Brain Tumor Symptoms in Hindi: ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, कारण, और इलाज
Medically Reviewed By
Dr Sohini Sengupta
Written By Komal Daryani
on Apr 24, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Apr 24, 2024
ब्रेन में जो असामान्य कोशिकाएं होती है उसके समूह को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। ये असामान्य कोशिकाएं ब्रेन के किसी भी हिस्से में हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर के मामलें हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ये बच्चों से लेकर बड़ो में हो रहा है। बहुत से लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। या इस पर ध्यान ही नहीं देते। ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समय पर पहचान लेना बहुत जरुरी है नहीं तो मामला गंभीर हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त भी होते हैं और कैंसर फ्री भी हो सकते है। यानी की ये कैंसर के साथ भी हो सकता है और बिना कैंसर के साथ भी हो सकता है। लेकिन आपको इसके लक्षणों को जान लेना चाहिए। जिससे आपको ब्रेन ट्यूमर है या नहीं ये पता लगाने में आसानी होगी।
ब्रेन ट्यूमर क्या है
ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन में या उसके आस पास कोशिकाओं के बढ़ने पर होता है। जिसे ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। ये ब्रेन के टिश्यू में या उसके आसपास हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर ब्रेन से शुरू होता है और फैलता है तो इसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। लेकिन कभी -कभी ये कैंसर शरीर के दूसरे भागों से दिमाग तक फ़ैल जाता है जिसे सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। इसे मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर भी कहते हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर जल्दी बढ़ते हैं तो कुछ ब्रेन ट्यूमर धीरे - धीरे बढ़ते हैं। ट्यूमर के बढ़ने पर स्कैल्प के अंदर भी दबाव बढ़ता है। ये शरीर की हेल्थ और ब्रेन के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।
ब्रेन ट्यूमर का साइज बहुत छोटे से लेकर बहुत बड़ा हो सकता है। कुछ ब्रेन ट्यूमर तब भी हो जाते हैं जब वह बहुत छोटे होते हैं। जिसका आसानी से पता चल जाता है। लेकिन दूसरे ब्रेन ट्यूमर के लक्षण पता चले उसके पहले ही ये बड़े हो जाते हैं। ब्रेन में कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जो दूसरे हिस्सों की तुलना में कम ऐक्टिव होते हैं और अगर ब्रेन ट्यूमर इस कम एक्टिव वाले हिस्से में हो गया तो इसके लक्षण तुरंत पता नहीं चलते हैं। जब तक ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है तब तक इसका आकार बड़ा हो जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ब्रेन ट्यूमर की साइज, जगह पर डिपेंड करता है। बहुत बार बिना किसी लक्षण के भी ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों में शामिल है।
- सोने में परेशानी आना
- बोलने में दिक्कत
- मतली या उल्टी आना
- सिरदर्द होना या सिर में दबाव महसूस होना (ये सुबह के समय होता है)
- थकान बनी रहना
- मेमोरी कमजोर होना
- सुनने में कठिनाई
- शरीर की एक साइड में कमजोरी आना
- आँखों में परेशानी, दिखाई कम देना, धुंधला दिखना
- डेली एक्टिविटी में बदलाव या कठिनाई
- बिहेवियर में बदलाव
- भूख ज्यादा लगना या वजन बढ़ना
- दौरे आना
- सोचने - समझने की कैपेसिटी कम होना
- चक्कर आना
ब्रेन ट्यूमर के कारण
इसके ख़ास कारण के बारे में अभी तक इतनी जानकारी तो सामने नहीं आई है। लेकिन ब्रेन ट्यूमर को बढ़ाने वाले जो जोखिम कारक होते हैं उनका पता लगाया गया है।
- एचआईवी या एड्स - जिन लोगों में एचआईवी या एड्स होता है उनमें नार्मल लोगों की तुलना में ब्रेन ट्यूमर होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं।
- रेडिएशन का इफ़ेक्ट - अगर कोई व्यक्ति आयोनाइजिंग रेडिएशन के कांटेक्ट में आ जाता है तो ये ब्रेन ट्यूमर के खतरे को बढ़ा देता है। कैंसर का ट्रीटमेंट करने के दौरान आयोनाइजिंग रेडिएशन के कांटेक्ट में आ सकते हैं।
