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हार्ट अटैक बनाम कार्डियक अरेस्ट: दोनों में क्या अंतर है और दोनों में लिंक क्या है? - MyHealth

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हार्ट अटैक बनाम कार्डियक अरेस्ट: दोनों में क्या अंतर है और दोनों में लिंक क्या है?

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Srujana Mohanty
on Jun 24, 2022

Last Edit Made By Srujana Mohanty
on Mar 16, 2024

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Heart Attack vs Cardiac Arrest What is the Difference, What is the Link
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दिल का दौरा (heart attack) और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) दो अलग-अलग स्थितियां हैं, जबकि ज्यादातर लोग इन शब्दों का इस्तेमाल एक-दूसरे के लिए करते हैं। हार्ट अटैक (heart attack) उस समय होता है जब हृदय में जाने वाले रक्त में अवरुद्ध उत्पन्न हो जाता है, लेकिन हृदय की कार्यप्रणाली (heart functioning) बरकरार रहती है। हालांकि, कार्डियक अरेस्ट (cardic arrest) के दौरान, दिल में कुछ खराबी आ जाती है जिस से दिल अचानक काम करना बंद कर देता है।

दिल का दौरा (heart attack) रक्त में अवरुद्ध हो जाने से होने वाली समस्या है, जबकि कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) एक विद्युत समस्या (electrical issues) है जिससे हृदय की लय (heart rhythm) बाधित होती है। इस लेख में हम हार्ट अटैक (heart attack) और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के बीच की कड़ी को समझकर उनके बीच के अंतर के बारे में चर्चा करेंगे।

दिल का दौरा: यह क्या है? (Heart attack: what is it?)

दिल का दौरा (heart attack) उस समय होता है जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों (arteries) का मार्ग अवरुद्ध (blockage) हो जाता हैं जिस से ऑक्सीजन युक्त रक्त (oxygenated blood) हृदय तक नहीं पहुंच पाता हैं। अवरोध आमतौर पर वसा (fat), कोलेस्ट्रॉल जमा (cholesterol deposition) होने या अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण होता है जो एक परत बनाते हैं। यदि अवरुद्ध धमनियां (blockage arteries) जल्दी नहीं खुलती हैं, तो हृदय की मांसपेशियां (heart muscles) क्षतिग्रस्त या नष्ट हो सकती हैं।

दिल के दौरे (heart attack) के लक्षण (symptoms) धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं और तीव्र (intense) तथा तत्काल दिल के दौरे (heart attack) का अनुभव करने से पहले कुछ घंटों, दिनों या हफ्तों तक बने रह सकते हैं। जब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा (heart attack) पड़ता है, तो दिल धड़कना बंद नहीं करता है, और उसके कार्य बाधित नहीं होते हैं। दिल के दौरे के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:

  • छाती में अत्यधिक दबाव, निचोड़ने (squeezing) या विकीर्ण (radiating) होने वाला दर्द का हाथ, गर्दन , जबड़े और पीठ में होना
  • पेट में जलन (heartburn), अपच (indigestion), जी मचलना (nausea), पेट में दर्द (stomach pain)
  • सांस लेने में कठिनाई
  • सिर चकराना या चक्कर आना
  • अत्यधिक पसीना आना और शरीर का ठंडा होना
  • थकान

पुरुषों की तरह महिलाओं में हार्ट अटैक (heart attack) के लक्षण (symptoms) समान नहीं होते हैं। दिल के दौरे के लक्षण कुछ के लिए हल्के हो सकते हैं, जबकि अन्य के लिए यह अचानक गंभीर हो सकता है। दिल का दौरा पड़ने वाले सभी लोगों में लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। इसलिए, नियमित जांच, इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) और रक्त परीक्षण (blood test) दिल के दौरे (heart attack) के कारण और रुकावटों को रोकने में मदद कर सकते हैं।

कार्डियक अरेस्ट: यह क्या है? (Cardiac arrest: what is it?)

जैसा कि नाम से पता चलता है, कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) कार्डियक फंक्शनिंग (cardiac functioning) का अचानक रुक जाना है, जो कि अक्सर बिना किसी चेतावनी या संकेत के होता है, अचानक कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) दिल में बिजली की खराबी से शुरू होता है, जिससे अनियमित दिल की धड़कन (अतालता) और हृदय के कार्यों में व्यवधान होता है।

कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के दौरान फेफड़ों (lungs), मस्तिष्क (brain) और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में बहने वाला रक्त रुक जाता है। हृदय गति (heart beat) रुकने या विफलता से गुजरने वाला व्यक्ति सेकंड के भीतर ही नाड़ी के तेजी से गिरने के कारण बेहोश हो जाता है। अगर उस व्यक्ति को समय पर उपचार नहीं मिलता है तो वो व्यक्ति मिनटों में अपनी जान गंवा सकता है।

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के दौरान क्या करें? (What to do during Heart Attack and Cardiac Arrest?)

