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डी - डिमर टेस्ट: यह कब किया जाता है नार्मल रेंज, भारत में कॉस्ट और कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

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डी - डिमर टेस्ट: यह कब किया जाता है नार्मल रेंज, भारत में कॉस्ट और कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Prekshi Garg
on Jun 6, 2022

Last Edit Made By Prekshi Garg
on Jan 8, 2025

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जब आप चोटिल या घायल हो जाते हैं, तो आपका शरीर ब्लड के प्रवाह को रोकने के लिए चोट के स्थान पर स्वाभाविक रूप से और स्वतः ही ब्लड को जमा देता है। ब्लड प्रवाह को रोकने की इस क्रिया को क्लॉटिंग(clotting) कहते हैं। इंटरनल चोट के मामले में इसी तरह की प्रक्रिया का आदान-प्रदान होता है। हालांकि, एक बार जब ब्लीडिंग बंद हो जाती है, तो थक्का (clot)क्रमिक रूप (sequentially)से टूट जाता है, और थक्के के बचे हुए उत्पाद (leftover products) ब्लड स्ट्रीम में मौजूद होते हैं। ब्लड स्ट्रीम में मौजूद थक्का डिसॉलूशन  प्रोडक्ट्स में से एक डी-डिमर प्रोटीन है। डी-डिमर प्रोटीन ब्लड का एक यूज्अल कॉम्पोनेन्ट (usual component) है। निम्न या सामान्य स्तर स्वीकार्य हैं और हानिकारक नहीं हैं।

ब्लड में डी-डिमर प्रोटीन का उच्च स्तर डीप वेन थ्रोम्बोसिस(Deep Vein Thrombosis) (पैर में थक्के), पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism)(फेफड़ों में थक्के) जैसी नसों में प्रमुख थक्कों का संकेत दे सकता है । ऐसी स्थितियों में पहले से कोई लक्षण नहीं होते और यह जानलेवा हो सकती हैं। (a serious life-threatening condition occurring within seconds, and no prior symptoms)

ब्लड  के थक्कों (थ्रोम्बस) के इस अंतिम परिणाम को डी-डिमर टेस्ट के माध्यम से रोका या जांचा जा सकता है। इस आर्टिकल  के माध्यम से, आप डी-डिमर टेस्ट और इसकी प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए आवश्यक सब कुछ जानेंगे।

डी-डिमर टेस्ट: यह क्या है?(D-dimer Test: What is it?)

डी-डिमर ब्लड में मौजूद एक प्रोटीन है जो ब्लड के थक्के के डिसइंटीग्रशन(blood clot disintegration) के परिणामस्वरूप बनता है। डी-डिमर का कोई फुल फॉर्म नहीं होता है। डी-डिमर में डी, डोमेन को रेफर करता है। चूंकि प्रोटीन में दो समान(identical) डोमेन होते हैं। और इसलिए इसका नाम, डी-डिमर है ।

ब्लड का थक्का बनना एसेंशियल घाव भरने की प्रक्रिया है जो चोट के बाद शरीर में स्वाभाविक रूप से होती है। थक्के इन्फेक्शन्स , ब्लीडिंग और चोट के बाद ब्लड की अधिक हानि को कम कर सकते हैं।

एक बार जब खून बहना बंद हो जाता है, तो थक्का डिसइंटिग्रेटेस  होकर सब्स्टेन्सेस के छोटे-छोटे टुकड़े (small fragments)कर देता है। उनमें से एक डी-डिमर प्रोटीन है। क्लॉटिंग डिसऑर्डर्स या वेइन्स या आर्टरीज  के थ्रोम्बोसिस  (थक्के) वाले लोगों में उच्च डी-डिमर प्रोटीन का स्तर होता है जो आने वाली गंभीर स्थिति की संभावना का संकेत देता है।

डी-डिमर टेस्ट एक क्वांटिटेटिव  एनालिसिस (quantitative analysis) है जो  फ्रैग्मेण्टेड  डी-डिमर प्रोटीन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। इसलिए, इसे फ्रैगमेंट डी-डिमर टेस्ट या फाइब्रिन डिग्रेडेशन फ्रैगमेंट टेस्ट (fragment D-dimer test or fibrin degradation fragment test) भी कहा जाता है।

डी-डिमर टेस्ट कब किया जाता है? (When is the D-dimer Test done?)

