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प्रोलैक्टिन टेस्ट: उच्च vs. निम्न  लेवल, नार्मल रेंज , कॉस्ट और कई महत्वपूर्ण बाते       - MyHealth

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प्रोलैक्टिन टेस्ट: उच्च vs. निम्न  लेवल, नार्मल रेंज , कॉस्ट और कई महत्वपूर्ण बाते

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Srujana Mohanty
on Oct 10, 2022

Last Edit Made By Srujana Mohanty
on Mar 18, 2024

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Prolactin-Test
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प्रोलैक्टिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो किसी व्यक्ति की फर्टिलिटी को निर्धारित करता है। हार्मोन मुख्य रूप से पुरुष और महिला दोनों में बनता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रोलैक्टिन गर्भावस्था के दौरान और बाद में ब्रेस्टफीडिंग करवाने के लिए शरीर को ब्रैस्ट मिल्क बनाने के लिए प्रेरित (trigger)करता है।

ब्लड स्ट्रीम में प्रोलैक्टिन का बढ़ा हुआ या कम लेवल एक अंडरलाइंग डिसऑर्डर का संकेत देता है। आम तौर पर, गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोलैक्टिन का लेवल बढ़ जाता है और फिर धीरे-धीरे सामान्य सुरक्षित वैल्यू पर वापस आ जाता है।

यदि आप इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं या ब्लड में पोटेंट हार्मोनल बैलेंस(potent hormonal balance)है, तो आपका डॉक्टर अंतर्निहित कारण(underlying cause) को पूरी तरह से जांच करने के लिए प्रोलैक्टिन टेस्ट लिखेगा|

यह आर्टिकल आपको प्रोलैक्टिन टेस्ट , नार्मल रेंज , और संबंधित कॉस्ट के बारे में जानने में मदद करेगा।

प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है?(What is the Prolactin Test?)

अक्सर पीआरएल (PRL) टेस्ट, ब्लड में प्रोलैक्टिन के लेवल को मापता है।

प्रोलैक्टिन पिट्यूटरी ग्लैंड(pituitary gland) से स्रावित(secreted) होता है तो, असामान्य हार्मोन का लेवल, ग्लैंड में ट्यूमर का इंडिकेशन दे सकता है।

गर्भावस्था या ब्रेस्टफीडिंग के बावजूद, अतिरिक्त प्रोलैक्टिन अक्सर पुरुषों और महिलाओं में मिल्क प्रोडक्शन से जुड़ा होता है। इसके अलावा, नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं में बढ़ा हुआ प्रोलैक्टिन का लेवल इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकल्स का परिणाम हो सकता है और अंततः इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।

पुरुषों में, असामान्य प्रोलैक्टिन का लेवल इरेक्टाइल डिसफंक्शन(erectile dysfunction), लोअर लीबीदो (lower libido) आदि जैसी कॉम्प्लीकेशन्स को जन्म देता है।

यदि अधिक प्रोलैक्टिन ट्यूमर के विकास के कारण है, तो जल्दी ही मेडिकल हेल्प प्राप्त करना अच्छा है। हालांकि इस प्रकार के ट्यूमर ज्यादातर सौम्य(benign) होते हैं, लेकिन उन्हें बिना इलाज के छोड़ने से कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं।

मुझे प्रोलैक्टिन टेस्ट की आवश्यकता कब है?(When do I need a Prolactin Test?)

अब जब आप महिलाओं और पुरुषों में प्रोलैक्टिन हार्मोन फंक्शन्स के बारे में जानते हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि आपको कब टेस्ट करवाना है।

याद रखें कि आपका डॉक्टर इस टेस्ट के लिए सबसे अधिक सलाह देगा जब:

  • पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर का डायग्नोसिस किया गया हो, जिसे प्रोलैक्टिनोमा(prolactinoma) भी कहा जाता है
  • इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकल्स के पीछे के कारण का डायग्नोसिस किया गया हो 
  • पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन या लोअर लीबीदो के कारण का डायग्नोसिस हुआ हो 

इसके अलावा, कुछ संकेत और लक्षण जो प्रोलैक्टिन टेस्ट का सुझाव देते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • ब्रैस्ट से मिल्क प्रोडक्शन होना (गर्भवती या ब्रेस्टफीडिंग के बिना) 
  • गंभीर सिरदर्द(Severe headaches)
  • अचानक निप्पल डिस्चार्ज(Sudden nipple discharge)
  • धुंधली दृष्टि(Blurred vision)

पुरुषों और महिलाओं में बढ़े हुए प्रोलैक्टिन के लक्षण क्या हैं?(What are the Symptoms of Elevated Prolactin in Men and Women?)