- कैंसर होना - जो बच्चे कैंसर से ग्रस्त होते हैं उन्हें फ्यूचर में ब्रेन ट्यूमर होने के चांसेस रहता है।
- जेनेटिक्स - अगर परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर की समस्या रही है तो परिवार के किसी मेंबर में भी ब्रेन ट्यूमर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए डॉक्टर बहुत सी तरह की थेरेपी करते हैं और तय करते हैं की उनमें से आपके लिए कौन सा इलाज सही रहेगा। ब्रेन ट्यूमर का इलाज बहुत से फैक्टर्स पर डिपेंड करता है जैसे :
- ट्यूमर की संख्या
- ट्यूमर का स्थान, आकार और प्रकार
- आपकी ओवरऑल हेल्थ
- आपकी उम्र
- ब्रेन की सर्जरी (क्रैनियोटॉमी) - अगर ब्रेन में ट्यूमर ऐसी जगह पर होता है जहाँ से उसे हटाना आसान है तो डॉक्टर ऑपरेशन करके इसे हटाने की कोशिश करते हैं। साथ ही इसके कुछ हिस्सों को भी हटाकर लक्षण को कम कर सकते हैं। न्यूरोसर्जन ट्यूमर को हटा देते हैं। ये काम वो बहुत ही सावधानी से करते हैं।
- कीमोथेरेपी - इस थेरेपी में ऐसी दवाएं होती हैं जो ब्रेन और पूरे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को मार देती हैं। कीमोथेरेपी के लिए नस में इंजेक्शन लगाया जाता है या गोली के रूप में भी इस थेरेपी को ले सकते हैं।
- ब्रैकीथेरेपी - ये रेडिएशन थेरेपी का एक प्रकार है। इसमें सर्जरी करके रेडियोएक्टिव बीज, कैप्सूल या इम्प्लांट्स को सीधे कैंसरग्रस्त ट्यूमर में या उसके पास रखा जाता है।
- रेडिएशन थेरेपी - रेडिएशन थेरेपी में एक्स-रे की हाई डोज़ ब्रेन ट्यूमर कोशिकाओं को खत्म कर देती है या फिर ट्यूमर को छोटा कर देती है।
- रेडियोसर्जरी - रेडियोसर्जरी एक प्रकार की रेडिएशन थेरेपी है। ये ट्यूमर को खत्म करने के लिए रेडिएशन की फोकस किरणों (गामा किरणों या प्रोटॉन किरणों) का इस्तेमाल करती है। ये ऐसी सर्जरी नहीं है जिसमें चीरा लगाने की जरूरत हो।
ब्रेन ट्यूमर कितने प्रकार के होते हैं
रिसर्चर ने 150 से भी ज्यादा ब्रेन ट्यूमर की पहचान की है। ब्रेन ट्यूमर के कुछ प्रकार जो आमतौर पर सौम्य होते हैं उनमें आते हैं।
- गैंग्लियोसाइटोमास, गैंग्लियो मास और एनाप्लास्टिक गैंग्लियोग्लियो मास - ये बहुत ही रेयर ट्यूमर है। जो न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिकाओं) में बनते हैं।
- कॉर्डोमास - ये धीरे - धीरे बढ़ने वाले ट्यूमर है। जो आमतौर पर आपके सिर के बेस और रीढ़ के निचले हिस्से में शुरू होते हैं।
- मेनिंगिओमा - मेनिंगिओमा, प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर का सबसे कॉमन टाइप है। जो धीरे-धीरे डेवलप होता है। ये मेनिन्जेस में बनते हैं, (मेनिन्जेस) टिश्यू की परतें होती है जो ब्रेन और रीढ़ की हड्डी की प्रोटेक्शन करती हैं।
- क्रानियोफैरिंजियोमास - ये ट्यूमर पिट्यूटरी ग्लैंड के एक हिस्से से बनता हैं। क्रानियोफैरिंजियोमास ट्यूमर ब्रेन की गहरी संरचनाओं के पास होता है जिसके कारण इसे निकालना कठिन है।
- ग्लोमस जुगुलारे - ये ट्यूमर ब्रेन के आधार के बिल्कुल नीचे होते हैं।
- पिट्यूटरी एडेनोमास - ये ट्यूमर पिट्यूटरी ग्लैंड में बनते हैं, जो ब्रेन के आधार पर होते हैं। पिट्यूटरी ग्रंथि शरीर में हार्मोन बनाने और नियंत्रित करने का काम करती है।
- पाइनोसाइटोमास - ये धीरे - धीरे बढ़ने वाला ट्यूमर है। जो की पीनियल ग्लैंड में बनते हैं। पीनियल ग्लैंड ब्रेन में गहराई में स्थित होती है।
Conclusion
कुछ घातक ट्यूमर को रेडिएशन थेरेपी से कंट्रोल किया जा सकता है। बाकि ट्यूमर अपनी जगह के कारण सौम्य होने के बाद भी जोखिम भरे हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर बहुत ही घातक बीमारी है। वैसे सभी ब्रेन ट्यूमर कैंसरग्रस्त नहीं होते हैं। कुछ नॉर्मल भी होते हैं। लेकिन ये ब्रेन के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकते हैं। इसलिए ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को जरूर जाने। ये आपको सही समय पर इलाज करवाने में मददगार होगा।