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गर्भावस्था के दौरान कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड टेस्ट: यह क्यों किया जाता है, और इसका क्या परिणाम है

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Prekshi Garg
on Jul 11, 2022

Last Edit Made By Prekshi Garg
on Mar 18, 2024

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Double Marker Test During Pregnancy Why is It Done, Cost in India, Results, and More
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माता पिता के लिए गर्भावस्था एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण होता है। इसलिए वे न केवल अपने बढ़ते बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं, बल्कि वे कठोर और आक्रामक परीक्षण (rigorous and invasive testing) के बिना एक आरामदायक गर्भावस्था भी चाहते हैं। नयी और विकसित हो रही तकनीकों की वजह से अब हमारा जीवन बदल गया है और बेहतर हो गया है। कुछ दशक पहले जो संभव नहीं था वह भी अब बहुत आसानी से उपलब्ध है।

कलर डॉपलर टेस्ट (color Doppler test) एक लोकप्रिय इमेजिंग टेस्ट (popular imagine test) है जो गर्भवती महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के दौरान चिकित्सक के द्वारा निर्धारित किया जाता है। कलर डॉपलर टेस्ट (color Doppler test) न केवल बच्चे की हृदय गति को रिकॉर्ड करने के लिए, बल्कि गर्भ में रक्त के प्रवाह और भ्रूण के विकास की जाँच करने के लिए भी किया जाता है।

यह डॉपलर स्कैन (Doppler scan) ज्यादातर तीसरी तिमाही (third trimester) के दौरान यानि की गर्भावस्था के अंतिम चरणों के दौरान किया जाता है, ताकि बच्चे या माँ में होने वाली किसी भी जटिलता का पता लगाया जा सके। उच्च जोखिम वाले गर्भधारण में, प्रारंभिक अवस्था में भी यह परीक्षण किया जाता है।

इस लेख में हम कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड परीक्षण (color Doppler ultrasound test), इसकी प्रक्रिया और गर्भावस्था के दौरान इसके महत्व के बारे में चर्चा करेंगे।

कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड क्या है? (What is color Doppler Ultrasound test?)

गर्भावस्था के दौरान, कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) डॉपलर अल्ट्रासाउंड इमेजिंग तकनीक (Doppler ultrasound imaging technology) के सबसे प्रचलित और आंतरिक प्रकारों में से एक है जो वाहिकाओं (vessels) में रक्त के प्रवाह और परिसंचरण (blood flow and circulation) की गति का पता लगाता है।

रेडियोलॉजी इमेजिंग तकनीक (radiology imaging technology) में बच्चे के विकास और मां की  स्थिति को  स्पष्ट रूप से समझने के लिए अल्ट्रासाउंड डॉपलर इमेजिंग तकनीकों (ultrasound Doppler imaging techniques) के साथ अल्ट्रासाउंड पल्स-इको (ultrasound pulse-echo) का संयुक्त (combined) उपयोग इस्तेमाल किया जाता है।

कलर डॉपलर (color Doppler), डॉपलर स्कैन इमेजिंग (Doppler scan imagine) के विपरीत एक कनेक्टेड कंप्यूटर का उपयोग करके अंतिम रंग छवि (color image) बनाने के लिए उत्सर्जित ध्वनि तरंगों (emitted sound waves) को अलग-अलग रंगों में समायोजित करता है। यह रंगीन छवि भ्रूण (embryo) के हृदय और शरीर के अन्य प्रमुख अंगों में विभिन्न रक्त वाहिकाओं (blood vessels) के माध्यम से रक्त के प्रवाह (blood stream) का एक स्पष्ट मार्ग समझा देती है।

डॉपलर तकनीक (Doppler technique) के साथ रंग अनुरेखण (color tracing) भ्रूण (embryo) के ठोस ऊतकों (tissues), विशेष रूप से हृदय की दीवारों (heart’s wall) की पहचान करता है, ताकि विकासशील भ्रूण (developing embryo) में उचित विकास और किसी भी प्रचलित विसंगतियों (developing anomalies) या जन्मजात अक्षमताओं (congenital disabilities) की जांच सही समय पर की जा सके।

गर्भावस्था के दौरान कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड का क्या महत्व है? (What is the importance of color doppler ultrasound during pregnancy?)

