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Depression Meaning in Hindi - अर्थ, प्रकार, कारण, और उपाय

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Jul 13, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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Depression Meaning in Hindi
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डिप्रेशन क्या है? (What is depression?)

हम सभी ने अपने जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर स्वयं को उदास और हताश महसूस किया होगा। असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही सामान्य और स्वाभाविक है। हालांकि, अगर उदासी, दुख, निराशा आदि की भावनाएं कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक लगातार बनी रहती हैं और व्यक्ति सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में खुद को असमर्थ महसूस करता है, तो यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग के संकेत हो सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से अधिक लोग इस समस्या से पीड़ित हैं, और भारत में यह आंकड़ा 5 करोड़ से अधिक है, जो एक गंभीर समस्या है। आमतौर पर डिप्रेशन किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओ को डिप्रेशन से अधिक प्रभावित होने की संभावना रहती है। मानसिक कारकों के अलावा, हार्मोन्स का असंतुलन, गर्भावस्था और आनुवांशिक विकार जैसे अन्य कारक भी डिप्रेशन के कारण बन सकते हैं।

डिप्रेशन कोई साधारण समस्या नहीं है। यह जीवन के उतार-चढ़ाव और रोजमर्रा की जिंदगी में सामने आने वाली चुनौतियों से अलग होता है और यह बहुत खतरनाक रूप ले लेता है जब समय पर उचित रूप से इलाज नहीं किया जाता। डिप्रेशन से प्रभावित व्यक्ति को आत्महत्या और विभिन्न नकारात्मक विचारों का सामना करना पड़ सकता है। इस परिस्थिति में व्यक्ति को प्यार और समर्थन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। यदि आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति डिप्रेशन जैसे खतरनाक मानसिक रोग से प्रभावित है, तो आपको निश्चित रूप से चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। आपका जीवन सिर्फ आपके लिए ही नहीं, बल्कि आपके परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

इस लेख में अभी तक हमने देखा कि डिप्रेशन क्या होता है। अब हम चर्चा करेंगे कि क्या चिंता तनाव और डिप्रेशन एक ही बीमारी हैं? इसके अलावा, हम जानेंगे कि डिप्रेशन के लक्षण क्या होते हैं, डिप्रेशन के कारण क्या होते हैं,  डिप्रेशन कितने प्रकार का होता है , डिप्रेशन से बचाव के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए, और डिप्रेशन का इलाज क्या होता है।

डिप्रेशन के प्रकार (Types of Depression)

डिप्रेशन कई प्रकार का हो सकता है, यहां कुछ मुख्य डिप्रेशन के प्रकार दिए गए हैं:

1. मेजोटाइप डिप्रेशन: इस प्रकार की डिप्रेशन में व्यक्ति कम ऊर्जावान और धीमा होता है। उन्हें ध्यान और उत्साह की कमी होती है और वे आमतौर पर दुखी महसूस करते हैं।

2. अनधिक्रित डिप्रेशन: इस प्रकार की डिप्रेशन में व्यक्ति की मनोदशा बदलती रहती है, वे आमतौर पर उत्साहित और उदास होते हैं। इस प्रकार की डिप्रेशन में स्वार्थी भावनाएं और व्यापक मानसिक त्रुटियाँ हो सकती हैं।

3. अतिदीन डिप्रेशन: यह प्रकार का डिप्रेशन सामान्य डिप्रेशन से अधिक गंभीरता और लंबे समय तक बना रहता है। इसमें व्यक्ति को रोज़मर्रा की गतिविधियों को करने में कठिनाई होती है और उन्हें आगे बढ़ने की भावना नहीं होती है।

4. पीरीआडिकल डिप्रेशन: इस प्रकार की डिप्रेशन में व्यक्ति को सालों तक कठिन समय गुजारना पड़ सकता है, जबकि उसे कुछ समय के लिए ठीक महसूस होता है। यह डिप्रेशन अक्सर मौसमिक परिवर्तनों के साथ जुड़ा होता है।

5. सामान्य डिप्रेशन: यह सबसे सामान्य डिप्रेशन है और जीवन में किसी न किसी समय हर किसी को हो सकता है। इसमें व्यक्ति को उदासी, निराशा, अस्थायी ध्यान और ऊर्जा की कमी होती है।

