AFB Test in Hindi: समझें क्यों और कैसे किया जाता है
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Komal Daryani
on May 13, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 2, 2024
तपेदिक, जिसे टीबी के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर इन्फेक्शस बीमारी है। ये बैक्टीरिया के कारण होती है और फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचती है । टीबी होने पर खांसी, बुखार, वजन कम होना जैसे सिंप्टोम्स दिखाई देते हैं. लेकिन कई बार शुरुआती स्टेज में ये सिंप्टोम्स न के बराबर होते हैं, जिससे देर से पता चलने पर इलाज में दिक्कत होती है।
इसीलिए टीबी का जल्दी पता लगाना बहुत जरूरी है। एएफबी टेस्ट (AFB Test), जिसे एसिड-फास्ट बेसिली टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है, टीबी की जांच करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक कॉमन टेस्ट है। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस टेस्ट से जुड़ी और भी खास बातों के बारे में।
एएफबी टेस्ट क्या है?
एएफबी टेस्ट एक माइक्रोस्कोपिक जांच है. इसमें माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) नाम के बैक्टीरिया का पता लगाया जाता हैं , जो टीबी का कारण बनता है। ये बैक्टीरिया अपनी खास बनावट के कारण एसिड से रंग लेते हैं और माइक्रोस्कोप के नीचे आसानी से दिखाई देते हैं. इसलिए इस टेस्ट को एसिड-फास्ट बेसिली टेस्ट कहा जाता है।
एएफबी टेस्ट क्यों किया जाता है?
एएफबी टेस्ट ख़ासकर टीबी की जांच के लिए किया जाता है। ये टेस्ट खासकर तब किया जाता है, जब किसी इंसान में टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे:
- लगातार खांसी आना
- 3 हफ्तों से ज्यादा समय से बलगम (Mucus) का आना, जिसमें कभी-कभी खून भी हो सकता है,
- सीने में दर्द
- बुखार
- रात को पसीना आना
- वजन कम होना
- भूख कम लगना
- थकान रहना
इसके अलावा, और भी कई स्थितियों में डॉक्टर आपको एएफबी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जैसे:
- कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोग
- एचआईवी पॉजिटिव लोग
- डायबिटीज के मरीज
- जो लोग लंबे समय से स्टेरॉयड दवाएं (steroid medicines) ले रहे हैं।
एएफबी टेस्ट कैसे किया जाता है?
एएफबी टेस्ट एक आसान और दर्द रहित जांच है। इसे आमतौर पर डॉक्टर की क्लिनिक या किसी लैब में किया जा सकता है। टेस्ट करने के लिए इन तरीकों को फॉलो किया जाता है :-
- बलगम का नमूना लेना (Taking a sputum sample) : सबसे पहले मरीज को गहरी खांसी करने के लिए कहा जाएगा, जिससे थूक का गाढ़ा हिस्सा (बलगम) बाहर निकल आए। इस बलगम का एक छोटा सा नमूना लिया जाएगा। कुछ मामलों में, डॉक्टर बलगम का नमूना लेने के लिए ब्रोंकोस्कोपी (bronchoscopy) नामक प्रोसेस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नमूने की जांच (Testing the sample) : बलगम के नमूने को एक स्पेशल स्लाइड पर लगाया जाता है। इसके बाद, इस स्लाइड को कुछ केमिकल्स से रंगा जाता है। ये केमिकल्स एसिड-फास्ट बैक्टीरिया को खास रंग देते हैं।
- माइक्रोस्कोपिक जांच (Microscopic examination) : रंगी हुई स्लाइड को माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है। अगर स्लाइड में एसिड-फास्ट बैक्टीरिया दिखाई देते हैं, तो टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव होता है। जिसका मतलब है कि मरीज को टीबी हो सकती है। अगर बैक्टीरिया नहीं दिखाई देते हैं, तो टेस्ट का रिजल्ट नेगेटिव होता है।
एएफबी टेस्ट के नतीजे दो तरह के आ सकते हैं:
