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Anti TPO Test in Hindi: थायराइड समस्याओं की जांच और नियंत्रण

Lab Test In Hindi

Anti TPO Test in Hindi: थायराइड समस्याओं की जांच और नियंत्रण

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Medically Reviewed By
Dr Sohini Sengupta

Written By Komal Daryani
on May 24, 2024

Last Edit Made By Komal Daryani
on May 24, 2024

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Anti TPO Test
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एंटी टीपीओ टेस्ट क्या है?

एंटी टीपीओ टेस्ट एक नार्मल ब्लड टेस्ट है जो ब्लड में टीपीओ एंटीबॉडी की मात्रा को मापता है। हाई एंटीबॉडी लेवल ऑटोइम्यून थायराइड का स्टार्टिंग स्टेज का संकेत सकता है। इससे थकान, स्ट्रेस, वजन बढ़ने जैसे सिंप्टोम्स हो सकती है। 

थाइरॉयड ग्लैंड शरीर में मौजूद एक छोटी सी तितली के आकार की ग्लैंड है जो गर्दन के सामने के हिस्से में होती है। ये ग्लैंड हार्मोन्स को प्रोड्यूस करता है जो शरीर के नेचुरल फंक्शन को कंट्रोल करते हैं। इनमें से दो जरूरी हार्मोन्स हैं - थायरोक्सिन - टी4 और ट्राईआयोडोथायरोनिन - टी 3। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस टेस्ट से जुड़ी और भी खास बातों के बारे में।

एंटी टीपीओ टेस्ट क्यों जरूरी है?

एंटी टीपीओ टेस्ट जरूरी है क्योंकि ये आपके शरीर में होने वाले कई जरूरी बदलावों की पहचान कर सकता है। जैसे की 

  • थायरॉयड रोगों का खतरा : एंटी टीपीओ एंटीबॉडी का मौजूद होना थायराइड रोगों के लिए एक जोखिम का संकेत है। ये आपको थायरॉयड हेल्थ की जाँच करने में मदद कर सकता है।
  • इम्यून डिसऑर्डर का पता लगाना : एंटी टीपीओ एंटीबॉडी का मौजूद होना ऑटो इम्यून डिसऑर्डर की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। इसका मतलब ये हो सकता है कि आपका शरीर अपने ही टिशूज को नुकसान पहुंचा रहा है।
  • गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का पता लगाना : गर्भावस्था यानी की प्रेगनेंसी के दौरान एंटी टीपीओ एंटीबॉडी का मौजूद होना गर्भावस्था की जटिलताओं जैसे प्री-एक्लेम्पसिया या गर्भपात का संकेत हो सकता है। इस जानकारी से आप अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकते हैं।
  • थायरॉइड कैंसर का पता लगाना : एंटी टीपीओ एंटीबॉडी का मौजूद होना थायरॉइड कैंसर का संकेत हो सकता है। इस जानकारी से आप जल्द से जल्द इलाज शुरू कर सकते हैं।

एंटी टीपीओ टेस्ट कैसे किया जाता है?

एंटी टीपीओ टेस्ट एक आसान और सरल तरीके से किया जाता है। ये एक ब्लड टेस्ट है जिसको करने के लिए आपको हॉस्पिल या लेबोरेटरी में जाना होता है। एंटी टीपीओ टेस्ट करने के लिए डॉक्टर आपका ब्लड सैंपल लेंगे और उसे जांच के लिए भेजेंगे।

एंटी टीपीओ टेस्ट करने के लिए आपको किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती है आप आसान तरीके से अपना रोजमर्रा का काम कर सकते हैं। 

टेस्ट के दौरान ये पता लगाया जाता है की एंटी-टीपीओ और एंटी-टीजी एंटीबॉडीज़ की मात्रा आपके शरीर में कितनी हैं। इन एंटीबॉडीज़ की मात्रा से थाइरॉयड संबंधी किसी भी समस्या का पता लगाया जा सकता है।

एंटी टीपीओ टेस्ट के रिजल्ट्स

एंटी टीपीओ टेस्ट के रिजल्ट्स में दो बातें आती हैं - एंटी-टीपीओ एंटीबॉडीज़ और एंटी-टीजी एंटीबॉडीज़।

  • एंटी-टीपीओ एंटीबॉडी:

सामान्य रेंज Normal Range - 0 से 34 IU/mL (0 to 34 IU/mL)

अगर एंटी-टीपीओ एंटीबॉडी का स्तर नॉर्मल रेंज से ऊपर है तो ये थायरॉयडिटिस की संभावना को इंडिकेट करता है।

  • एंटी-टीजी एंटीबॉडीज़:

सामान्य रेंज - 0 से 116 IU/mL (0 to 116 IU/mL)

अगर एंटी-टीजी एंटीबॉडी का स्तर नॉर्मल रेंज से ऊपर है तो ये थायरॉइडिटिस या हाइपरथायरॉइडिज्म का संकेत हो सकता है।

एंटी टीपीओ टेस्ट के रिजल्ट्स का मतलब समझना बहुत जरूरी है। अगर आपके टेस्ट में कोई असामान्यता आती है तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। वे आपके लिए सही इलाज और उपचार का सुझाव दे सकते हैं।