हार्ट अटैक (heart attack) और कार्डियक अटैक (cardiac arrest) दोनों ही जानलेवा स्थितियां हैं। अतः यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि जब कोई व्यक्ति दोनों स्थितियों में से किसी एक का अनुभव करता है तब क्या करना है। जैसा कि कहा गया है, तत्काल उपचार और समय पर इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है।

दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें? (What to do in case of heart attack?)

यदि आपको दिल का दौरा (heart attack) पड़ने के एक या अधिक लक्षण दिखाई देते हैं (जैसा कि ऊपर बताया गया है), तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को कॉल करें। दिल का दौरा (heart attack) पड़ने की स्थिति में यह सर्वोत्तम सहायता है जो आप कर सकते हैं।

यदि आप किसी अन्य व्यक्ति को बेहोश देखते हैं या उसे दिल का दौरा पड़ने का डर है, तो उसकी नाड़ी और श्वास की जाँच करें। आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें और सीपीआर (CRP) या कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन (cardiopulmonary resuscitation) करें। सीपीआर (CRP) एक जीवन रक्षक तकनीक है, जो की नीचे दिये गई तरीको से की जाती हैं:

  • छाती को जोर से और तेजी से दबाना
  • वायुमार्ग खोलना
  • श्वास को बहाल करना

लेकिन अगर आप सुनिश्चित नहीं हैं कि सीपीआर (CRP) कैसे किया जाता है, तो ऐसी आपात स्थिति में साधारण तरीके से छाती को दबाना भी व्यक्ति की मदद कर सकता है।

कार्डियक अरेस्ट होने पर क्या करें? (What to do in case of cardiac arrest?)

कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) उल्टा किया जा सकता है, खासकर यह होने के शुरुआती कुछ मिनटों के दौरान। यदि आपके आस-पास कोई व्यक्ति बेहोश है या उसकी नब्ज सही से नहीं चल रही है तो आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें। एक स्वचालित डीफिब्रिलेटर (automatic defibrillator) या एईडी (ED) प्राप्त करने का प्रयास करें और जितनी जल्दी हो सके इसका उपयोग करें। सीपीआर (CPR) या लगातार छाती को संकुचित करें और तब तक जारी रखें जब तक आपको आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं से सहायता न मिल जाए।

क्या हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच कोई संबंध है? (Is there a connection between a heart attack and cardiac arrest?)

दिल का दौरा (heart attack) और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) की दो स्थितियों के बीच कहीं सारे अंतर हो सकते है लेकिन दोनों स्थितियों को जोड़ा जा सकता है। दिल का दौरा (heart attack) पड़ने के बाद या दिल के दौरे से ठीक होने के दौरान किसी व्यक्ति को अचानक कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) हो सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, दिल के दौरे (heart attack) से अचानक होने वाले कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) का खतरा बढ़ जाता है।

यह भी सच है कि हर बार दिल का दौरा पड़ने से अचानक कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) नहीं होता है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) का सामान्य कारण हार्ट अटैक से संबंध है।

दिल की अन्य स्थितियां जो अचानक कार्डियक अरेस्ट और दिल की लय में व्यवधान पैदा करती हैं वो कुछ इस प्रकार है:

  • हृदय की मांसपेशी (heart muscles) या कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathy) का मोटा होना
  • दिल की धड़कन रुकना
  • अतालता (arrhythmias) विशेष रूप से, वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (ventricular fibrillation)
  • लांग क्यू-टी सिंड्रोम (Long Q-T syndrome)

निष्कर्ष (Conclusion)

दिल का दौरा (heart attack) और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) दो अलग अलग स्थितियाँ है लेकिन उनका संबंध है। हालांकि दिल का दौरा धमनियों (rarities) में रुकावट के कारण होता है, लेकिन संभावित रूप से कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) का कारण बन सकता है।

कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) हृदय की लय (heart rhythm) में व्यवधान और बिना किसी लक्षण या लक्षण के हृदय के कार्यों का अचानक बंद होना है। फिर भी, नियमित जांच और उपचार की सहायता से  दिल के दौरे (heart attack) को रोका जा सकता है, और  कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) को भी तुरंत और जल्दी इलाज करने पर रोका  किया जा सकता है।

भारत में हर साल लगभग 12 लाख युवाओं की हृदय गति (heart beat) रुकने से मृत्यु हो जाती है, इसीलिए जीवन बचाने के लिए यही समय महत्वपूर्ण है। आपका सीपीआर (CPR) करना या चेस्ट कंप्रेशन (chest compressions) करना सीखना दिल का दौरा (heart attack) पड़ने या कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) की स्थिति में कई लोगों की जान बचाने में मदद कर सकता है।

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