मानक अल्ट्रासाउंड स्कैन (standard ultrasound) के विपरीत, एक कलर डॉपलर तकनीक (color Doppler technique) गर्भावस्था के दौरान विकासशील भ्रूण में रक्त प्रवाह पथ (blood flow path) और रक्त परिसंचरण (blood circulation) में किसी भी बाधा को स्पष्ट रूप से दिखाती है।

कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) आमतौर पर गर्भावस्था की अवधि के दौरान दो बार निर्धारित किया जाता है। यह उच्च जोखिम वाले गर्भधारण के लिए 10-12 सप्ताह के दौरान किया जाता है। इस चरण के दौरान, डॉक्टर भ्रूण में सामान्य विकासात्मक असामान्यताओं (common developmental abnormalities) की जांच के लिए इस परीक्षण का उपयोग करते हैं।

31-40 सप्ताह के दौरान, यह परीक्षण बच्चे में अंतर्गर्भाशयी विकास रुकने के जोखिमों का विश्लेषण करता है। तीसरे तिमाही चरण के दौरान, डॉक्टर किसी भी प्रचलित दिल से संबंधित असामान्यताओं, फुफ्फुसीय विकास (pulmonary development) की स्थिति, और विकासशील ट्यूमर (developing tumor) के कारण रक्त परिसंचरण (blood circulation) में बाधा के किसी भी खतरे की जांच करता है।

बहुत ही दुर्लभ मामलों में, कलर डॉपलर सोनोग्राफी (color Doppler sonography) भी प्लेसेंटा एक्रीटा (placenta accreta) नामक स्थिति का जाँच करती है। इस स्थिति में, प्लेसेंटा बहुत कसकर मां के गर्भ के अंदर से बंधा होता है, जिससे जन्म के बाद प्लेसेंटा की डिलीवरी अधूरी होती है। भविष्य में जटिलताओं से बचने के लिए डॉक्टर ऐसे मामलों में शेष प्लेसेंटा को बाहर निकालने के लिए कलर डॉपलर (color Doppler) का उपयोग करते हैं।

गर्भावस्था के दौरान कलर डॉपलर टेस्ट कैसे किया जाता है? (How is color doppler test done during pregnancy?)

यदि आप गर्भावस्था के दौरान लगातार लगातार पोकिंग और प्रोडिंग (constant poking and prodding) से परेशान हैं तो कलर डॉपलर (color Doppler) एक सुरक्षित और दर्द रहित (painless) प्रक्रिया है। इसमें किसी भी प्रकार की सुई का उपयोग नहीं किया जाता है और इस परीक्षण के लिए किसी तरह की विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है।

जब आप अपने कलर डॉपलर (color Doppler) के लिए तिथि निर्धारित कर लेते हैं, तो आपको केवल अस्पताल पहुंचना होता है और परीक्षण शुरू होने से पहले अस्पताल का गाउन पहनना होता है। उसके बाद, आपको बताए गए चरणों का पालन करने का सुझाव दिया जाता है:

  • कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) 30-60 मिनट की प्रक्रिया है, इसलिए आपका डॉक्टर आपको कुछ खाली समय के साथ तैयार होने की सलाह देगा।
  • एक बार जब आप अस्पताल का गाउन पहनने के लिए तैयार हो जाएं, तो आपको टेबल पर लेटना होगा और पेट को बाहर निकालने के लिए गाउन को उठाने के लिए कहा जाएगा।
  • फिर अल्ट्रासाउंड इमेजिंग (ultrasound imagine) की तैयारी के लिए पूरे खुले पेट पर एक विशेष जेल लगाया जाता है।
  • उस समय डॉक्टर ध्वनि तरंगों (sound wave) को पेट में संचारित करने के लिए एक ट्रांसड्यूसर (transducer) जांच का उपयोग करता है जिससे कंप्यूटर स्क्रीन पर एक चित्र बनाता है।
  • रक्त प्रवाह पथ (blood flow path) का पता लगाने और यहां तक ​​कि भ्रूण में रक्त की गति की जांच करने के लिए ध्वनि तरंगों को ग्राफिक्स में परिवर्तित किया जाता है।

एक बार जब डॉक्टर/तकनीशियन सभी आवश्यक इमेजिंग को कवर कर लेता , तो रोगी अपने पेट से जेल को मिटा सकता है और वापस अपने कपड़े बदल सकता है।

प्रत्येक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कलर डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) करवाना चाहिए ताकि बढ़ते भ्रूण में रक्त प्रवाह संबंधी (blood flow related) किसी भी जटिलता का पता लगाया जा सके।

कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड परिणामों में मुझे क्या जांचना चाहिए? (What should I check for in color doppler ultrasound results?)