एंटी टीपीओ टेस्ट के लेवल्स

एंटी टीपीओ टेस्ट के लेवल्स कुछ इस तरह सकते हैं:-

  • सामान्य लेवेल : यदि आपके टेस्ट के परिणाम नार्मल स्तर में आते हैं, तो ये संकेत देता है कि आपके शरीर में एंटी टीपीओ एंटीबॉडी नहीं हैं। ये आपके थायरॉयड स्वास्थ्य (thyroid health) के लिए अच्छी खबर है।
  • हाई लेवेल : यदि आपके टेस्ट के परिणाम उच्च यानि की हाई स्तर में आते हैं, तो ये संकेत देता है कि आपके शरीर में एंटी टीपीओ एंटीबॉडी मौजूद हैं। ये थायरॉयड रोगों या स्वत: प्रतिरक्षा (autoimmune disorders) विकारों का खतरा दर्शाता है। आपको अपने डॉक्टर्स से इस बारे में बात करनी चाहिए और आगे के टेस्ट्स कराने चाहिए।
  • बहुत उच्च लेवेल : यदि आपके टेस्ट के रेसल्ट बहुत हाई लेवल में आते हैं, तो ये संकेत दे सकता है कि आप किसी गंभीर थायरॉयड डिसऑर्डर जैसे हैशिमोटो थायरॉइडिटिस या ग्रेव्स जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। आपको तुरंत अपने डॉक्टर्स से बात करनी चाहिए और सही इलाज़ शुरू करवाना चाहिए।

एंटी टीपीओ टेस्ट के रिजल्ट को समझना जरुरी है क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। ये आपको अपने थायरॉयड स्वास्थ्य पर नजर रखने और किसी गंभीर हेल्थ प्रोब्लेम्स का जल्दी पता लगाने में मदद कर सकता है।

एंटी टीपीओ टेस्ट के फ़ायदे

एंटी टीपीओ टेस्ट के कई फ़ायदे हैं:

  • थायरॉयड रोगों का जल्द पता लगाना : ये टेस्ट थायरॉयड रोगों जैसे हैशिमोटो थायरॉइडिटिस या ग्रेव्स रोग का जल्द पता लगाने में मदद कर सकता है। जल्द पता लगाना जरूरी है क्योंकि इससे इन रोगों का समय रहते ठीक किया जा सकता है।
  • गर्भावस्था की जटिलताओं को रोकना : गर्भावस्था के दौरान एंटी टीपीओ एंटीबॉडी का पता लगाना जरुरी है। ये आपको प्री-इक्लैम्पसिया या गर्भपात जैसी जटिलताओं से बचने में मदद कर सकता है।
  • थायरॉइड कैंसर का जल्द पता लगाना): एंटी टीपीओ टेस्ट थायरॉइड कैंसर का भी पता लगा सकता है। जल्द पता लगाना कैंसर के उपचार की संभावनाओं को बढ़ाता है।
  • स्वास्थ्य की निगरानी : एंटी टीपीओ टेस्ट आपके थायरॉयड स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद करता है। ये आपको अपने शरीर में होने वाले बदलावों का पता लगाने और समय रहते उपाय करने में मदद करता है।

एंटी टीपीओ को नॉर्मल लेवल पर कैसे रखें ?

एंटी टीपीओ को नॉर्मल लेवल पर बनाए रखने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। यहां कुछ टिप्स है जिससे आप एंटी टीपीओ को नार्मल रख सकते हैं:

थाइरॉयड हार्मोन्स का नियमित सेवन:

  • थाइरॉयड हार्मोन्स की दवाएं डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना बहुत जरूरी है।
  • दवाओं का नियमित और समय पर सेवन करना चाहिए।
  • दवाएं लेना भूल जाना या अधिक लेना भी खतरनाक हो सकता है।

स्वस्थ भोजन का सेवन :

  • थाइरॉयड के लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे- आयोडीन, सेलेनियम, विटामिन D को सही मात्रा में लेना चाहिए।
  • प्रोसेस्ड और कम पोषक भोजन से बचना चाहिए।
  • प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे आहार लेने चाहिए।

स्ट्रेस का मैनेजमेंट :

  • अधिक स्ट्रेस थाइरॉयड समस्याओं को बढ़ा सकता है।
  • योग, ध्यान, व्यायाम और तनाव कम करने वाली गतिविधियों का करना चाहिए।
  • अच्छी नींद और आराम भी जरूरी है।

वजन का ध्यान रखना:

  • मोटापा और वजन में उतार-चढ़ाव थाइरॉयड समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।
  • स्वस्थ और संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन को सही रखें।

नियमित चेक-अप :

  • थायराइड समस्याओं की जांच के लिए नियमित रूप से डॉक्टर से मिलते रहना चाहिए।
  • एंटी टीपीओ, TSH और अन्य टेस्ट समय-समय पर करवाते रहना जरूरी है।

धूम्रपान और शराब का सेवन से बचना :

  • ये आदतें थाइरॉयड समस्याओं को और बिगाड़ सकती हैं।
  • इनका सेवन कम से कम करना या पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए।

इन टिप्स का ध्यान रखकर आप अपने एंटी टीपीओ स्तर को कंट्रोल और नॉर्मल रख सकते हैं। 

एंटी टीपीओ टेस्ट के इन फायदों से आप अपने हेल्थ का बेहतर कर सकते हैं और किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का जल्द से जल्द पता लगा सकते हैं। ये आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

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1 Comments

  • अनीता देवी

    Sep 9, 2024 at 1:21 PM.

    मेरा ऐंटी टी,पी,ओ, 1000.00 u/ml 0-60 आया आज

    • MyHealth Team

      Sep 11, 2024 at 3:21 PM.

      आपका एंटी-टीपीओ (Anti-TPO) स्तर 1000.00 u/ml है, जबकि सामान्य सीमा 0-60 u/ml है। यह उच्च स्तर थायरॉइड संबंधित समस्याओं, जैसे थायरॉइडिटिस या ऑटोइम्यून थायरॉइड डिजीज का संकेत हो सकता है। आपको थायरॉइड की स्थिति की जांच के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि उचित निदान और उपचार किया जा सके।

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