BP Kitna Hona Chahiye - सामान्य रक्तचाप की पूरी जानकारी

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Komal Daryani
on Oct 23, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Oct 23, 2025

हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर यानी रक्तचाप (Blood Pressure) यह बताता है कि हृदय (Heart) किस दबाव से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में रक्त (Blood) पंप कर रहा है। यह हमारे स्वास्थ्य का एक बेहद अहम संकेतक है। अगर BP सामान्य सीमा में है तो शरीर के सभी अंग सही से काम करते हैं। लेकिन अगर यह बहुत ज़्यादा या बहुत कम हो जाए तो यह कई बीमारियों की वजह बन सकता है। ब्लड प्रेशर हमेशा स्थिर नहीं रहता, यह आपके दिनभर की गतिविधियों, शरीर की स्थिति, दवाइयों और उम्र के हिसाब से बदलता रहता है।
ब्लड प्रेशर क्या होता है?
ब्लड प्रेशर का मतलब है रक्त का वह दबाव जो हृदय द्वारा पंप करते समय धमनियों की दीवारों पर पड़ता है।
इसे दो हिस्सों में मापा जाता है:
- Systolic BP (ऊपरी संख्या): जब दिल सिकुड़कर रक्त पंप करता है, तब का दबाव।
- Diastolic BP (निचली संख्या): जब दिल आराम की स्थिति में होता है, तब का दबाव।
उदाहरण:
अगर किसी व्यक्ति का BP 120/80 mmHg है, तो
- 120 = Systolic
- 80 = Diastolic
ब्लड प्रेशर क्यों महत्वपूर्ण है?
ब्लड प्रेशर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि इसका सीधे असर दिल, दिमाग और शरीर के अन्य अंगों पर पड़ता है।
- उच्च रक्तचाप (High BP / Hypertension): यह हृदय रोग और स्ट्रोक का मुख्य कारण बन सकता है। बहुत ज़्यादा उच्च रक्तचाप, जिसे उच्च रक्तचाप की आपात स्थिति (Hypertensive Emergency) कहा जाता है, जानलेवा भी हो सकता है।
- कम रक्तचाप (Low BP / Hypotension): यह चक्कर, बेहोशी और गिरने जैसी चोटों का कारण बन सकता है। अगर BP बहुत कम हो, तो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक रक्त प्रवाह कम हो जाता है और शॉक जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।
हम आमतौर पर केवल महसूस करके यह नहीं बता सकते कि हमारा BP सही है या नहीं। इसका सही पता मापने वाले उपकरण (BP Monitor) से ही लगाया जा सकता है।
सामान्य BP कितना होना चाहिए?
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व्यक्ति का प्रकार |
सामान्य BP (mmHg) |
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स्वस्थ वयस्क (Adult) |
120/80 mmHg |
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किशोर या युवा |
110/70 से 120/80 mmHg |
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बुजुर्ग |
130/80 mmHg तक सामान्य |
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गर्भवती महिला |
110/70 से 130/85 mmHg |
मेडिकल गाइडलाइन के अनुसार:
- 120/80 mmHg को सामान्य रक्तचाप (Normal BP) कहा जाता है।
- 130/85 mmHg तक को थोड़ा बढ़ा हुआ रक्तचाप (Slightly Elevated) माना जा सकता है।
- 140/90 mmHg या उससे ज़्यादा को उच्च रक्तचाप (High BP (Hypertension)) कहा जाता है।
- 90/60 mmHg से कम को कम रक्तचाप (Low BP (Hypotension)) कहा जाता है।
ब्लड प्रेशर की सामान्य सीमा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ आमतौर पर ब्लड प्रेशर को समझने और वर्गीकृत करने के लिए कुछ मुख्य श्रेणियों (Categories) का उपयोग करते हैं। ये श्रेणियाँ सभी वयस्कों (पुरुष या महिला) पर लागू होती हैं और यह बताती हैं कि आपका रक्तचाप सामान्य, थोड़ा बढ़ा हुआ, उच्च या खतरनाक स्तर पर है या नहीं:
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ब्लड प्रेशर श्रेणी (Category) |
ऊपरी संख्या (Systolic) |
निचली संख्या (Diastolic) |
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कम रक्तचाप (Low BP) |
90 से कम |
60 से कम |
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सामान्य रक्तचाप (Normal BP) |
120 से कम |
80 से कम |
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थोड़ा बढ़ा हुआ (Elevated) |
120–129 |
80 से कम |
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उच्च रक्तचाप स्टेज 1 (Stage 1 Hypertension) |
130–139 |
80–89 |
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उच्च रक्तचाप स्टेज 2 (Stage 2 Hypertension) |
140 या उससे अधिक |
90 या उससे अधिक |
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खतरनाक उच्च रक्तचाप (Hypertensive Crisis- Urgency/Emergency) |
180 या उससे अधिक |
120 या उससे अधिक |
ब्लड प्रेशर कब जांचना चाहिए?
