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Typhoid in Hindi: टाइफाइड के लक्षण, रोकथाम, जोखिम, तथा इलाज

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Typhoid in Hindi: टाइफाइड के लक्षण, रोकथाम, जोखिम, तथा इलाज

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Kirti Saxena
on Jun 3, 2024

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Jun 3, 2024

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Typhoid in Hindi: टाइफाइड के लक्षण, रोकथाम, जोखिम, तथा इलाज
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टाइफाइड बुखार किसी व्यक्ति की जान भी ले सकता है। यह साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। टाइफाइड जानलेवा इन्फेक्शन है जो ज्यादातर दूषित भोजन करने या पानी से फैलता है। अगर साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया शरीर में चले गए तो यह बढ़ते हैं फिर यह ब्लड फ्लो में फैल जाते हैं। टाइफाइड से इन्फेक्टेड व्यक्ति को एंटीबायोटिक दवाओं का ट्रीटमेंट ना मिलने पर उनकी मृत्यु भी हो सकती है। 

टाइफाइड बुखार क्या है?

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण टाइफाइड होता है। यह जीवाणु आंतों और रक्तप्रवाह में रहता है। जो लोग इन जीवाणुओं से संक्रमित होते हैं वह दूसरों को भी इन्फेक्टेड कर देते हैं। टाइफाइड ज्यादातर तब होता है जब कोई इन्फेक्टेड व्यक्ति अपने हाथों को साफ़ नहीं रखता है। बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथ साफ़ नहीं करता है इससे बैक्टीरिया हाथों पर ही रह जाते हैं साथ ही खाने और पीने की चीजों को छूने पर वो भी दूषित हो जाती है। 

दूषित पानी से धुली सब्जी और फल खाने से भी टाइफाइड होता है टाइफाइड बुखार और पैराटाइफाइड बुखार 103 से 104°F (39 से 40°C) तक हो सकता है। जिससे दस्त या कब्ज, कमजोरी, भूख न लगना, पेट दर्द, खांसी हो सकती है कुछ लोगों को गुलाबी रंग के, चपटे धब्बों वाले दाने भी निकल आते हैं।

किसी टाइफाइड जानवर में नहीं होता है, इसलिए संचरण हमेशा मनुष्य से मनुष्य में होता है। साल्मोनेला टाइफी मुंह से शरीर में चली जाती है जो की आंत में 1 से 3 सप्ताह तक रहती है। फिर यह आंतों की दीवार से और रक्त प्रवाह में अपना रास्ता बनाती है।

टाइफाइड के लक्षण

इसके लक्षण धीरे-धीरे नजर आते हैं जो बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 1 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।

प्रारंभिक लक्षण

  • ठंड लगना 
  • बुखार जो कम तापमान से शुरू होकर बढ़ता है जो 104°F (40°C) तक पहुंच जाता है।
  • कमजोरी और थकान महसूस होना
  • सिरदर्द होना 
  • मांसपेशियों में दर्द बने रहना 
  • दस्त या कब्ज 
  • पेट दर्द होना 
  • पसीना आना 
  • खांसी, भूख न लगना

बाद में होने वाली बीमारी

लक्षण शुरू होने के कुछ हफ्ते बाद बीमारी आंतों में परेशानी पैदा कर सकती है। जिससे आपको यह समस्या हो सकती है। 

  • पेट बहुत सूजा हुआ 
  • पेट दर्द होना 
  • आंत के बैक्टीरिया से पूरे शरीर में फैलने वाला एक संक्रमण (सेप्सिस)

कुछ लोगों का बुखार खत्म होने के बाद लक्षण वापस आ सकते हैं।

टाइफाइड बुखार से रोकथाम

जहां साफ़ सफाई ना हो और साफ़ पानी ना हो ऐसी जगह पर टाइफाइड बुखार आम है। साफ़ पानी और उचित सफाई, फ़ूड हैंडलर्स के बीच सफाई, और टाइफाइड टीकाकरण यह सभी टाइफाइड बुखार को रोकने में कारगर हैं।

लोकल एरिया में जाने वाले लोगों को टाइफाइड बुखार का ज्यादा खतरा होता है हालांकि जहां आवास, सफाई और फ़ूड हाइजीन के मानक ऊंचे होते हैं। वहां जोखिम आमतौर पर कम होता है जिन जगहों पर टाइफाइड बुखार का खतरा ज्यादा है वहां जाने वाले यात्रियों को टाइफाइड बुखार के टीकाकरण ऑफर किये जाने चाहिए।

आगे बताई गई सिफारिशें ट्रैवलिंग के समय सुरक्षा करने में मदद करेंगी

  • जो बर्फ साफ़ पानी से न बनी हो उसके सेवन से बचना चाहिए। 
  • फलों और सब्जियों को अच्छे से धोएं साफ पानी से धोएं अगर संभव हो तो सब्जियों और फलों को छीलकर रखना चाहिए।
  • भोजन अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए और परोसे जाने पर भी गर्म हो।
  • बाथरूम जाने के बाद साबुन से हाथ धोएं।
  • कच्चे दूध को पीने या कच्चे दूध से बने उत्पादों से बचें। उबला हुआ दूध ही पियें।
  • पीने का पानी साफ़ ना हो तो इसे उबाल के पिएं।
  • पालतू जानवरों के साथ रहने या खेत के जानवरों के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं। 

