेजता है।
लिपोप्रोटीन वो कण होते हैं जो हमारे खून में वसा (जैसे कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स) को इधर-उधर ले जाते हैं। वसा अकेले खून में घूम नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें लिपोप्रोटीन की मदद से शरीर के अलग-अलग अंगों और टिश्यू तक पहुँचाया जाता है।
वीएलडीएल का मुख्य काम ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल को उन जगहों तक पहुँचाना होता है जहाँ इनकी जरूरत होती है। यह प्रक्रिया शरीर को ऊर्जा देने, ऊर्जा को स्टोर करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है। हालांकि, अगर खून में वीएलडीएल की मात्रा ज़्यादा हो जाए, तो इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
वीएलडीएल कण किससे बने होते हैं?
VLDL कण एक कॉम्प्लेक्स स्ट्रक्चर है, जो कई अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स से मिलकर बनी होती है। आइए इसके प्रमुख कॉम्पोनेंट्स को समझें:
- ट्राइग्लिसराइड्स: VLDL का सबसे बड़ा हिस्सा ट्राइग्लिसराइड्स से बना होता है। ये फैट के एक प्रकार हैं जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। VLDL में लगभग 70% ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल: हालांकि VLDL मुख्य रूप से ट्राइग्लिसराइड्स ले जाता है, इसमें थोड़ी मात्रा में कोलेस्ट्रॉल भी होता है।
- फॉस्फोलिपिड्स: ये लिपिड फैट के एक प्रकार हैं जो VLDL कण की बाहरी परत बनाने में मदद करते हैं।
- एपोलिपोप्रोटीन: ये प्रोटीन हैं जो VLDL कण को एक साथ रखने और उसे सही जगह पहुंचाने में मदद करते हैं। VLDL में मुख्य रूप से एपोलिपोप्रोटीन B-100 पाया जाता है।
इन सभी घटकों को मिलाकर VLDL कण बनता है, जो एक छोटे से गेंद की तरह दिखता है। इसकी बाहरी परत फॉस्फोलिपिड्स और एपोलिपोप्रोटीन से बनी होती है, जबकि अंदर ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल भरे होते हैं।
वीएलडीएल और वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल में क्या अंतर है?
अक्सर लोग VLDL और VLDL कोलेस्ट्रॉल को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन वास्तव में इन दोनों में थोड़ा अंतर है। आइए इसे समझें:
VLDL (Very Low-Density Lipoprotein):
- यह एक लिपोप्रोटीन है, यानी एक ऐसा कण जो लिपिड (फैट) और प्रोटीन से बना होता है।
- VLDL मुख्य रूप से ट्राइग्लिसराइड्स ले जाता है, लेकिन इसमें थोड़ी मात्रा में कोलेस्ट्रॉल भी होता है।
- यह यकृत (लिवर) द्वारा बनाया जाता है और रक्त में छोड़ा जाता है।
VLDL कोलेस्ट्रॉल:
- यह VLDL कण में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को दर्शाता है।
- जब हम VLDL कोलेस्ट्रॉल की बात करते हैं, तो हम वास्तव में VLDL कण में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की बात कर रहे होते हैं।
- यह VLDL का एक हिस्सा है, पूरा VLDL नहीं।
सरल शब्दों में कहें तो, VLDL एक वाहन की तरह है जो कई यात्रियों (विभिन्न प्रकार के लिपिड) को ले जा रहा है, जबकि VLDL कोलेस्ट्रॉल उन यात्रियों में से एक विशेष यात्री (कोलेस्ट्रॉल) है।
क्या वीएलडीएल खराब कोलेस्ट्रॉल है?
