पीरियड लाने का उपाय: जानें कारण और घरेलू नुस्खे

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Sheena Mehta
on Oct 24, 2025
Last Edit Made By Sheena Mehta
on Oct 24, 2025

इस समय महिलाएं जिस समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रही हैं वह है पीरियड समय पर नहीं आना। यह सच है कि महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक आम समस्या है पीरियड का समय पर न आना। अगर आपकी माहवारी बार-बार लेट हो रही है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है, बस कुछ आसान और प्राकृतिक पीरियड लाने के उपाय (Period Lane Ke Upay) अपनाकर आप इस समस्या से राहत पा सकती हैं।
पीरियड देर से आने के कारण
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि पीरियड लेट होने के पीछे हमेशा कोई गंभीर कारण नहीं होता। कई बार जीवनशैली या तनाव भी इस पर असर डालते हैं। आइए जानें कुछ आम कारण:
तनाव और चिंता (Stress & Anxiety): मानसिक तनाव हार्मोन के स्तर को बदल देता है, जिससे पीरियड में देरी हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance): थायरॉइड या पीसीओडी जैसी समस्याएं अक्सर पीरियड साइकल को प्रभावित करती हैं।
वजन में अचानक बदलाव: बहुत ज्यादा वजन बढ़ना या अचानक वजन कम होना भी देरी का कारण बन सकता है।
अधिक व्यायाम या कम खाना: शरीर में पोषण की कमी से भी हार्मोनल बैलेंस बिगड़ता है।
नींद की कमी और अनियमित दिनचर्या: शरीर का रिदम बदल जाने से भी माहवारी में अनियमितता आ सकती है।
किसी दवा का असर: कुछ दवाइयां (जैसे गर्भनिरोधक गोलियाँ) पीरियड साइकिल पर असर डाल सकती हैं।
पीरियड लाने के घरेलू उपाय
इन उपायों को आप घर पर आसानी से अपना सकती हैं। ये शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं और रक्त संचार बढ़ाकर माहवारी लाने में मदद करते हैं।
1. अजवाइन और गुड़ का पानी
अजवाइन शरीर को अंदर से गर्म रखती है और रक्त प्रवाह को बढ़ाती है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को सक्रिय करती है, जिससे पीरियड लाने में मदद मिलती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन और थोड़ा गुड़ डालकर कुछ मिनट तक उबालें। जब यह पानी हल्का ठंडा हो जाए, तो इसे सुबह खाली पेट पिएं। नियमित सेवन से माहवारी समय पर आने लगती है और पेट में भारीपन या ऐंठन की समस्या भी कम होती है।
2. पपीता
कच्चा पपीता गर्भाशय की दीवारों को सक्रिय करता है और एस्ट्रोजन हार्मोन को नियंत्रित करता है, जिससे पीरियड समय पर आने में मदद मिलती है। रोजाना एक कटोरी पपीता खाना या उसका जूस पीना फायदेमंद होता है। यह न केवल माहवारी को नियमित करता है बल्कि पेट की सूजन और ऐंठन में भी राहत देता है। ध्यान रहे, अगर आप गर्भवती हैं तो कच्चे पपीते का सेवन न करें।
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3. अदरक
अदरक शरीर में गर्मी बढ़ाने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। यह हार्मोन को संतुलित करता है और अनियमित पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। इसके लिए थोड़ा अदरक पानी में उबालें, फिर स्वाद के अनुसार थोड़ा शहद मिलाकर इसे सुबह या शाम पिएं। यह न केवल पीरियड लाने में सहायक है, बल्कि पेट दर्द, सूजन और ब्लोटिंग में भी राहत देता है।
4. हल्दी वाला दूध
हल्दी एक प्राकृतिक गर्म तत्व है जो शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ाकर हार्मोनल बैलेंस बनाए रखती है। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से शरीर अंदर से गर्म होता है और पीरियड समय पर आने में मदद मिलती है। हल्दी वाला दूध दर्द और थकान को भी कम करता है और नींद बेहतर बनाता है।
5. तिल और गुड़