टाइफाइड से जोखिम

टाइफाइड बुखार से दुनिया भर में हर साल लाखों लोग प्रभावित होते है। अफ्रीका और दक्षिण एशिया में इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। 

आपके लिए यह तब जोखिम बन सकता है अगर आप:

  • साल्मोनेला एंटरिका सीरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया को संभालने वाले क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के रूप में आप काम करते हैं।
  • ऐसे व्यक्ति के कांटेक्ट में रहना जो इन्फेक्टेड है या हाल ही में टाइफाइड बुखार से इन्फेक्टेड हुआ है।
  • ऐसी जगह पर काम करना या यात्रा करना जहां टाइफाइड बुखार है। 

टाइफाइड बुखार की जटिलता

आंतों को नुकसान - टाइफाइड बुखार से आंतों को नुकसान पहुंचता है और रक्तस्राव हो सकता है। टाइफाइड से छोटी या बड़ी आंत की दीवारों की कोशिकाएं भी नष्ट हो सकती हैं। इससे आंत में जमा हो रही यह गंदगी शरीर में जाती है। फिर उल्टी, पेट दर्द और पूरे शरीर में सेप्सिस इन्फेक्शन हो सकता है। बीमारी की लास्ट स्टेज में आंतों को नुकसान हो सकता है। जिसके लिए मेडिकल देखभाल की जरूरत होती है।

अन्य जटिलताओं में शामिल हैं:

  • अग्न्याशय की सूजन जिसे अग्नाशयशोथ कहा जाता है।
  • हार्ट की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिसे मायोकार्डिटिस कहा जाता है।
  • मनोरोग से जुड़ी समस्याएं।
  • ब्लड वेसल में इन्फेक्शन जिसे माइकोटिक एन्यूरिज्म कहा जाता है।
  • ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्लियों और तरल पदार्थ का संक्रमण और सूजन जिसे मेनिनजाइटिस कहा जाता है।
  • हार्ट और वाल्व की परत में सूजन आना, जिसे एंडोकार्डिटिस कहा जाता है।
  • निमोनिया।
  • गुर्दे या मूत्राशय में इन्फेक्शन। 

टाइफाइड का निदान

इन्फेक्टेड व्यक्ति से डॉक्टर उसके बुखार के इतिहास के बारे में पूछ सकते हैं की क्या आपने उन जगहों पर यात्रा की है जहां यह बीमारी है या जहां इस बीमारी से लोग इन्फेक्टेड है। साथ ही आपसे यह भी सवाल करेंगे की आपने कोई वैक्सीनेशन करवाया है, आप कहां रहते हैं, किसी तरह की कोई मेडिसिन ले रहे हैं। डॉक्टर यह भी जानना चाहेंगे कि क्या इन्फेक्टेड व्यक्ति किसी दूषित भोजन और पानी के कांटेक्ट में आया है। इन सब सवालों के आधार पर पता लगाकर डॉक्टर इसका निदान करेंगे। 

टाइफाइड बुखार का इलाज 

टाइफाइड बुखार को एंटीबायोटिक दवाओं से सही किया जा सकता है। टाइफाइड बुखार से जो जगह सबसे ज्यादा जहां प्रभावित है वहां ज्यादा महंगा ट्रीटमेंट नार्मल है जब लक्षण खत्म हो जाते हैं तब भी लोगों में टाइफाइड बैक्टीरिया हो सकता है जिसका मतलब है कि वे अपने मल में बैक्टीरिया बहाकर इसे दूसरों में फैला सकते हैं।

जो लोग टाइफाइड बुखार का इलाज करा रहे हैं उन्हें इन बातों पर गौर करना चाहिए। 

  • डॉक्टर ने जब तक एंटीबायोटिक लेने के लिए कहा है तब तक लें।
  • यह जानने के लिए शरीर में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया नहीं रह गया है तो इसके लिए अपने डॉक्टर से टेस्ट करवाएं।
  • जब भी बाथरूम का उपयोग करें उसके बाद अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं और दूसरों के लिए भोजन ना बनाएं और ना ही परोसे। ऐसा करने से किसी और को इन्फेक्शन होने के चांसेस कम हो जाएंगे।

Conclusion

टाइफाइड का समय पर इलाज कर लिया जाये तो यह ठीक हो जाता है और अनदेखा करने पर या जरा सी भी लापरवाही की तो यह बुखार आपकी जान ले सकता है। अगर आपको टाइफाइड हो गया है तो अपना इलाज करवाएं और आराम करें। डॉक्टर ने जो ट्रीटमेंट दिया है उसे पूरा करें। उचित देखभाल से टाइफाइड में आराम मिलता है और जल्दी ही ठीक भी हो जाता है।

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