एक बार कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) हो जाने के बाद, रिपोर्ट आने में एक दिन से लेकर एक सप्ताह तक का समय लग सकता है। यह अवधि उस अस्पताल या क्लिनिक पर निर्भर करती है जहां आप परीक्षण करवा रहे हैं।

परीक्षण मुख्य रूप से निम्नलिखित गंभीरताओं की जांच के लिए किया जाता है:

  • समय से पहले जन्म की संभावनाएं और अंतर्निहित जोखिम का पता लगाने के लिए
  • विशेष रूप से कई गर्भधारण में प्रमुख विकृतियां (prominent malfunctions) और भ्रूण का अविकसित (underdeveloped) के जोखिम मापने के लिए
  • अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध (intrauterine growth restriction) के जोखिम मापने के लिए
  • एक भ्रूण में अनुचित और असंतुलित वृद्धि साथ ही जुड़वा बच्चों (twins) के मामले में
  • मां में उच्च रक्तचाप के खतरे को मापने के लिए
  • प्लेसेंटा एक्रीटा (placenta accreta) पता लगाने के लिए, वैसे यह काफी दुर्लभ मामलों में है एक हैं

इस रिपोर्ट में भ्रूण (embryo) या मां के रक्त प्रवाह और परिसंचरण (blood flow and circulation) में होने वाली किसी भी जटिलता का उल्लेख होना चाहिए। कुछ अन्य डॉपलर परीक्षण (Doppler test) हैंडहेल्ड मशीन (handed machine) के साथ आते हैं, वही कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) के लिए यह उपलब्ध नहीं है।

क्या कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड सुरक्षित है? (Is Color Doppler Ultrasound Safe?)

कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड परीक्षण (color Doppler ultrasound test) गर्भावस्था (pregnancy) के आरंभ में और बाद में होने वाली कई असामान्यताओं का निदान कर सकता है। उच्च जोखिम गर्भधारित (high risk conceived)  महिलाओं में किसी भी प्रकार के रक्त प्रवाह (blood flow) से संबंधित जटिलताओं की जाँच करने के लिए कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound)अत्यंत आवश्यक है।

डॉपलर स्कैन (Doppler scan) कई गर्भधारण (multiple pregnancy) और प्लेसेंटल जटिलताओं (placental complication) के निदान (diagnosis) के लिए बहुत आम हैं। अतः गर्भावस्था के दौरान कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड (color Doppler ultrasound) परीक्षण महत्वपूर्ण होता है।

यह तकनीक और परीक्षण पूरी तरह से सुरक्षित और 100% गैर-आक्रामक (non-invasive) हैं। गर्भावस्था के दौरान कलर डॉपलर परीक्षण (color Doppler test) उच्च जोखिम वाले गर्भधारण में जटिलताओं को दूर कर सकता है और साथ ही यह एक स्वस्थ प्रसव (healthy delivery) भी सुनिश्चित कर सकता है।

गर्भावस्था में कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड की खर्च क्या हो सकती है? (What is the cost of color doppler ultrasound in pregnancy?)

कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड इमेजिंग (color Doppler ultrasound imagine) की लागत रु. 2,000/- से रु. 4,000/- के बीच भिन्न होती है। यह लागत शहर (city) और उस प्रयोगशाला (laboratory) या अस्पताल (hospital) के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड परीक्षण (color Doppler ultrasound test) करवाना कई तरह से मददगार साबित हो सकता है। यह न केवल बढ़ते भ्रूण (embryo) में जोखिम (risk) और विसंगतियों (anomalies) की जाँच करता है, बल्कि एक बेहतर रिज़ॉल्यूशन छवि (better resolution image) देता है जो मानक अल्ट्रासाउंड स्कैन (standard ultrasound scan) की तुलना में स्पष्ट परिणाम दिखाती है। यदि आपका ओबीजीवाईएन (OBGYN) कलर डॉपलर (color Doppler) लेने की सलाह देता है, तो हम बच्चे और मां के इष्टतम स्वास्थ्य (better health) और कल्याण (well-being) को सुनिश्चित करने के लिए इसे करवाने की अत्यधिक अनुशंसा (highly recommend) करते हैं।

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