तिल में मौजूद पोषक तत्व हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। भुने हुए तिल में थोड़ा गुड़ मिलाकर रोज़ाना थोड़ा-थोड़ा खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है और पीरियड नियमित होने लगते हैं। यह उपाय सर्दियों के मौसम में और भी ज्यादा असरदार साबित होता है।
6. अलसी के बीज
अलसी के बीज शरीर में हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं। इनमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिगनेन पीरियड साइकिल को नियमित करने में मदद करते हैं। रोज़ सुबह एक चम्मच पिसी हुई अलसी पानी के साथ लें या स्मूदी में मिलाकर पिएं। यह न सिर्फ पीरियड के लिए बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है।
7. गर्म पानी से सिंकाई या हीट पैक
अगर आपको लगता है कि पीरियड आने वाले हैं लेकिन हो नहीं रहे, तो गर्म पानी की सिंकाई या हीट पैक बहुत फायदेमंद हो सकता है। पेट के निचले हिस्से पर 10-15 मिनट तक गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड लगाने से गर्भाशय की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे पीरियड जल्दी आने में और पेट दर्द कम करने में मदद मिलती है।
जीवनशैली में बदलाव से भी आएगा असर
घरेलू नुस्खों के साथ अगर आप अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे बदलाव करें तो परिणाम और जल्दी मिल सकते हैं।
संतुलित आहार लें- शरीर को आवश्यक पोषक तत्व (जैसे आयरन, विटामिन B12, कैल्शियम) जरूर दें। हरी सब्जियाँ, फल, दालें, और ड्राई फ्रूट्स नियमित रूप से खाएं।
तनाव कम करें- योग, मेडिटेशन या गहरी सांस लेने के अभ्यास करें। तनाव कम होगा तो हार्मोन भी संतुलित रहेंगे।
नियमित व्यायाम करें- हल्की एक्सरसाइज या 30 मिनट वॉक से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
पर्याप्त नींद लें- रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद शरीर के हार्मोनल सिस्टम को संतुलित रखती है।
मेडिकल ट्रीटमेंट ऑप्शंस
अगर आपके पीरियड्स लगातार 2-3 महीने तक नहीं आते, बहुत अनियमित हैं, या हर बार बहुत कम या ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो इसे हल्के में न लें। यह किसी हार्मोनल असंतुलन या मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत किसी गायनेकोलॉजिस्ट या महिला विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें ताकि सही कारण का पता लगाया जा सके। डॉक्टर आमतौर पर कुछ आवश्यक जांचें करवाने की सलाह देते हैं, जैसे -
- थायरॉयड टेस्ट: यह जांच यह पता लगाने के लिए की जाती है कि आपके थायरॉयड हार्मोन सामान्य हैं या नहीं। क्योंकि थायरॉयड के असंतुलन से पीरियड्स में देरी या अनियमितता आ सकती है।
- अल्ट्रासाउंड (PCOS टेस्ट): अगर पीरियड्स लंबे समय तक नहीं आ रहे हैं या चेहरे पर पिंपल्स और वजन बढ़ रहा है, तो यह पीसीओएस का संकेत हो सकता है। अल्ट्रासाउंड जांच से ओवरी की स्थिति स्पष्ट होती है।
- हार्मोनल प्रोफाइल टेस्ट: यह जांच एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और एलएच/एफएसएच जैसे हार्मोन्स के स्तर को मापने के लिए की जाती है। इससे यह पता चलता है कि हार्मोनल बैलेंस ठीक है या नहीं।
- प्रेग्नेंसी टेस्ट (यदि आवश्यक हो): अगर माहवारी रुकने का कारण प्रेग्नेंसी हो सकता है, तो डॉक्टर इसकी जांच सबसे पहले करवाते हैं।
पीरियड का समय पर आना महिलाओं के स्वास्थ्य का एक अहम संकेत है। अगर आपकी माहवारी बार-बार लेट हो रही है, तो सबसे पहले अपने खान-पान, नींद और तनाव पर ध्यान दें। साथ ही ऊपर बताए गए घरेलू और प्राकृतिक उपाय धीरे-धीरे आपके शरीर का संतुलन बहाल करने में मदद करेंगे। लेकिन अगर देरी लगातार बनी रहती है, तो किसी गायनेकोलॉजिस्ट से जांच करवाना जरूरी है, ताकि कारण का सही पता चल सके।