ये कुछ मुख्य डिप्रेशन के प्रकार हैं, लेकिन डिप्रेशन के अलावा भी कई और चिकित्सालायी प्रकार हो सकते हैं। यदि आपको डिप्रेशन के लक्षणों का अनुभव होता है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा।

डिप्रेशन के लक्षण - Symptoms of Depression

डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति में निम्न लक्षण पाए जाते है जैसे की - 

  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना 
  • आत्महत्या का बार बार विचार आना 
  • भूख की कमी तथा वजन कम होना
  • अनिद्रा या अत्यधिक नींद का आना 
  • चिंता और बेचैनी का अनुभव करना 
  • अत्यधिक थकावट का अनुभव करना
  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी होना 
  • सामाजिक गतिविधियों में रूचि ना लेना आदि। 

यदि आपको ऐसे लक्षणों का अनुभव हो रहा है और आपको डिप्रेशन का संदेह है, तो आपको एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

चिंता, तनाव और डिप्रेशन में अंतर - (Difference between anxiety, stress and depression)

चिंता और तनाव दोनों मानसिक स्थितियाँ हैं, लेकिन इन दोनों के बीच में कुछ अंतर है। चिंता एक अस्थायी और अकारण चिंता की स्थिति है, जहां व्यक्ति मन में उत्पन्न होने वाले विचारों, संदेहों, और चिंताओं के कारण परेशान होता है। यह एक सामान्य मानसिक प्रक्रिया है और सामान्य जीवन में दैनिक चिंताएं या चिंता के संकेत अनिवार्य हो सकते हैं। चिंता अक्सर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, निर्णय लेने, समाजिक संबंधों, आर्थिक मुद्दों आदि पर प्रभाव डालती है।

वहीं, तनाव एक अवस्था है जिसमें शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति अत्यधिक चिंतित और तनावग्रस्त हो जाता है। तनाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्तर पर जीवन की मांगों और प्रतिस्पर्धाओं के संप्रेक्ष्य में उत्पन्न होता है। तनाव के कारण शारीरिक रोग, मानसिक तनाव, अस्वस्थता, नींद की समस्याएं, और अकारण थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति का मूड, भावनाएं, और व्यवहार प्रभावित होते हैं, जबकि चिंता और तनाव मानसिक स्थितियाँ हैं जो मन में चिंताएं और अत्यधिक तनाव के कारण प्रकट होती हैं। चिंता विशेष विचारों या घटनाओं के बारे में चिंता करने की स्थिति होती है, जबकि तनाव अधिकांश व्यापक और सामान्य तनाव की स्थिति होती है जो व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं पर प्रभाव डालती है।

इन दोनों की स्थितियों में अंतर होने के बावजूद, चिंता और तनाव एक दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं और एक व्यक्ति को डिप्रेशन की ओर ले जा सकते हैं। चिंता और तनाव का प्रबंधन और डिप्रेशन के लिए सही इलाज बहुत महत्वपूर्ण है, और एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा।

डिप्रेशन कैसे होता है (डिप्रेशन के कारण) : How does depression happen (Causes of depression)

डिप्रेशन कई कारणों के कारण हो सकता है। यहां कुछ प्रमुख कारणों की एक सूची है:

1. रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं का प्रभाव: कई रोग और स्वास्थ्य समस्याएं डिप्रेशन का मुख्य कारण बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, स्काइज़ोफ्रेनिया, अल्जाइमर की बीमारी, पार्किंसन रोग, या थायराइड असंतुलन आदि डिप्रेशन के विकार का कारण बन सकते हैं।

2. जीवन की स्थितियों और घटनाओं का प्रभाव: यदि किसी व्यक्ति को जीवन में ऐसी स्थितियाँ या घटनाएं होती हैं जो उसे आत्मीयता, अस्थिरता, या चिंता का अनुभव करवाती हैं, तो डिप्रेशन की संभावना बढ़ जाती है। यह स्थितियाँ शामिल हो सकती हैं: निर्माण या तोड़-फोड़ की प्रक्रिया, नौकरी या आर्थिक समस्याएं, परिवार या संबंधों में समस्याएं, निरंतर तनाव या संघर्ष, या किसी प्रकार का भारी नुकसान या गम्भीर दुख।

