Constipation Meaning in Hindi: जानें कारण, लक्षण और उपचार

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on May 27, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 19, 2025

Constipation Meaning in Hindi: आधुनिक ज़िंदगी की तेज़ रफ्तार और भागदौड़ में, बाहर का खाना-पीना एक आम समस्या बनती जा रही है। इसी वजह से कब्ज़ (Constipation) जैसी परेशानी अक्सर लोगों को सताने लगी है।
अगर हम अपनी खाने-पीने की आदतों में सुधार करें, जैसे कि घर का ताजा और पौष्टिक खाना खाना, फल-सब्ज़ियां बढ़ाना और पर्याप्त पानी पीना, तो कब्ज़ से बचा जा सकता है। साथ ही रोजाना थोड़ा-बहुत व्यायाम करना भी बहुत मददगार होता है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम समझेंगे कि कब्ज़ के मुख्य लक्षण, कारण और इलाज के बारे में पूरी जानकारी। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और गलत खानपान की वजह से कब्ज़ एक आम समस्या बन गई है, जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। इसलिए इस ब्लॉग में हम आपको कब्ज़ से जुड़ी हर जरूरी बात आसान भाषा में बताएंगे, ताकि आप इस समस्या को समझकर सही समय पर इसका इलाज कर सकें।
कब्ज़ के आम लक्षण ( Common Symptoms of Constipation )
अगर आपको निम्नलिखित समस्याएं हो रही हैं, तो यह कब्ज़ का संकेत हो सकता है:
मल त्यागने में कठिनाई ( Difficulty in passing stools)
मल को निकालने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है या मल बाहर आने में देर लगती है।
मल सख्त और सूखा होना (hard and dry stools)
मल का रंग काला या बहुत सख्त हो जाता है, जिससे दर्द होता है।
तीन दिन से अधिक समय तक मल न आना ( No Stool for More than three days)
अगर तीन या उससे ज्यादा दिनों तक मल त्याग न हो तो यह कब्ज़ माना जाता है।
पेट में भारीपन या सूजन (Heaviness or Bloating in the Abdomen)
पेट भारी-भरी, फूलना या गैस की शिकायत हो सकती है।
पेट दर्द या ऐंठन ( abdominal pain or cramps )
कब्ज़ के कारण पेट में दर्द या ऐंठन महसूस हो सकती है।
भूख में कमी ( loss of appetite)
कब्ज़ की वजह से भूख कम लग सकती है।
थकावट और कमजोरी (Fatigue and weakness)
लगातार कब्ज़ से शरीर में थकावट महसूस हो सकती है क्योंकि शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल नहीं पाते।
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कब्ज़ के प्रमुख कारण (Main causes of constipation)
कब्ज़ के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सबसे आम कारण नीचे दिए गए हैं:
पानी की कमी ( Dehydration)
शरीर में पानी की कमी सबसे बड़ी वजह है कब्ज़ की। अगर आप दिनभर में पर्याप्त पानी नहीं पीते तो मल सख्त हो जाता है और बाहर निकलने में दिक्कत होती है।
फाइबर की कमी ( Lack of fiber)
आहार में रेशेदार पदार्थों (फाइबर) की कमी से भी कब्ज़ होता है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं। फाइबर मल को नरम बनाता है और पेट साफ रखता है।
कम शारीरिक गतिविधि ( Low physical activity)
यदि आप ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते, तो कब्ज़ होने का खतरा बढ़ जाता है। रोजाना व्यायाम करने से आंतों की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं और मल निकलना आसान होता है।
गलत खानपान और जंक फूड ( Bad eating habits and junk food )
अधिक तला-भुना, तेलीय या जंक फूड खाने से कब्ज़ की समस्या बढ़ जाती है क्योंकि ये खाने पचने में मुश्किल होते हैं और इनमें फाइबर की कमी होती है।
तनाव और मानसिक दबाव ( Stress and mental pressure )
आजकल के तनाव भरे जीवनशैली में मानसिक तनाव और चिंता भी कब्ज़ का एक कारण बन सकते हैं। तनाव के कारण शरीर के कई अंगों का काम प्रभावित होता है, जिसमें पाचन तंत्र भी शामिल है।
कुछ दवाइयां ( Some medicines)
कुछ दवाइयों के सेवन से भी कब्ज़ हो सकता है, जैसे कि पेनकिलर, आयरन सप्लीमेंट, एंटीडिप्रेसेंट्स और ब्लड प्रेशर की दवाइयां।
पाचन तंत्र के रोग ( Diseases of the digestive system )
अगर पाचन तंत्र में कोई समस्या हो, जैसे कि आंत्ररोक या थायरॉयड की बीमारी, तो भी कब्ज़ हो सकता है।
कब्ज़ के मुख्य इलाज ( Main Treatments for constipation )
कुछ आसान उपायों से कब्ज़ को ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कब्ज़ के मुख्य इलाज क्या हैं:
पानी भरपूर पिएं ( Drink Plenty of Water)
पेट साफ़ रखने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएं। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से आंतें एक्टिव होती हैं और मल त्याग में आसानी होती है।
फाइबर वाला खाना खाएं ( Eat Fiber Rich Food)
फल, सब्ज़ियां, सलाद, दालें और साबुत अनाज (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस) फाइबर से भरपूर होते हैं। ये आंतों की सफाई में मदद करते हैं और मल को नरम बनाते हैं।
नियमित टॉयलेट की आदत डालें ( Get Into the Habit of Going to the Toilet Regularly )
मल त्याग को कभी टालें नहीं। सुबह एक ही समय पर टॉयलेट जाने की आदत बनाएं, इससे शरीर की नैचुरल प्रक्रिया सेट हो जाती है।
व्यायाम और योग करें ( Do Exercise and Yoga )
हर दिन हल्का वॉक, प्राणायाम या कुछ योगासन (जैसे पवनमुक्तासन, भुजंगासन) करने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और कब्ज़ दूर होती है।
घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय ( Home and Ayurvedic Remedies)
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त्रिफला चूर्ण रात को गुनगुने पानी के साथ लें।
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भीगे हुए किशमिश या अंजीर सुबह खाली पेट खाएं।
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गुनगुने दूध में 1 चम्मच घी मिलाकर रात को सोने से पहले पीना भी असरदार है।
तनाव कम करें ( Reduce Stress )
तनाव से शरीर की प्रक्रिया प्रभावित होती है। ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद कब्ज़ को दूर रखने में मददगार होती है।



