vitamin b12 ki kami se kya hota hai: जानिए कारण और जरूरी संकेत

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Komal Daryani
on Oct 27, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Oct 27, 2025

अनियमित खान-पान और फास्ट फूड की आदतें अक्सर शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी का कारण बनती हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है विटामिन B12 (कोबालामिन)। यह पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, तंत्रिका तंत्र की सेहत और मस्तिष्क के सही कार्य में अहम भूमिका निभाता है। जब शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन B12 नहीं पा पाता या उसे ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, तो इसकी कमी के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देने लगते हैं।
विटामिन B12 क्या है?
विटामिन B12 हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। यह न सिर्फ हमारी नसों और लाल रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है, बल्कि DNA बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है।
चूँकि हमारा शरीर खुद से विटामिन B12 नहीं बना पाता, इसलिए हमें इसे खाने-पीने की चीजों से ही लेना पड़ता है। यह ज्यादातर पशु-आधारित खाद्य पदार्थों जैसे मछली, मांस, अंडे और दूध से बने उत्पादों में पाया जाता है। इसके अलावा, कुछ फोर्टिफाइड फूड्स (जिनमें अतिरिक्त विटामिन और खनिज मिलाए जाते हैं) जैसे सीरियल्स, ब्रेड, प्लांट-बेस्ड मिल्क और न्यूट्रिशनल यीस्ट में भी यह मौजूद होता है।
एक वयस्क को रोजाना लगभग 2.4 माइक्रोग्राम (mcg) विटामिन B12 की जरूरत होती है। वहीं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसकी मात्रा थोड़ी ज्यादा चाहिए होती है। बच्चों और शिशुओं की जरूरत उनकी उम्र के हिसाब से तय की जाती है।
विटामिन B12 की जरूरत क्यों है?
विटामिन B12 पानी में घुलनशील विटामिन है, जो मुख्य रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों जैसे मांस, अंडा, मछली और डेयरी में पाया जाता है। यह शरीर में खुद से नहीं बनता, इसलिए इसे भोजन या सप्लीमेंट्स से लेना जरूरी है।
शरीर में इसकी मुख्य भूमिकाएँ हैं:
- लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का निर्माण करना।
- DNA और RNA बनाने में मदद करना।
- तंत्रिकाओं (Nerves) की सुरक्षा करना।
- ऊर्जा उत्पादन में सहयोग करना।
- याददाश्त और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना।
विटामिन B12 की कमी के लक्षण
विटामिन B12 की कमी के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना।
- बार-बार चक्कर आना या सिर हल्का लगना।
- दिल की धड़कन तेज होना और सांस फूलना।
- हाथ-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन या जलन।
- मांसपेशियों में कमजोरी और संतुलन बनाने में परेशानी।
- याददाश्त कमजोर होना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
- मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन जैसे मानसिक लक्षण।
- जीभ का लाल या सूजन होना और मुँह में छाले।
- भूख कम लगना और अचानक वजन कम होना।
- बाल झड़ना और त्वचा का पीला पड़ना।
अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह एनीमिया, नसों की क्षति और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
विटामिन B12 की कमी से होने वाली बीमारियां
अगर लंबे समय तक इसकी कमी बनी रहती है तो ये गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है:
- एनीमिया : लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से खून की कमी।
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर : नसों को नुकसान, जिससे चलने-फिरने में कठिनाई और कंपकंपी।
- डिमेंशिया: याददाश्त से जुड़ी समस्या, खासकर बुजुर्गों में।