3. वातावरणिक कारक: कई बाहरी कारक भी डिप्रेशन को प्रभावित कर सकते हैं। यह शामिल हो सकते हैं: संघर्षपूर्ण परिवेश, सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, प्राकृतिक आपदाएं, सामाजिक अलगाव या अनियमितता, और ध्रुवीकरण या अपवाद स्थितियाँ।

4. आनुवंशिक कारण: डिप्रेशन आनुवंशिक भी हो सकता है, यानी यदि परिवार में डिप्रेशन की पूर्वजों या रिश्तेदारों में इसकी इतिहास हो तो व्यक्ति को डिप्रेशन के विकार का जोखिम बढ़ जाता है।

ये कुछ मुख्य कारण हैं जो डिप्रेशन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत इतिहास, और सामाजिक समर्थन भी इसके प्रभाव का कारक हो सकते हैं। डिप्रेशन के लिए सही इलाज और समर्थन प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, इसलिए यदि आपको डिप्रेशन के लक्षणों का अनुभव होता है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा।

डिप्रेशन के समय क्या करें। (What to do during depression)

डिप्रेशन के समय खुद की देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां कुछ सुझाव हैं जो आप डिप्रेशन के समय अपना सकते हैं:

1. संपर्क बनाए रखें: अपने परिवार और मित्रों के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखें। उनसे बातचीत करना और अपनी भावनाओं को साझा करना मददगार हो सकता है।

2. स्वस्थ आहार: स्वस्थ और नियमित आहार लें। फल, सब्जियां, पूर्ण अनाज, प्रोटीन और फलियां शामिल करें। स्वस्थ आहार आपके मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

3. व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करना डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकता है। योग, ध्यान, साँस लेने की व्यायाम तकनीकें और शारीरिक गतिविधियां आपके मन को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।

4. पनी रुचियों को ध्यान में रखें: अपनी रुचियों और आनंददायक कार्यों को ध्यान में रखें। किसी कार्य में लगने से और कर्मचारियों के साथ साझा करने से आपको आनंद मिल सकता है।

5. नियमित नींद: अपने निद्रा और विश्राम का पूरा ख्याल रखें। यदि आपकी नींद प्रभावित हो रही है, तो संभावित कारणों को ध्यान में रखें और आवश्यकता अनुसार इसे सुधारने के लिए कार्यवाही करें।

6. स्व-देखभाल: अपने शरीर और मन की देखभाल करें। मसाज, आराम करना, स्नान करना, मनोरंजन करना और अपनी प्रिय गतिविधियों में समय बिताना आपके भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

7. मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल: यदि डिप्रेशन के लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं या आपके दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होगा। उनकी मार्गदर्शन और उपचार से आप अपनी मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

यदि आप डिप्रेशन का सामना कर रहें हैं, तो इन सुझावों को अपनाने के साथ एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलना बेहतर होगा ताकि आपको सही दिशा और समर्थन मिल सके।

डिप्रेशन से बचाव – (Prevention of Depression in Hindi)

वैसे तो डिप्रेशन से बचने का कोई निश्चित तरीका नहीं है परन्तु आप कुछ सामान्य नियमो का पालन करके डिप्रेशन जैसे खरतनाक मानसिक बीमारी से अपनी और अपने परिवार की देखभाल कर सकते है। 

 सामान्य स्वास्थ्य की देखभाल करें: नियमित रूप से शरीरिक गतिविधि करें, पौष्टिक आहार लें, अपनी नींद को पूरी करे, तंबाकू और अत्यधिक शराब का सेवन न करें।

स्वस्थ समय बिताएं: अपनी पसंदीदा गतिविधियों, जैसे कि योग, मेडिटेशन, किताब पढ़ना, मनोरंजन आदि में समय बिताएं। इससे मनोभाव, स्वास्थ्य और ध्यान में सुधार हो सकता है।

पारिवारिक संपर्क में रहें: परिवार, मित्रों और प्रियजनों के साथ संपर्क में रहना महत्वपूर्ण है। इससे आपको समर्थन मिलता है और आप अकेलापन महसूस नहीं करते।

स्वयं की देखभाल करें: अपनी जरूरतों और आवश्यकताओं को मानें और अपनी मनोदशा को ध्यान में रखें। अपने लिए समय निकाले और खुद से अत्यधिक प्यार करे। 

