OGTT Test During Pregnancy Why is It Done, Who Needs It, Cost in India, Normal Values and More

आपका ब्लड शुगर एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पैरामीटर है और एक ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (ओजीटीटी) डॉक्टरों को यह एनालाइज करने में मदद करता है कि आपके शरीर में शुगर को कितनी अच्छी तरह से संभालता है। ओजीटीटी का एक अधिक संक्षिप्त वर्ज़न गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की जांच के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसे जेस्टेशनल  डायबिटीज के रूप में जाना जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, भारत में जेस्टेशनल  डायबिटीज के केसेज देश के विभिन्न हिस्सों में 3.8% से 41% तक होते हैं। गर्भावस्था के दौरान 75 ग्राम ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट एक यूनिवर्सल  स्क्रीनिंग विधि के रूप में रिकमेंड किया गया है। यह सिंगल-स्टेप टेस्ट है। इस आर्टिकल में, हम गर्भावस्था के दौरान ओजीटीटी टेस्ट की आवश्यकता, इसकी अनुमानित कॉस्ट और नार्मल रिफरेन्स वैल्यूज के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

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गर्भावस्था के दौरान ओजीटीटी टेस्ट क्यों किया जाता है?

ओजीटीटी टेस्ट जेस्टेशनल  डायबिटीज यानी गर्भावस्था के दौरान होने वाले डायबिटीज की संभावना का एनालिसिस  करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट स्त्री रोग विशेषज्ञों को यह अनुमान लगाने में भी मदद करता है कि आपका शरीर ब्लड ग्लूकोस के स्तर पर कितनी अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार,जेस्टेशनल डायबिटीज की जांच गर्भावस्था के 24-28 सप्ताह के बीच की जानी चाहिए। ओजीटीटी टेस्ट की सलाह डॉक्टरों द्वारा भी दी जाती है यदि आपके अंदर निम्न में से एक या अधिक लक्षण हैं:

  • जल्दी पेशाब आना
  • थकान
  • अत्यधिक प्यास
  • सोते समय खर्राटे लेना

ओजीटीटी टेस्ट की जरूरत किसे है?

जेस्टेशनल डायबिटीज के आपके रिस्क के आधार पर गर्भावस्था के पहले या दूसरे ट्राइमेस्टर के दौरान ओजीटीटी टेस्ट की सलाह दी जाती है। ओजीटीटी टेस्ट आमतौर पर उन महिलाओं में किया जाता है जिनमें निम्नलिखित में से एक या अधिक रिस्क फैक्टर होते हैं:

  • बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से अधिक
  •  न्यूनतम शारीरिक गतिविधि
  • पहले के गर्भधारण में जेस्टेशनल डायबिटीज की घटना
  • रक्त संबंधियों में डायबिटीज का डाइग्नोसिस
  • पीसीओडी या मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी चिकित्सीय स्थिति का होना, जो डायबिटीज के विकास से संबंधित है
  • यदि आपके पिछले बच्चे का वजन जन्म के समय 4.1 किलोग्राम से अधिक था

भारत में ओजीटीटी टेस्ट की कॉस्ट  कितनी है?

भारत में ओजीटीटी टेस्ट की कॉस्ट अलग-अलग शहरों में अलग-अलग होती है। औसतन, टेस्ट की कीमत रु. 200/- और रु. 300/-.के बीच होती सकती हैं  

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ओजीटीटी टेस्ट के लिए  रिफरेन्स रेंज क्या है?

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) द्वारा निर्धारित जेस्टेशनल डायबिटीज की रिफरेन्स रेंज इस प्रकार है:

फास्टिंग : 95 mg/dL प्लाज्मा ग्लूकोज स्तर से नीचे

1 घंटा पोस्टप्रैन्डियल: 130 -140 mg/dL के बीच

2 घंटे पोस्टप्रैन्डियल: 120 mg/dL से कम

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सारांश 

जेस्टेशनल डायबिटीज की शीघ्र पहचान की जानी चाहिए और इसे नियमित रूप से मैनेज और मॉनिटर किया जाना चाहिए, अन्यथा यह गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं पैदा कर सकता है। ये जटिलताएं अधिक गंभीर मामलों में हाई  ब्लड  प्रेशर या प्रीक्लेम्पसिया का कारण बन सकती हैं।प्रॉपर मैनेजमेंट  और मॉनिटरिंग  के साथ, जिन महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज का निदान किया जाता है, वे आमतौर पर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)

1. ओजीटीटी टेस्ट कैसे किया जाता है?

ओजीटीटी टेस्ट  के दौरान, आपके प्रारंभिक ब्लड शुगर  के स्तर को मापने के लिए आपकी नस से रक्त का नमूना लिया जाता है। रक्त का नमूना लेने के बाद, आपको 75 ग्राम ग्लूकोज का घोल पिलाया जाता है और फिर ब्लड शुगर  के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए 2 घंटे बाद फिर से रक्त का नमूना लिया जाता है। यह डॉक्टरों को ग्लूकोज के स्तर के प्रति आपकी सहनशीलता का  एनालिसिस करने में मदद करता है।

2. ओजीटीटी टेस्ट से जुड़े साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

ओजीटीटी टेस्ट  में कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स शामिल नहीं है। कुछ मामूली प्रभाव जो संभव हैं, वे हैं:

  • उल्टी 
  • घबराहट
  • सिर दर्द
  • सूजन
  • अत्यधिक रक्तस्राव
  • संक्रमण(infection)
  • बेहोशी
  • कम ब्लड शुगर 

3.मैं ओजीटीटी टेस्ट कैसे करवा सकता हूं?

आप अपने घर से रेडक्लिफ लैब्स में अपना ओजीटीटी टेस्ट  बुक कर सकते हैं। जब आप रेडक्लिफ लैब में टेस्ट बुक करते हैं, तो एक फ्लेबोटॉमिस्ट आपके घर पर टेस्ट के लिए आपका ब्लड सैंपल लेने के लिए आएगा। आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। आप हमारी वेबसाइट पर जा कर  फोन कॉल के माध्यम से भी अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

4. क्या मैं ओजीटीटी टेस्ट के दौरान पानी पी सकता हूँ?

ओजीटीटी टेस्ट  के परिणाम गतिविधि से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि टेस्ट  के दौरान शराब न पीएं। टेस्ट के समय शांत होकर बैठना चाहिए।

तीन घंटे के ओजीटीटी टेस्ट के मामले में, यानी जब आपको ग्लूकोज का घोल पीने के बाद 3 घंटे तक इंतजार करना पड़े, तो आप सादा पानी पी सकते हैं। कॉफी, सोडा, चाय या अन्य पेय पदार्थ पीना प्रतिबंधित है क्योंकि यह आपके टेस्ट परिणामों में बाधा डाल सकता है।

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Ms. Srujana is Managing Editor of Cogito137, one of India’s leading student-run science communication magazines. I have been working in scientific and medical writing and editing since 2018. I am also associated with the quality assurance team of scientific journal editing. I am majoring in Chemistry with a minor in Biology at IISER Kolkata.

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