पॉजिटिव (Positive): अगर माइक्रोस्कोप में एसिड-फास्ट बैक्टीरिया दिखाई देते हैं। तो टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है। लेकिन, ये जरूरी नहीं है कि पॉजिटिव रिजल्ट का मतलब हमेशा टीबी ही हो। कुछ दूसरे माइकोबैक्टीरिया भी एसिड-फास्ट होते हैं, जो टीबी का कारण नहीं बनते। इसलिए, पॉजिटिव रिजल्ट आने पर डॉक्टर और टेस्ट की कन्फर्मेशन के लिए कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
नेगेटिव (Negative): अगर माइक्रोस्कोप में एसिड-फास्ट बैक्टीरिया नहीं दिखाई देते हैं, तो टेस्ट का रिजल्ट नेगेटिव आता है। नेगेटिव रिजल्ट का मतलब है कि टेस्ट के मुताबिक टीबी होने की संभावना कम है. लेकिन, कुछ मामलों में, खासकर शुरुआती स्टेज में टीबी के बैक्टीरिया की मात्रा इतनी कम हो सकती है कि एएफबी टेस्ट में वे दिखाई नहीं देते।
ये एक सरल तालिका है जो एएफबी (एसिड-फास्ट बैसिलस) टेस्ट को समझाता है:-
एएफबी परीक्षण परिणाम (AFB Test Result) |
व्याख्या (Interpretation) |
नेगेटिव |
कोई एसिड-फास्ट बैसिलस नहीं देखा गया |
थोड़ा |
बहुत ही कम एसिड-फास्ट बैसिलस देखे गए |
1+ |
कुछ एसिड-फास्ट बैसिलस देखे गए |
2+ |
मध्यम संख्या में एसिड-फास्ट बैसिलस देखे गए |
3+ |
बहुत सारे एसिड-फास्ट बैसिलस देखे गए |
4+ |
बहुत ज़्यदा एसिड-फास्ट बैसिलस देखे गए |
एएफबी टेस्ट की सीमाएं
एएफबी टेस्ट एक अच्छा टेस्ट है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं:
- धीमी गति (Slow Speed): एएफबी टेस्ट के रिजल्ट आने में 1-2 दिन लग सकते हैं. टीबी के जल्दी पता लगाने के लिए ये टेस्ट थोड़ा धीमा माना जाता है।
- संवेदनशीलता (Sensitivity): जैसा कि बताया गया है, शुरुआती स्टेज में टीबी के बैक्टीरिया की मात्रा कम होने के कारण एएफबी टेस्ट में वो दिखाई नहीं दे सकते हैं, जिससे गलत नेगेटिव रिजल्ट आने की संभावना रहती है।
- अन्य माइकोबैक्टीरिया (Other Mycobacteria): एसिड-फास्ट बैक्टीरिया कई तरह के होते हैं, और उनमें से सभी टीबी का कारण नहीं बनते। पॉजिटिव रिजल्ट आने पर ये पता नहीं चलता कि टीबी के बैक्टीरिया हैं या किसी अन्य तरह के माइकोबैक्टीरिया।
एसिड-फास्ट बेसिली (एएफबी) से बचने के तरीके
एसिड-फास्ट बेसिली (एएफबी) से बचने के लिए कुछ जरुरी तरीके हैं:
- वैक्सीनेशन: बचपन में बीसीजी (टीबी) वैक्सीन लेना बहुत जरूरी है। ये वैक्सीन एएफबी से बचाव करता है।
- सावधानी: टीबी इन्फेक्टेड इंसान के नजदीक होने से बचना चाहिए। उनसे दूर रहें और मास्क पहनें।
- स्वच्छता: अच्छी सफाई और स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए।
- पोषण (Nutrition): अच्छा पोषण लेना जरुरी है। ज्यादा प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार लेना चाहिए।
- तनाव प्रबंधन (Stress Management): तनाव और चिंता को कम करना चाहिए क्योंकि ये इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।
- चेकअप: रेगुलर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ताकि एएफबी का पता लगाया जा सके।
- इलाज़ (Treatment): अगर कोई इंसान एएफबी इंफेक्शन से इन्फेक्टेड है तो उसे तुरंत इलाज़ कराना चाहिए ताकि इंफेक्शन फैलने से रोका जा सके।
इन सभी चीज़ो का पालन करके एएफबी इंफेक्शन से खुद और दूसरों को बचा सकते हैं। साथ ही नियमित जाँच और समय पर इलाज़ करवाना भी बहुत जरूरी है।
एएफबी टेस्ट एक जरूरी और यूजफुल टेस्ट है जो तपेदिक के मरीजों यानी की टीबी के मरीजों की तेजी से पहचान करने में मदद करता है। ये टेस्ट सस्ता, तेज और आसान है, लेकिन इसमें कुछ सीमाएं भी हैं। इसलिए, डॉक्टर्स अक्सर एएफबी टेस्ट के साथ-साथ दूसरे टेस्ट का भी इस्तेमाल करते हैं। तपेदिक यानी टीवी एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय रहते इसका पता लगाकर और इलाज करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। एएफबी टेस्ट इसमें जरुरी भूमिका निभाता है।