कुछ टेस्ट आपको कुछ बीमारियों या लक्षणों के कारण स्थितियों की उपस्थिति का टेस्ट करने में मदद करते हैं। जबकि अन्य टेस्ट कारणों के रूप में स्थितियों को खारिज करते हैं। डी-डिमर टेस्ट दोनों तरीकों से लाभान्वित हो सकता है।

डी-डिमर टेस्ट ब्लड के थक्के जमने की स्थिति की पहचान करने के लिए किया जाता है जैसे:

  • एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम(Antiphospholipid syndrome)- एक इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर 
  • आनुवंशिक थक्के रोगGenetic clotting diseases- हीमोफीलिया
  • घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी या घुटने की चोट के बाद खून का थक्का जमना
  • गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के बाद
  • कुछ कैंसर

डी-डिमर सर्टेन कंडीशंस पॉसिबिलिटीज को रूल आउट करने में भी मदद कर सकता है जैसे:

  • डीप वेन थ्रॉम्बोसिस Deep vein thrombosis(DVT): नस के अंदर गहरे ब्लड का थक्का आमतौर पर निचले पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है।
  • पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई)Pulmonary embolism (PE): फेफड़ों की एक आर्टेरिअल ब्लॉकेज   जब शरीर के किसी अन्य रीजन  में ब्लड का थक्का  फ्रैगमेंट(fragments) कर देता है और फेफड़ों में आर्टेरिअल ब्लॉकेज कर देता है। डीवीटी से उत्पन्न थक्के आमतौर पर पीई का कारण बनते हैं।
  • डिसेमिनेटेड इंट्रावास्कुलर कोगुलेशन (डीआईसी)(Disseminated intravascular coagulation (DIC)): शरीर में कई असामान्य ब्लड के थक्के जमने की स्थिति। डीआईसी का परिणाम दर्दनाक चोटों, कुछ प्रकार के इन्फेक्शन्स या कैंसर से भी हो सकता है।
  • स्ट्रोक(Stroke):एक स्थिति तब होती है जब मस्तिष्क को ब्लड की आपूर्ति अवरुद्ध या बाधित( blocked or interrupted )हो जाती है।

डी-डिमर टेस्ट प्रक्रिया (D-Dimer Test Procedure)

चूंकि डी-डिमर टेस्ट ब्लड में डी-डिमर प्रोटीन के स्तर का एनालासिस  करता है, यह एक नियमित ब्लड टेस्ट  है जहां:

  • एक  हैल्थकारे  प्रोफेशनल बाँहों में शिरा(veins) से एक निश्चित मात्रा में ब्लड निकालने के लिए एक सुई डालेगा।
  • निकाले गए ब्लड को एक शीशी या टेस्ट ट्यूब में संग्रहित किया जाता है और आगे  लेबोरेटरी में एनालाइस किया जाता है।
  • ब्लड  निकालने की प्रक्रिया के दौरान आपको चुभन जैसी असुविधा (discomfort) महसूस हो सकती है।
  • ब्लड  निकालने की डी-डिमर जांच प्रक्रिया(test procedure) पांच मिनट के भीतर की जाती है।

डी-डिमर रेफरेंस रेंज क्या है? परिणाम क्या दर्शाते हैं? (What is the D-Dimer reference range? What do the results indicate?)

यदि आप डी-डिमर टेस्ट देना चाहते हैं या टेस्ट ले चुके हैं, तो आप नार्मल  डी-डिमर रेंज के साथ परिणामों की तुलना कर सकते हैं। नार्मल  डी-डिमर  रेफरेंस रेंज <250 ng/ml, या <0.5 mcg/ml है। डी-डिमर टेस्ट  के दो परिणाम हो सकते हैं।

  • ब्लड  में कम या नार्मल  डी-डिमर स्तर के परिणाम - जिसका अर्थ है कि शरीर में थक्कों या ब्लड क्लॉटिंग  डिसऑर्डर्स की संभावना कम होती है।
  • डी-डिमर के नार्मल स्तर से अधिक दिखाने वाले परिणाम पॉसिबल क्लॉटिंग डिसऑर्डर का संकेत दे सकते हैं।

ब्लड में उच्च डी-डिमर ,गर्भावस्था, हृदय रोग या हाल की सर्जरी(recent surgery) के कारण भी हो सकता है। एक नार्मल डी-डिमर टेस्ट के परिणाम के मामले में, आपके हेल्थ प्रोवाइडर को डायग्नोसिस का निष्कर्ष निकालने के लिए और टेस्ट भी करवाने पड़ सकते हैं।

सामान्यतःपूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1.क्या होगा यदि डी-डिमर टेस्ट के परिणाम अधिक हैं?

