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Albumin Test in Hindi: क्या है, कैसे और क्यों किआ जाता है

Lab Test In Hindi

Albumin Test in Hindi: क्या है, कैसे और क्यों किआ जाता है

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Kirti Saxena
on Jun 17, 2024

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Jun 17, 2024

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Albumin Test
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एल्ब्यूमिन टेस्ट क्या है?

एल्ब्यूमिन एक ज़रूरी प्रोटीन है जो हमारे शरीर में पाया जाता है। ये प्रोटीन लिवर द्वारा बनाया जाता है और खून में मौजूद रहता है। एल्ब्यूमिन का ज़रूरी काम है शरीर में तरल यानि की फ्लूइड का संतुलन बनाए रखना। एल्ब्यूमिन का लेवल मापने के लिए एक ख़ास ब्लड टेस्ट किया जाता है जिसे एल्ब्यूमिन टेस्ट कहा जाता है।

इस टेस्ट के रिजल्ट से पता चलता है कि शरीर में एल्ब्यूमिन का लेवल नार्मल है या नहीं। कम एल्ब्यूमिन लेवल (हाइपोएल्ब्युमिनेमिया) लिवर रोग, गुर्दे(kidney) की बीमारी, कुपोषण (malnutrition) या प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकता है। वहीं, हाई एल्ब्यूमिन लेवल (हाइपरएल्ब्युमिनेमिया) शरीर में पानी की कमी, मल्टीपल माइलोमा या कुछ दूसरी स्थितियों का संकेत हो सकता है। एल्ब्यूमिन टेस्ट की इंटरप्रेटेड अन्य परीक्षणों के परिणामों के साथ की जानी चाहिए क्योंकि एल्ब्यूमिन के लेवल कई फैक्टर्स से प्रभावित होते हैं। इस तरह, एल्ब्यूमिन टेस्ट अलग-अलग हेल्थ प्रोब्लेम्स का पता लगाने में ज़रूरी भूमिका निभाता है।

एल्ब्यूमिन टेस्ट क्यों जरूरी है?

शरीर की फ्लूइड का संतुलन बनाए रखने के लिए एल्ब्यूमिन टेस्ट जरुरी है।

  1. ये टेस्ट हमें बताता है कि हमारे लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं। लिवर ही एल्ब्यूमिन बनाता है, इसलिए अगर एल्ब्यूमिन का लेवल कम है तो इसका मतलब हो सकता है कि लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा।
  2. इस टेस्ट से पता चलता है कि गुर्दे (kidneys) सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं। क्योंकि गुर्दे ही एल्ब्यूमिन को शरीर से बाहर निकालते हैं। अगर गुर्दे बीमार हैं तो एल्ब्यूमिन का लेवल बदल सकता है। 
  3. इस एल्ब्यूमिन टेस्ट के द्वारा हमारे शरीर में प्रोटीन के लेवल का पता चल सकता है यानि कि हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी है हम कुपोषित है इसका पता लगाया जा सकता है.
  4. कुछ बीमारियों जैसे कैंसर में भी एल्ब्यूमिन का लेवल बदल सकता है। इसलिए इस टेस्ट से ऐसी बीमारियों का पता चल सकता है।
  5. कुछ मरीजों को दवाइयां दी जाती हैं तो इस टेस्ट से यह भी पता चलता है कि उनका उपचार कितना असरदार है।

इस तरह, एल्ब्यूमिन टेस्ट शरीर की कई ज़रूरी जानकारियां देता है, इसलिए ये जरूरी है।

एल्ब्यूमिन टेस्ट कैसे किया जाता है?

एल्ब्यूमिन टेस्ट करने के लिए सबसे आम तरीका खून का सैंपल लेना होता है। इस चीज़ को अच्छे से समझने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स पर ध्यान दें:

  • रक्त नमूना लेना: डॉक्टर या नर्स आपके हाथ या बाजु ब्लड का सैंपल लेंगे फिर उस सैंपल को एक टेस्ट ट्यूब में भरेंगे।
  • नमूना प्रोसेसिंग: लिया गया ब्लड सैंपल किसी प्रयोगशाला (laboratory) में भेजा जाता है जहां इसे ख़ास तरीके से प्रोसेस किया जाता है। ये प्रोसेसिंग ब्लड को जमने से रोकती है ताकि एल्ब्यूमिन के लेवल को सही से मापा जा सके।
  • विश्लेषण (Analysis): ब्लड सैंपल में एल्ब्यूमिन के लेवल को मापने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। सबसे आम तरीका कलरीमेट्रिक विश्लेषण (colorimetric analysis) है जिसमें कुछ रासायनिक प्रतिक्रियाएं (chemical reactions) होती हैं और एल्ब्यूमिन की मात्रा का पता चलता है।
  • रिपोर्टिंग: एनालिसिस के बाद, एल्ब्यूमिन का लेवल रिपोर्ट किया जाता है। नार्मल लेवल 3.4 से 5.4 ग्राम/डेसीलीटर के बीच होता है। कम या ज्यादा लेवल रिलेटेड हेल्थ कंडीशंस का संकेत हो सकता है।