आपको अपना ब्लड प्रेशर कम से कम साल में एक बार जरूर जांचना चाहिए। आमतौर पर यह आपकी वार्षिक स्वास्थ्य जांच के दौरान डॉक्टर द्वारा मापा जाता है।
अगर आपके BP में चिंता के कारण या इलाज की प्रभावशीलता देखने के लिए, डॉक्टर ज्यादा बार जांच करने की सलाह दे सकते हैं।
कई बार डॉक्टर आपको घर पर ब्लड प्रेशर मापने को भी कह सकते हैं। वे यह बताएँगे कि कितनी बार मापना है, कभी-कभी दिन में कई बार, कभी-कभी सप्ताह में एक बार।
कुछ मामलों में डॉक्टर 24 घंटे का ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग कराने की सलाह देते हैं। इससे डॉक्टर देख सकते हैं कि आपका BP दिनभर और सोते समय कैसे बदलता है। यह जब डॉक्टर के पास जाने पर सिर्फ घबराहट के कारण BP बढ़ जाता है (White Coat Syndrome) को पहचानने में भी मदद करता है।
ब्लड प्रेशर (BP) कंट्रोल करने के उपाय
- संतुलित आहार लें: नमक कम करें, फाइबर, फल और हरी सब्जियाँ ज़्यादा खाएँ।
- नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना 30 मिनट वॉक या योग करें।
- तनाव कम करें: मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- पानी खूब पिएँ: खासकर गर्मी में शरीर को हाइड्रेट रखें।
- नियमित रूप से BP जाँचें: हर 3 महीने में BP चेक कराना एक अच्छी आदत है।
हाई ब्लड प्रेशर क्या है?
जब रक्तचाप लगातार 140/90 mmHg या उससे अधिक रहता है, तो इसे Hypertension कहा जाता है। यह एक “Silent Killer” है क्योंकि ज़्यादातर मामलों में शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते।
High BP के कारण:
- ज्यादा नमक खाना
- तनाव (Stress)
- मोटापा
- धूम्रपान और शराब
- शारीरिक गतिविधि की कमी
- पारिवारिक इतिहास
High BP के लक्षण:
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- थकान
- छाती में दर्द
- धुंधला दिखाई देना
High BP के खतरे:
- हृदय रोग
- स्ट्रोक
- किडनी फेल होना
- आंखों की रोशनी कम होना
लो ब्लड प्रेशर क्या है?
जब रक्तचाप 90/60 mmHg से कम हो जाता है, तो इसे Hypotension कहा जाता है।
Low BP के कारण:
- डिहाइड्रेशन
- ब्लड लॉस
- लंबे समय तक खाली पेट रहना
- कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट
- हार्मोन असंतुलन
Low BP के लक्षण:
- कमजोरी या थकावट
- बेहोशी
- चक्कर आना
- धुंधला दिखना
- दिल की धड़कन तेज होना
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर BP बार-बार 140/90 से ऊपर या 90/60 से नीचे आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
ब्लड प्रेशर टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें?
सटीक ब्लड प्रेशर माप पाने के लिए कुछ तैयारियाँ जरूरी हैं:
- टेस्ट से 30 मिनट पहले धूम्रपान, व्यायाम और कैफीन से बचें।
- टेस्ट से पहले शौचालय जा लें, ताकि मूत्राशय खाली हो।
- टेस्ट शुरू होने से पहले कम से कम 5 मिनट आराम से बैठें और बात न करें।
- कोशिश करें कि छोटी आस्तीन वाली कपड़े पहनें, ताकि डॉक्टर आसानी से कफ (cuff) आपके हाथ पर रख सकें।
ब्लड प्रेशर को सामान्य रखना एक लाइफस्टाइल मैनेजमेंट है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव पर नियंत्रण और समय-समय पर जांच कराकर आप अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं। याद रखें, न तो BP बहुत ज्यादा होना चाहिए और न ही बहुत कम। आम तौर पर 120/80 mmHg के आसपास का ब्लड प्रेशर ही आपके दिल और दिमाग दोनों के लिए सही माना जाता है।