यदि डी-डिमर टेस्ट  के परिणाम नार्मल नहीं हैं, तो आपका डॉक्टर आपका इमेजिंग टेस्ट करवाना चाहेगा। इमेजिंग टेस्ट में डॉपलर अल्ट्रासाउंड, सीटी एंजियोग्राफी, या वेंटिलेशन-परफ्यूज़न (वी/क्यू) (Doppler Ultrasound, CT Angiography, or Ventilation-perfusion (V/Q) scan) स्कैन शामिल है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपको थक्का या ब्लड  के थक्के जमने की बीमारी है या नहीं।

2.मुझे डी-डिमर टेस्ट  की आवश्यकता कब है?

यदि आपको ब्लड  के थक्के जमने की स्थिति के लक्षण हैं, तो आपका डॉक्टर डी-डिमर टेस्ट  का सुझाव दे सकता है:

  • डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (डीवीटी)(Deep vein thrombosis (DVT)) - दर्द, सूजन, पैरों की त्वचा में उभरी हुई और उभरी हुई नसें।
  • पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई)(Pulmonary embolism (PE))- सांस की तकलीफ, खांसी, पीठ दर्द, सीने में दर्द, तेज हृदय गति(fast heart rate) और चक्कर आना।
  • डिस्सेमिनेटेड इंट्रावास्कुलर कोएगुलेशन (डीआईसी) (Disseminated intravascular coagulation (DIC))- मतली( Nausea), उल्टी, दौरे, मसूड़ों से खून आना, मांसपेशियों और पेट में दर्द।
  • स्ट्रोक(stoke) - गंभीर सिरदर्द, चक्कर आना, चेहरे की मांसपेशियों, अंगों या शरीर के एक तरफ सुन्न होना, अचानक भ्रम(sudden confusion), बोलने में कठिनाई, संतुलन(balance) की हानि, चलने में परेशानी।

3,डी-डिमर टेस्ट  के परिणाम प्राप्त करने में कितना समय लगता है?

डी-डिमर टेस्ट एक नियमित ब्लड  टेस्ट  है। कलेक्टेड ब्लड सैंपल की प्रसंस्करण(processing) करके डी-डिमर प्रोटीन के एनालिसिस में 24 से 48 घंटे लग सकते हैं।

4.भारत में डी-डिमर टेस्ट की कॉस्ट  कितनी है?

भारत में डी-डिमर टेस्ट की कॉस्ट डायग्नोस्टिक सेंटर्स के बीच भिन्न होती है। इसकी बेसिक कॉस्ट औसतन 1000 रुपये है।

निष्कर्ष (conclusion)

आपका डॉक्टर ब्लड के थक्के की स्थिति की जांच करने और ब्लड के थक्के बनने की स्थिति को बाहर करने के लिए डी-डिमर टेस्ट रिकमेंड कर सकता है। डी-डिमर, एक प्रोटीन जो क्लॉट फ्रेगमेंटेशन  के बाद बनता है, यदि नार्मल  रेंज  से अधिक मौजूद है, तो गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत देता है। रेडक्लिफ लैब्स में डी-डिमर टेस्ट  में दो-टेस्ट  कॉम्बो शामिल हैं - एक डी-डिमर प्रोटीन टेस्ट( D-dimer protein test)  है और दूसरा इम्युनोग्लोबुलिन -6 (Immunoglobulin-6)(आईएल -6) है। रेडक्लिफ लैब्स नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (एनएबीएल आईएसओ) के दिशानिर्देशों(guidelines) के अनुसार रिपोर्ट देती हैं।

हमारे पास मुफ्त होम सैंपल संग्रह और इन-हाउस डॉक्टर के साथ जीरो -कॉस्ट  कंसल्टेशन जैसी विशेषाधिकार सेवाएं(privileged services) भी हैं, जो इसे सबसे प्रमुख डायग्नोस्टिक सर्विस सेंटर्स में से एक बनाती है।

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1 Comments

  • Girendra mehta

    May 12, 2024 at 7:38 AM.

    Thanks

    • Myhealth Team

      May 13, 2024 at 10:44 AM.

      You're Welcome!

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