कुछ दूसरे परिस्थितियों में, एल्ब्यूमिन को मूत्र (urine) या दूसरी शरीर द्रवों (body fluids) से भी मापा जा सकता है। लेकिन ब्लड टेस्ट सबसे आम और सटीक तरीका है। एल्ब्यूमिन टेस्ट एक आसान और सुरक्षित तरीका है जिससे शरीर की कई ज़रूरी जानकारियां मिलती हैं।

एल्ब्यूमिन टेस्ट के रिजल्ट्स

एल्ब्यूमिन टेस्ट के रिजल्ट्स को समझना जरूरी है क्योंकि इससे शरीर की कई जानकारियां मिलती हैं। आमतौर पर एल्ब्यूमिन के नार्मल लेवल होते हैं:

सामान्य स्तर (Normal level) : 3.4 से 5.4 ग्राम/डेसीलीटर (g/dL) 

अगर एल्ब्यूमिन के स्तर इससे कम या ज्यादा हों, तो इसका मतलब हो सकता है:

कम स्तर (हाइपोएल्ब्युमिनेमिया): 

  • 2.8 से 3.4 g/dL - हल्की कमी 
  • 2.1 से 2.7 g/dL - मध्यम कमी
  • कम से 2.1 g/dL - गंभीर कमी 

कम एल्ब्यूमिन के कुछ संभावित कारण:

  • लिवर रोग जैसे सिरोसिस (cirrhosis)
  • गुर्दे की बीमारियां (kidney diseases)
  • कुपोषण/प्रोटीन की कमी (Malnutrition/Protein deficiency)
  • जलन, सूजन आदि (irritation, swelling)

उच्च स्तर (हाइपरएल्ब्युमिनेमिया):

  • 5.5 से 6.5 g/dL - हल्की वृद्धि (mild increase)
  • अधिक से 6.5 g/dL - गंभीर वृद्धि (severe increase)

उच्च एल्ब्यूमिन के कुछ संभावित कारण: 

  • डिहाइड्रेशन 
  • मल्टीपल मायलोमा 
  • म्यूकोपॉलीसैकराइडोसिस 

इस तरह, एल्ब्यूमिन टेस्ट के रिजल्ट्स शरीर की अलग-अलग स्थितियों का संकेत देते हैं। डॉक्टर आमतौर पर इन रिजल्ट्स को दूसरे टेस्टों और लक्षणों के साथ मिलाकर डायग्नोसिस करते हैं ताकि सही इलाज किया जा सके।

एल्ब्यूमिन नॉर्मल लेवल पर कैसे रखें ?

एल्ब्यूमिन के लेवल को सामान्य रखने के लिए कुछ ज़रूरी बातें हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए:

  1. संतुलित आहार लें (Balanced diet) : प्रोटीन से भरपूर भोजन जैसे मांस, अंडे, दाल, सोयाबीन आदि खाएं। ये एल्ब्यूमिन को बनाने में मदद करेगा। साथ ही पौष्टिक आहार से कुपोषण (malnutrition) से भी बचा जा सकता है।
  2. पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करें (Consume adequate fluids) : पानी और अन्य तरल (fluids) चीज़ो को खाए ताकि शरीर में पानी की कमी क्योंकि इससे एल्ब्यूमिन लेवल इफ़ेक्ट हो सकता है।
  3. शराब और तंबाकू से बचें (Avoid alcohol and tobacco) : लिवर और किडनी पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो एल्ब्यूमिन लेवल को इफ़ेक्ट कर सकता है।
  4. वजन नियंत्रित रखें (Keep weight under control) : मोटापा लिवर और किडनी पर ज्यादा दबाव डालता है जिससे एल्ब्यूमिन लेवल पर इसका असर पर सकता है ।
  5. नियमित व्यायाम करें (Exercise regularly) : व्यायाम शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत करता है और एल्ब्यूमिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  6. संक्रमणों से बचें (Avoid infections) : किसी भी तरह के संक्रमण से बचना चाहिए क्योंकि ये लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  7. दवाइयों का सावधानीपूर्वक उपयोग करें (Use medications carefully) : कुछ दवाएं लिवर और किडनी की कार्यप्रणाली को इफ़ेक्ट कर सकती हैं।

अगर आपके एल्ब्यूमिन लेवल में कोई समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें और उनके इंस्ट्रक्शंस का पालन करें। एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप एल्ब्यूमिन के नार्मल लेवल को बनाए रख सकते हैं।

एल्ब्यूमिन टेस्ट शरीर की कई ज़रूरी जानकारियां देता है। इसके लेवल किडनी और कुपोषण (malnutrition) की स्थिति का पता चलता है। संतुलित आहार, पर्याप्त तरल पदार्थ (adequate fluid intake) का सेवन , व्यायाम (exercise) और संक्रमणों (infections) से बचने से एल्ब्यूमिन के सामान्य लेवल को बनाए रखा जा सकता है। एल्ब्यूमिन का असामान्य लेवल गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए और डॉक्टरों के मार्गदर्शन में इलाज़ करना चाहिए।

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