- हार्ट डिज़ीज़ का खतरा : B12 की कमी से होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ता है, जो हार्ट डिज़ीज़ और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ाता है।
- बांझपन : पुरुष और महिला दोनों में प्रजनन क्षमता पर असर।
विटामिन B12 की कमी के कारण
विटामिन B12 की कमी तब होती है जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में यह विटामिन नहीं मिलता या फिर शरीर उसे ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता। कई स्थितियां ऐसी हैं जो इसकी कमी का कारण बन सकती हैं:
आहार में कमी
जो लोग विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे मांस, अंडे, डेयरी उत्पाद) नहीं खाते या पर्याप्त मात्रा में नहीं लेते, उनमें इसकी कमी देखी जाती है।
गैस्ट्राइटिस
यह पेट की परत में सूजन की स्थिति है। इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड कम बनने लगता है, जो विटामिन B12 को अवशोषित करने के लिए ज़रूरी होता है।
घातक रक्ताल्पता
इस स्थिति में शरीर “आंतरिक कारक” (Intrinsic Factor) नामक प्रोटीन नहीं बना पाता, जो B12 को अवशोषित करने के लिए आवश्यक है।
पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियां
जसे क्रोहन डिज़ीज़ या सीलिएक डिज़ीज़, जिनकी वजह से शरीर विटामिन B12 को पूरी तरह अवशोषित नहीं कर पाता।
सर्जरी
जिन लोगों की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी (जैसे गैस्ट्रिक बाईपास) हुई हो, उन्हें भी B12 अवशोषित करने में कठिनाई होती है।
अत्यधिक शराब सेवन
लगातार शराब पीने से पाचन तंत्र को नुकसान होता है, जिससे B12 का अवशोषण प्रभावित होता है।
MTHFR की कमी
यह एक जीन में होने वाला परिवर्तन है, जिससे शरीर में B12 का सही चयापचय नहीं हो पाता। ऐसे मामलों में उच्च खुराक या विशेष मिथाइलेटेड B12 सप्लीमेंट की जरूरत होती है।
ट्रांस कोबालामिन की कमी
यह एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जिसमें शरीर के भीतर विटामिन B12 का सही ढंग से परिवहन नहीं हो पाता।
विटामिन B12 की कमी के जोखिम कारक
अगर आपके जीवन में इन इन कारणों में से एक या अधिक कारण मौजूद हैं, तो आपके शरीर में विटामिन B12 की कमी होने की संभावना अधिक हो सकती है-
- 75 वर्ष से अधिक आयु : इस उम्र के बाद शरीर की क्षमता विटामिन B12 को अवशोषित करने में काफी कम हो जाती है, जिससे कमी का खतरा बढ़ जाता है।
- पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियां : पाचन विकार, जैसे क्रोहन डिज़ीज़ या सीलिएक डिज़ीज़, शरीर के लिए विटामिन B12 को सोखना मुश्किल बना देते हैं।
- शाकाहारी या वेगन आहार : चूँकि विटामिन B12 प्राकृतिक रूप से केवल पशु-आधारित खाद्य पदार्थों (मांस, अंडे, डेयरी) में पाया जाता है, इसलिए सख्त शाकाहारी या वेगन डाइट लेने वालों में इसकी कमी आम होती है, खासकर यदि वे सप्लीमेंट नहीं ले रहे हों।
- कुछ दवाइयां लेना : मेटफॉर्मिन (डायबिटीज़ की दवा), प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स (एसिडिटी की दवा), H2 ब्लॉकर्स और मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में B12 के स्तर को कम कर सकती हैं।
- स्जोग्रेन सिंड्रोम : इस ऑटोइम्यून बीमारी से पीड़ित लोगों में B12 की कमी होने की संभावना अधिक रहती है।
- अत्यधिक शराब का सेवन : लंबे समय तक और अधिक मात्रा में शराब पीने से पाचन तंत्र को नुकसान होता है, जिससे विटामिन B12 का अवशोषण प्रभावित होता है।
विटामिन B12 की कमी से बचाव के लिए शाकाहारी लोग फोर्टिफाइड अनाज, न्यूट्रिशनल यीस्ट और सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। साथ ही, 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को साल में एक बार B12 स्तर की जांच जरूर करानी चाहिए। संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, हरी सब्जियां और फल शामिल हों, भी शरीर को पोषक तत्व सही तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है।



