Anxiety Meaning in Hindi: चिंता का अर्थ: लक्षण, कारण और उपचार
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Komal Daryani
on Apr 17, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Apr 22, 2024
चिंता और उत्सुकता हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, यह चिंता बहुत आम है, लेकिन इसका हमारे मन और भावनाओं पर असर पड़ता है। इसलिए यह सवाल उत्पन्न होता है कि क्यूँ चिंता इतनी सामान्य होकर भी इतनी असामान्य लगती है |
आज हम जानेंगे क्यू होती है चिंता ( Anxiety Meaning in Hindi ), क्या है उसके मुख्य लक्षण ,कैसे कंट्रोल करे, क्यूँ युवाओं मे बढ़ रहा तनाव और चिंता, ये सारे स्वालो के जवाब आज आपको इसी ब्लॉग मे मिलेंगे |
चिंता क्या है? ( What is Anxiety Meaning in Hindi? )
चिंता एक स्थिति है जब हमारा मन अशांत हो जाता है। यह हमें निराश, डरावने और असुरक्षित महसूस कराती है। यह आमतौर पर किसी अनियंत्रित घटना, स्थिति, या सोच के कारण होती है। चिंता के कारण हमारे मस्तिष्क के कार्य प्रणाली में असंतुलन हो जाता है और हम उस विचार पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमें असहजता, चिंता और उतार-चढ़ाव में डाल देता है।
चिंता का कारण
चिंता के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे, किसी समाजिक समस्या, पैसों की चिंता, स्वास्थ्य सम्बंधी बातें, परिवार की मुद्दे, अधिक काम की जिम्मेदारियां, और हमारे व्यक्तिगत रिश्तों के मुद्दे भी चिंता का कारण बन सकते हैं। चिंता का सबसे बड़ा कारण है कि हमारे मस्तिष्क में विचारों में गहरी उलझन होती है, जिससे हमें असुरक्षित महसूस होता है।
8 मुख्य चिंता विकार के लक्षण ( Anxiety Symptoms In Hindi):
- अत्यधिक चिंता और उत्सुकता
- शारीरिक लक्षण- दिल की धड़कन का तेज होना, सांस फूलना, अधिक पसीना आना, या मांसपेशियों का दर्द।
- सोने में परेशानी
- विचारों, भावनाओं, और व्यवहार में परिवर्तन
- शारीरिक तंगी का अनुभव
- सामाजिक संबंधों में संदेह
- स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि माइग्रेन, पेट दर्द, या अन्य शारीरिक अस्वस्थता।
- सामान्य चिंता से बाहर निकलने की असमर्थता
क्यों बढ़ रहा है युवाओं में तनाव और चिंता ?
युवाओं की जिंदगी एक अनसुनी कविता है, जिसमें तनाव और चिंता की छाया कभी-कभी उनके सपनों को धकेल देती है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
करियर दबाव: आजकल के युवा अक्सर उच्च डिग्री और नौकरी की महत्वाकांक्षा के चलते तनाव में होते हैं। सफलता के दबाव के चलते उन्हें अधिक चिंता होती है कि क्या वह अपनी उम्र में उन्हें चाहिए उससे आगे बढ़ पाएंगे या नहीं। यही कारण है कि युवाओं में तनाव और चिंता आम बात होती जा रही है
सोशल मीडिया: सोशल मीडिया पर युवाओं का अधिक समय बिताना भी तनाव और चिंता को बढ़ाता है। तुलनात्मकता, स्वीकृति, और सामाजिक दबाव के कारण, वे अक्सर अपने आपको अपेक्षाओं के मुकाबले नकारात्मक रूप से समझते हैं।
आर्थिक चिंता: युवा लोगों को आर्थिक मुद्दों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि कर लोन, बढ़ती जीवन की लागत, और रोजगार के अवसरों की कमी। इससे उनमें आर्थिक चिंता की भावना बढ़ जाती है।
परिवार और समाजिक दबाव: कई बार, परिवार या समाज से आने वाले अत्यधिक दबाव भी युवाओं को तनावग्रस्त बना सकते हैं। परिवार के अपेक्षाओं को पूरा करने, समाज में स्थिति बनाए रखने, और समाज में स्थान बनाने के लिए युवाओं पर दबाव बढ़ता है।
चिंता विकार के कुछ प्रमुख प्रकार
- सामान्य चिंता विकार (Generalized Anxiety Disorder - GAD): यह विकार लंबे समय तक चिंता, तनाव और उतार-चढ़ाव की अनियंत्रित अवस्था को दर्शाता है।
- समाजिक चिंता विकार (Social Anxiety Disorder): इसमें व्यक्ति को सामाजिक स्थितियों में होने वाली चिंता और डर का अधिकतम स्तर होता है, जो उन्हें सामाजिक संवाद में शामिल होने से रोकता है।
- उत्पीड़न चिंता विकार (Obsessive-Compulsive Disorder - OCD): इसमें व्यक्ति को निरंतर और अनावश्यक विचारों और क्रियाओं के लिए अत्यधिक चिंता होती है, जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित करती है।
- आकस्मिक आंगिक काम चिंता विकार (Panic Disorder): इसमें अचानक और अनपेक्षित आकस्मिक आंगिक काम होते हैं, जिससे व्यक्ति को अत्यधिक चिंता और डर महसूस होता है।
- प्रतिसंवेदन विकार (Post-Traumatic Stress Disorder - PTSD): इसमें व्यक्ति को दुखद घटना के बाद निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ हो सकते हैं: स्मृतियों का पुनरावलोकन, सपनों या चिंतनों में दुखद अनुभव, और उतार-चढ़ाव।
ये चिंता विकार कुछ प्रमुख उदाहरण हैं, लेकिन इसके अलावा भी अन्य प्रकार की चिंता विकार हो सकती हैं। जरूरी है कि व्यक्ति यदि ऐसे लक्षण महसूस कर रहा है तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।
चिंता विकार का समाधान (Anxiety disorder treatment)
चिंता का समाधान करने के लिए कई तरीके हो सकते हैं। यहाँ कुछ उपाय हैं जो चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- ध्यान और शांति: योग, ध्यान, और सांस लेने की एक्सरसाइज़ करें।
- स्वस्थ जीवनशैली: अच्छा खाना, नियमित व्यायाम, और ठीक से सोना।
- मदद लें: किसी सहायक डॉक्टर से मिलें।
- दोस्तों का साथ: अपने दोस्तों और परिवार से बातें करें।
- मनपसंद काम: उन गतिविधियों में समय बिताएं जो आपको पसंद हैं।
सारांश
चिंता एक सामान्य मानव अनुभव है, लेकिन यह अगर लंबे समय तक बनी रहे तो हमारे जीवन को प्रभावित कर सकती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने मन की स्वास्थ्य का ध्यान रखें और चिंता को संज्ञान में लाकर उसका समाधान करें। ध्यान और स्नेहपूर्ण साथ में यह संघर्ष कुछ आसान बना सकते हैं।