फूल मखाना: 10 अमेजिंग बेनिफिट्स, और इसके न्यूट्रिशनल फैक्ट्स

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Prekshi Garg
on May 22, 2022
Last Edit Made By Prekshi Garg
on Jan 8, 2025

फूल मखाना, जिसे लोटस सीड या फॉक्स नट के नाम से भी जाना जाता है, भारत में एक आम देसी नाश्ता है। मखाना यूरियाल फेरोक्स (Euryale Ferrox) का पॉप्ड सीड है। यह एक एक्वेटिक (aquatic) कॅश क्रॉप है जिसमें हाई नुट्रिशनल वैल्यू और औषधीय गुण होते हैं। भारत, विशेष रूप से बिहार मखाने के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। कभी आपने सोचा है कि मखाना इतना प्रसिद्ध पारंपरिक भारतीय नाश्ता क्यों है और इसे हर जगह डायटीशन्स (dieticians) और डॉक्टरों द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है। इस आर्टिकल में, हम कमल के बीज के लाभों और उनके न्यूट्रिशनल आस्पेक्ट्स से डील करने जा रहे हैं।
फूल मखाने के 10 अमेजिंग बेनिफिट्स
फूल मखाना सबसे हेअल्थी और बेनेफिशियल स्नैकिंग ऑप्शन्स में से एक है। आपने शाम की चाय के लिए मखाने को एक परफेक्ट स्नैकिंग पार्टनर के रूप में भुना हुआ देखा होगा। एंटीऑक्सीडेंट,अफ्रोदिसिअस (aphrodisiac), कार्डियोप्रोटेक्टिव, स्पर्मेटोजेनिक, एंटीडायबिटिक, प्रोक्रिएटिव और एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुणों ने इसे बहुत लोकप्रिय बना दिया है। यहाँ फॉक्स नट्स के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं।
- ब्लड शुगर का स्तर:
मखानों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, जिसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाते हैं। इसलिए, विभिन्न अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि मखाना ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने और सुधारने में मदद कर सकता है।
- वजन घटना:
मखाना प्रोटीन और फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, ये ऐसे मुख्य न्यूट्रिशनल कंपोनेंट्स हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिसके कारण ये धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ते हैं जिससे आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करते हैं, जिससे आपकी भूख कम और नियंत्रित होती है। आहार में फाइबर की उच्च मात्रा भी बेल्ली (belly)एरिया से वसा की तेजी से कमी की सुविधा प्रदान करती है।
- किडनी को स्वस्थ् बनाए रखना
मखाने आपकी किडनी और स्प्लीन के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं। वे स्प्लीन को डिटॉक्सीफाई और साफ करने में मदद करते हैं। मखाना रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने और बार-बार पेशाब आने को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जिससे किडनी पर तनाव कम होता है।
- दिल की सेहत बनाए रखना
कई अध्ययनों से पता चला है कि मखाने के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम किया जा सकता है। ये हार्मफुल फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने में भी मदद करते हैं, जिससे किसी भी चोट या बीमारी से दिल को प्रोटेक्ट करते है। मखाना मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है और इस प्रकार हृदय रोगियों में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने में मदद करते है। सैचुरेटेड फैट्स और सोडियम के लौ कंटेंट भी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता करते है।
- मजबूत हड्डी स्वास्थ्य
मखाना कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है जो बोन और कार्टिलेज का एक महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट है। कैल्शियम की बड़ी मात्रा के कारण गठिया( arthritis) से पीड़ित रोगियों के लिए मखाने रेकमेंड किये जाते है। इसलिए मखाने हड्डियों में खोए हुए कैल्शियम की भरपाई करके उन्हें मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं।
- कॉग्निटिव एबिलिटी को बढ़ावा देता है