सतर्कता रखें: अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को काबू  में रखें। यदि आप नकारात्मक या अवसादी विचारों का सामना कर रहे हैं, तो इसे किसी विशेषज्ञ से साझा करें और चिकित्सा सलाह लें।
अत्यधिक तनाव ना ले : किसी भी विषय और वस्तु के लिए अधिक तनाव ना ले। यदि आप डिप्रेशन की स्थिति को महसूस कर रहे है तो किसी से भी बात करने में संकोच ना करे अपने परिवार और मित्रो को इसकी सुचना दे तथा चिकित्सक से बात करे।

डिप्रेशन का इलाज – (Treatment of Depression)

  • अपने आपको अकेला न रहने दे, दोस्तों के साथ बाहर जाएँ, लोगों से मिले जुले, बाते करे जितना हो सके अपने आप को व्यस्त रखे। 
  • अपने जीवन का कोई लक्ष्य बनाए और उसमे ध्यान केंद्रित करे। 
  • साइकोथेरेपी एक महत्वपूर्ण उपचार तकनीक है जो डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को मानसिक रूप से बेहतर महसूस करने में मदद कर सकती है।
  • मनोचिकित्सक से संपर्क करें। 
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाए योग, ध्यान, नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और पर्याप्त नींद आपके मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
  • नकारात्मक विचारो से बचे। 
  • सामाजिक गतिविधियों में रूचि ले। 
  • अपनी पसंदीदा फिल्मे सीरीज और गाने सुन सकते है इससे भी काफी हद तक आपको मदद मिलेगी। 
  • अपने माता -पिता के बारे में सोचे और नकारात्मक भावनाओ से दूर रहे। 
  • सायकायट्रिस्ट की हर बात मानें।
  • चिकित्सक द्वारा लिखी  गयी दवाओ को अपनी मर्जी से बंद ना करे तथा दवाओं का सेवन नियमित रूप से करे। 

याद रखे–

  1. डिप्रेशन एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या  है जिसके निदान के लिए व्यक्ति को चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है।
  2. डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को पागल नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि यह मिथ्या है। वास्तव में, डिप्रेशन के अधिकांश मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं यदि उन्हें सही समय पर उपचार मिलता है।
  3. डिप्रेशन के उपचार के लिए सही जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  4. इस समस्या से निजात पाने  लिए चिकित्सक के साथ-साथ मरीज के परिवार और दोस्तों का सहयोग अत्यंत आवश्यक होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. डिप्रेशन का सही इलाज क्या है?

डिप्रेशन का सही इलाज व्यक्ति के लक्षणों, स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करता है। इलाज में चिकित्सागार के साथ सहयोगी चिकित्सा, मनोचिकित्सा, दवाओं का सेवन, योग, ध्यान और स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली शामिल हो सकते हैं।

2. डिप्रेशन के लास्ट स्टेज में क्या होता है?

डिप्रेशन के अंतिम चरण में, व्यक्ति को अधिक गंभीर और निराशाजनक भावनाएं हो सकती हैं। उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है, उन्हें सुख महसूस करने की क्षमता कम होती है और स्वाभाविक गतिविधियों में रुचि नहीं रहती है।

3. क्या ज्यादा सोचने से डिप्रेशन होता है?

ज्यादा सोचने से डिप्रेशन होने के संबंध में वैज्ञानिक संशोधन द्वितीयक हैं। ज्यादा सोचने की एक अवस्था, जिसे चिंता कहा जाता है, डिप्रेशन का कारक हो सकती है, लेकिन यह केवल एक हेतुक नहीं है और अन्य कारक भी मौजूद हो सकते हैं।

4. डिप्रेशन कितने दिनों तक रहता है?

डिप्रेशन की अवधि व्यक्ति के लक्षणों, उनकी गंभीरता और उपचार की प्रभावशीलता पर निर्भर करती है। कुछ लोगों के लिए डिप्रेशन कुछ हफ्तों तक रह सकता है, जबकि दूसरों के लिए यह महीनों या सालों तक चल सकता है। यदि आपको डिप्रेशन के लक्षण हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

5. डिप्रेशन को ठीक होने में कितना समय लगता है?