चूंकि पुरुष और महिला दोनों में प्रोलैक्टिन बनता है, असामान्य हार्मोन का लेवल दोनों जेंडर्स (genders) को प्रभावित करता है। इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि बढ़े हुए प्रोलैक्टिन लेवल के लक्षण अक्सर पुरुषों और महिलाओं के बीच अलग अलग होते हैं।

आइए हम उनमें से प्रत्येक को विस्तार से देखें:

महिलाओं में लक्षण

  • अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकल्स (Irregular menstrual cycles)
  • समय से पहले मेनोपॉज(premature menopause)
  • ब्रेस्ट्स में टेंडरनेस ( Tenderness in the breast )
  • ब्रेस्ट्स से लीकिंग और डिस्चार्ज (Leaking and discharge from the breasts )
  • इनफर्टिलिटी( Infertility)

पुरुषों में लक्षण

  • अचानक ब्रैस्ट एंलार्जेमेंट- गाइनेकोमास्टिया (Sudden breast enlargement -gynecomastia)
  • निपल डिस्चार्ज(Nipple discharge)
  •  इरेक्टाइल डिसफंक्शन(Erectile dysfunction)
  • लोअर लीबीदो(Low libido )
  • शरीर और चेहरे के कम बालों के साथ चिकनी त्वचा(Smoother skin with less body and facial hair)
  • कम टेस्टोस्टेरोन का लेवल(Low testosterone levels)

यदि आप लंबे समय से उपरोक्त लक्षणों में से किसी एक का अनुभव कर रहे हैं, तो हमेशा सलाह दी जाती है कि पूरी तरह से मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और स्थिति के पीछे के कारण का पता लगाएं।

मैं प्रोलैक्टिन टेस्ट की तैयारी कैसे करूं?(How do I prepare for the Prolactin Test?)

प्रोलैक्टिन के लेवल को नियमित ब्लड टेस्ट से मापा जाता है। आपका डॉक्टर टेस्ट से लगभग 30 मिनट पहले शांत रहने और आराम करने की सलाह देगा। शरीर पर तनाव और परिश्रम प्रोलैक्टिन के लेवल को बढ़ा सकता है और टेस्ट के परिणामों को बदल सकता है।

आपको टेस्ट से पहले 8 घंटे फ़ास्ट करने के लिए कहा जाएगा और परिणामों को खराब करने के रिस्क से बचने के लिए निपल्स को स्टिमुलेट करने से भी बचें।

इसके अलावा, प्रोलैक्टिन का लेवल पूरे दिन स्थिर नहीं रहता है। यह आमतौर पर रात में बढ़ता है और सुबह के समय अपने चरम पर होता है। इसलिए, आपको सुबह उठने के लगभग 3 घंटे बाद अपने ब्लड का सैंपल देने के लिए कहा जाएगा।

आपके हाथ की नस से ब्लड का सैंपल लिया जाता है, फिर आगे के इवैल्यूएशन के लिए भेजा जाता है।

मैं प्रोलैक्टिन टेस्ट के परिणामों को कैसे समझूं?(How do I interpret the Prolactin Test Results?)

महिलाओं और पुरुषों में नार्मल प्रोलैक्टिन रेंज क्रमशः 17 ng/ml से कम और 25 ng/ml से कम है।

तो, उपरोक्त वैल्यू से बड़ा हुआ कुछ भी ब्लडस्ट्रीम में हार्मोन के बड़े हुए और असामान्य लेवल को इंडिकेटेड करता है। दूसरी ओर, प्रोलैक्टिन के बेहद निचले लेवल, जिसे हाइपोप्रोलैक्टिनीमिया(Hypoprolactinemia) भी कहा जाता है, बहुत दुर्लभ (rare)हैं। तो, प्रोलैक्टिन के लेवल की असामान्यताएं ब्लडस्ट्रीम में इसके ऊंचे लेवल से जुड़ी होती हैं।

आम तौर पर, 50-100 ng/ml के बीच की सीमा को मध्यम उच्च (moderately high)माना जाता है, और 200 ng/ml से ऊपर की सीमा को अत्यधिक उच्च ( extremely high)माना जाता है।

यदि लेवल 50,000 ng/ml है, तो यह पिट्यूटरी ग्लैंड में एक ट्यूमर का इंडिकेशन देता है जिसे इमीडियेट इंटरवेंशन ( immediate intervention) की आवश्यकता होती है।

पिट्यूटरी ग्लैंड के इशूज के अलावा, ब्लड में प्रोलैक्टिन का एक उच्च लेवल हाइपोथायरायडिज्म(hypothyroidism), लिवर की बीमारी या हाइपोथैलेमिक फंक्शन्स के साथ समस्याओं की संभावनाओं को भी इंडीकेट कर सकता है।

प्रोलैक्टिन टेस्ट की कॉस्ट क्या है?(What is the Cost of Prolactin Test?)

अधिकांश प्रसिद्ध डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज में प्रोलैक्टिन टेस्ट की कॉस्ट आमतौर पर 300-500 रुपये के बीच होती है।

निष्कर्ष(conclusion)

ब्लड में प्रोलैक्टिन का उच्च लेवल होना कोई बहुत ख़तरनाक बात नहीं है। आमतौर पर, आपका डॉक्टर असामान्य लेवलों के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए आगे के टेस्ट की सलाह देगा और फिर आवश्यक ट्रीटमेंट देगा । टेस्ट बहुत सरल है और कोई रिस्क्स या साइड इफेक्ट्स नहीं डालता है, इसलिए आपको किसी भी संबंधित कॉम्प्लीकेशन्स के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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