VLDL को अक्सर "खराब" कोलेस्ट्रॉल के रूप में क्लासीफाइड किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। आइए इसे विस्तार से समझें:
VLDL का प्राइमरी काम :
- VLDL का मुख्य काम ट्राइग्लिसराइड्स को यकृत से शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाना है।
- यह प्रक्रिया हमारे शरीर के लिए जरुरी है क्योंकि ट्राइग्लिसराइड्स ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
VLDL का परिवर्तन:
- जब VLDL अपने ट्राइग्लिसराइड्स को छोड़ देता है, तो यह धीरे-धीरे LDL (Low-Density Lipoprotein) में बदल जाता है।
- LDL को "खराब" कोलेस्ट्रॉल माना जाता है क्योंकि यह धमनियों (arteries) की दीवारों पर जमा हो सकता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- उच्च VLDL लेवल आमतौर पर उच्च ट्राइग्लिसराइड लेवल के साथ जुड़ा होता है।
- उच्च ट्राइग्लिसराइड लेवल हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है।
VLDL बनाम LDL:
- हालांकि VLDL को "खराब" माना जाता है, यह LDL जितना हानिकारक नहीं है।
- LDL सीधे धमनियों (arteries) की दीवारों पर जमा हो सकता है, जबकि VLDL का ये सीधा असर नहीं होता।
इसलिए, जबकि VLDL को पूरी तरह से "खराब" नहीं कहा जा सकता, उच्च VLDL स्तर एक चेतावनी संकेत हो सकता है। यह दर्शाता है कि आपके रक्त में अधिक ट्राइग्लिसराइड्स हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल कैसे मापा जाता है?
VLDL कोलेस्ट्रॉल को मापना आसान नहीं है। इसे समझने के लिए कुछ मुख्य बातें:
- सीधा मापना मुश्किल है:
- इसके लिए खास मशीनें चाहिए जो ज्यादातर जगह नहीं होतीं।
- यह करना महंगा भी पड़ता है।
- इसलिए, डॉक्टर अनुमान लगाते हैं:
- वे आपके खून में ट्राइग्लिसराइड्स देखते हैं।
- इससे वे VLDL का अंदाजा लगा लेते हैं।
- अनुमान कैसे लगाते हैं:
- वे एक सरल गणित का इस्तेमाल करते हैं।
- VLDL = ट्राइग्लिसराइड्स ÷ 5
- यानी, ट्राइग्लिसराइड्स को 5 से भाग दे देते हैं।
- लिपिड टेस्ट में क्या होता है:
- डॉक्टर आपका खून जांचते हैं।
- वे कुल कोलेस्ट्रॉल, LDL, HDL और ट्राइग्लिसराइड्स देखते हैं।
- फिर इन्हीं से VLDL का अनुमान लगा लेते हैं।
- ध्यान देने वाली बात:
- यह तरीका तभी सही काम करता है जब ट्राइग्लिसराइड्स 400 से कम हों।
- अगर ज्यादा हैं, तो अनुमान गलत हो सकता है।
इस तरह से, डॉक्टर आपके VLDL कोलेस्ट्रॉल का अंदाजा लगा लेते हैं, बिना कोई खास टेस्ट किए।
वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कैसे कम किया जा सकता है?
VLDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने के आसान तरीके:
- अच्छा खाना खाएं:
- कम तेल-घी वाला खाना खाएं
- ज्यादा फल, सब्जियां और अनाज खाएं
- मछली जैसे अच्छे वसा वाले खाद्य पदार्थ खाएं
- रोज व्यायाम करें:
- हफ्ते में कम से कम ढाई घंटे व्यायाम करें
- तेज चलना, दौड़ना या साइकिल चलाना अच्छा रहता है
- सही वजन रखें:
- ज्यादा वजन VLDL को बढ़ा सकता है
- अगर मोटापा है, तो धीरे-धीरे वजन कम करें
- शराब कम पिएं:
- ज्यादा शराब VLDL को बढ़ाती है
- अगर पीते हैं, तो थोड़ी मात्रा में पिएं
- सिगरेट छोड़ें:
- सिगरेट पीना VLDL बढ़ाता है
- ये और भी कई बीमारियां पैदा करता है
- दवाइयां:
- कभी-कभी डॉक्टर दवाई दे सकते हैं
- ये दवाइयां VLDL को कम करने में मदद करती हैं
याद रखें, ये बदलाव धीरे-धीरे करें। अचानक सब कुछ बदलने की कोशिश न करें। छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपने VLDL को नियंत्रित कर सकते हैं।
VLDL कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरुरी है, लेकिन इसका हाई लेवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। दिए गए तरीको से अपने लिपिड प्रोफाइल की जांच करवाना और स्वस्थ जीवनशैली अपना कर आप VLDL कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रख सकते है।