मखाना थायमिन से भी भरपूर होता है। थायमिन एसोसिएटेड नर्वस की कॉग्निटिव फंक्शनैलिटीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मखाना एसिटाइलकोलाइन भी उत्पन्न करता है जो न्यूरोट्रांसमिशन को ट्रिगर करता है। जैसे-जैसे एसिटाइलकोलाइन का स्तर बढ़ता है, मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। इस प्रकार मखाने का सेवन करने से हमारे दिमाग की कार्यप्रणाली बेहतर और तेज हो जाती है।
- बेहतर पाचन
चूंकि मखाने उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर से भरपूर होते हैं, इसलिए दिन में एक बार इनका सेवन करने से बोवेल मूवमेंट में काफी सुधार होता है और कब्ज, एसिड रिफ्लक्स और अपच से कुछ राहत मिलती है।
- उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है
मखाने में एक नेचुरल इंग्रेडिएंट होता है, जिसे केम्पफेरोल के नाम से जाना जाता है। यह एक फ्लेवोनोइड है जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया की गति को कम करता है और उम्र बढ़ने के विभिन्न लक्षणों जैसे बालों का सफेद होना, झुर्रियाँ, बालों का झड़ना और धब्बे को दूर करता है। मखाने फ्री रेडिकल्स से लड़ने में भी मदद करते हैं।
- विटामिन बी-1 की कमी को पूरा करता है
मखाना विटामिन का एक समृद्ध स्रोत है। वे शरीर को विटामिन बी-1 से भर (रेप्लेनिश ) देते हैं, जिससे बेरीबेरी रोग के उपचार में मदद मिलती है।
- हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है
हार्मोनल इम्बैलेंस महिलाओं की प्रमुख समस्याओं में से एक है। मखाना आपके शरीर में हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए, वे पीरियड्स से पहले के लक्षणों से निपटने में मदद करते हैं और पीरियड्स के दौरान क्रेविंग्स को रोकते हैं। हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने से, मखाने आपके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के प्रॉपर फंक्शनिंग को भी सुनिश्चित करते हैं।
फूल मखाना के बारे में न्यूट्रिशनल फैक्ट्स
मखाना नुट्रिशियस फ़ूड आइटम्स में से एक है जो हर रोज नाश्ते के लिए एप्रोप्रियेट है। फूल मखाने के न्यूट्रिशनल वैल्यू के बारे में कुछ रिलेवेंट फैक्ट्स हैं:
- 100 ग्राम मखाने में 65 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.9 से 2.5 ग्राम वसा, 18 ग्राम प्रोटीन और 350 कैलोरी होती है।
- यह पोटेशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, प्रोटीन, थायमिन और फास्फोरस का एक समृद्ध स्रोत है।
- यह सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम में कम है।
- यह फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है।
सारांश
मखाना नुट्रिशन ,माक्रोनुट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट का एक पैकेट है। इसका पॉजिटिव इफ़ेक्ट शरीर के सभी अंगों पर देखा जा सकता है। यह बॉडी सिस्टम्स के प्रॉपर फंक्शनिंग को सुनिश्चित करता है। मखानों के विभिन्न लाभों को देखते हुए, उन्हें निश्चित रूप से अपने आहार के कम से कम एक भोजन में अवश्य शामिल करना चाहिए। मखाने के कुछ अमेजिंग और डिलीशियस रेसिपीज हैं जो आपके टेस्ट बड्स को संतुष्ट करते हैं और आपके स्वास्थ्य और आहार को भी नियंत्रित रखते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
1.मखाने के सेवन से क्या नुकसान होते हैं?
किसी भी चीज की अधिकता खराब होती है, उसी तरह मखाने के अधिक सेवन से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे:
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या
- एलर्जी
- इंसुलिन के स्तर में वृद्धि
- पेट फूलना
- कब्ज़
- सूजन
2.क्या मखाना रोज खा सकते हैं और कितनी मात्रा में?
आप हर दिन 2-3 मुट्ठी मखाने का सेवन कर सकते हैं लेकिन तले हुए स्नैक्स के रूप में इसका सेवन करने से बचें।
3.क्या मखाने एक्सपायर (expire) हो जाते हैं?
मखाने आमतौर पर एक उच्च शेल्फ लाइफ रखते हैं और आसानी से खराब नहीं होते हैं। मखाने की शेल्फ लाइफ 6 महीने है जब इसे ठंडी और सूखी जगह पर रखा जाता है।
4.मखाना की सामान्य विशेषताएं क्या हैं?
फूल मखाने को आमतौर पर पाचन के बाद मीठा माना जाता है। उनके पास एक ठंडी शक्ति होती है और वे भारी, तैलीय या स्वभाव से अस्थिर होते हैं।