डिप्रेशन को ठीक होने में समय व्यक्ति के लक्षणों, उनके गंभीरता, उपचार के प्रभावशीलता और सहयोग के प्रभाव पर निर्भर करेगा। कुछ लोगों के लिए डिप्रेशन का समाप्त होने में कुछ हफ्तों या महीनों का समय लग सकता है, जबकि दूसरों के लिए इसमें और अधिक समय लग सकता है। इसलिए, सही उपचार और समर्थन के साथ संयमित रहना महत्वपूर्ण है।

6. डिप्रेशन का क्या कारण होता है?

डिप्रेशन के कारण व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं। इसमें जीवन की तनावपूर्ण स्थितियाँ, व्यक्तिगत कारण, राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियाँ, बायोलॉजिक कारक, रसायनिक असंतुलन और ब्रेन केमिस्ट्री की असामान्यता शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, आपकी विरासत, परिवार का इतिहास, मनोवैज्ञानिक कारक, और सामाजिक समरसता भी डिप्रेशन के कारणों में से हो सकते हैं।

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7 Comments

  • mahee dwivedi

    Sep 16, 2024 at 3:24 AM.

    meri age 21year hai or me depression me hu mere depression ka karan hi meri family or friends hai me mera dam ghutata hai ghar me kya kru bahar ja nhi sakte

    • MyHealth Team

      Sep 16, 2024 at 6:30 AM.

      I understand it’s tough. Try journaling your feelings, doing meditation or yoga for mental peace, and taking small breaks to relax with music or a hobby. If you can’t talk to family or friends, consider reaching out to a counselor or helpline. Professional help can make a big difference. You deserve to feel better.

  • Anand

    Jul 18, 2024 at 8:28 AM.

    Great article

    • MyHealth Team

      Jul 18, 2024 at 12:18 PM.

      Thank You for Your Kind words, we are Glad You Liked It

  • Arjun kumar

    Apr 18, 2024 at 7:23 AM.

    1.kya depression me memory loose hone ka case hota hai kya. .? 2.depression me hum kaise baat kre ki samne wala ko memory repeat ho .? 3.es case me kya kre ki samne wala shi ho. .?

    • Myhealth Team

      Apr 20, 2024 at 6:46 AM.

      1. Haan, depression mein memory loss ka case ho sakta hai. Depression aksar concentration aur cognitive functions par asar daal sakta hai, jo ki yaad rakne ki kshamata ko prabhavit kar sakta hai.

      2. Depression mein, samne wale se pyaar aur samajhdari se baat karna zaroori hai. Unhein unki bhavnayein samjha kar aur unki sunnatai se samman karke, unki yaad rakhne ki kshamata ko badha sakte hain. Dhyan den ki dheere-dheere aur sabr se baat karna aur unhein sthirata se sunna mahatvapurn hai.

      3. Is case mein, sabse zaroori hai ki aap samne wale ko samajhne aur samman karne ka prayas karein. Unki feelings aur anubhavon ko samjhein aur unke saath sahayogi banein. Depression ka upchar bhi zaroori hai, isliye unhein upchar ke liye salah dene ki bhi prerna karein.

  • Dharmendra

    Jan 22, 2024 at 4:50 PM.

    My wife face that situation now she made me and my family her enemy for all things some accident prove that she is alone and all my family against to her and she remind all bad things in her life

    • Myhealth Team

      Jan 23, 2024 at 11:24 AM.

      Your wife may be facing emotional challenges. Encourage her to seek professional help for better communication and understanding within the family.

  • Gurkirat singh

    Nov 29, 2023 at 12:51 PM.

    Depresihon

    • Gurkirat singh

      Nov 28, 2023 at 4:22 PM.

      My age 36 year I am depressed feel

      • Myhealth Team

        Nov 29, 2023 at 12:45 PM.

        I'm sorry you're feeling this way. Reach out to friends, family, or a mental health professional for support. If in crisis, contact a helpline or seek emergency help.

    • Akshay

      Nov 13, 2023 at 7:47 PM.

      Mere papa ji dipression me chale gye hai

      • Myhealth Team

        Nov 17, 2023 at 11:17 AM.

        Aapke papa ke depression ke liye professional help lena important hai. Mental health professional ya doctor se consult karein aur emotional support dein.

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