Hemoglobin in Hindi: महत्व, सामान्य स्तर, और बढ़ाने के उपाय
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Komal Daryani
on Jul 16, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 16, 2024
हीमोग्लोबिन क्या है?
हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) में पाया जाने वाला एक जरूरी प्रोटीन है। ये हमारे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचने का काम करता है। हीमोग्लोबिन आपके खून में मौजूद एक तरह का प्रोटीन है। इसमें चार प्रोटीन सबयूनिट होती हैं, जिन्हें ग्लोबिन (globins) कहा जाता है। हर एक सबयूनिट में एक आयरन मॉलिक्यूल होता है, ये आयरन मॉलिक्यूल ऑक्सीजन से जुड़ता है और इसे शरीर के अलग-अलग हिस्सो तक ले जाता है।
हीमोग्लोबिन के क्या काम हैं?
हीमोग्लोबिन का काम है ऑक्सीजन को पहुंचाना
- जब हम सांस लेते हैं, हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेता है।
- फिर ये ऑक्सीजन को खून के साथ पूरे शरीर में घुमाता है।
- जहां जरूरत होती है, वहां ऑक्सीजन छोड़ देता है।
- इससे हमारे शरीर की हर कोशिका को ऑक्सीजन मिलती है।
कार्बन डाइऑक्साइड को निकालना :
- जब हमारे शरीर की कोशिकाएं काम करती हैं, तो कार्बन डाइऑक्साइड बनती है।
- हीमोग्लोबिन इस कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ता है।
- फिर इसे वापस फेफड़ों तक लाता है।
- फेफड़ों से हम इसे सांस के साथ बाहर निकाल देते हैं।
खून का pH लेवल संतुलन:
- हमारे खून का pH लेवल सही रहना बहुत जरूरी है।
- हीमोग्लोबिन खून में एसिड और बेस के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
- ये खून में हाइड्रोजन आयन्स को पकड़ कर या छोड़कर pH को नियंत्रित करता है।
- इससे हमारा शरीर ठीक से काम कर पाता है।
इन कामों के अलावा, हीमोग्लोबिन और भी कई तरह से हमारे शरीर की मदद करता है:
- ये शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- कुछ हार्मोन्स के काम में सहायता करता है।
- शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।
इस तरह, हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए एक मल्टीपरपज प्रोटीन है, जो कई महत्वपूर्ण काम करता है।
हीमोग्लोबिन क्यों जरूरी है?
हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
- सांस लेने में मदद: जब हम सांस लेते हैं, तो हीमोग्लोबिन हवा से ऑक्सीजन लेकर पूरे शरीर में पहुंचाता है। ये हमें जीवित रखने के लिए बहुत जरूरी है।
- शरीर को ताकत देता है: हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के हर हिस्से को ऑक्सीजन देता है। इससे हमें ताकत मिलती है और हम काम कर पाते हैं।
- दिमाग को चुस्त रखता है: हीमोग्लोबिन दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाता है, जिससे हम सोच-समझ पाते हैं।
- बीमारियों से लड़ने में मदद करता है: हीमोग्लोबिन हमारे शरीर को मजबूत बनाता है, जिससे हम बीमारियों से लड़ सकते हैं।
- थकान दूर करता है: अगर शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो, तो हम जल्दी थक जाते हैं। सही मात्रा में हीमोग्लोबिन होने से हम ज्यादा देर तक काम कर सकते हैं।
- खून को साफ रखता है: हीमोग्लोबिन हमारे खून को साफ रखने में भी मदद करता है।
इसलिए, हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसकी सही मात्रा होना हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
हीमोग्लोबिन के स्तर को कैसे बनाए रखें?
हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने के लिए
- अच्छा खाना खाओ:
- हरी सब्जियां खाओ, जैसे पालक
- दाल-चावल खाओ
- मांस, मछली या अंडे खाओ
- किशमिश, बादाम खाओ
- विटामिन सी वाले फल खाओ:
- नींबू, संतरा खाओ
- अमरूद खाओ
- खूब पानी पीओ: दिन में 8-10 गिलास पानी पीओ
- थोड़ा व्यायाम करो: रोज थोड़ी देर टहलो
- चाय-कॉफी कम पीओ
- बीड़ी-सिगरेट मत पीओ : धूम्रपान हीमोग्लोबिन को नुकसान पहुंचाता है
- विटामिन B12 लें: दूध, दही, पनीर खाएं, ये हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करते हैं
- तनाव कम करो: अच्छी नींद लो
- डॉक्टर से मिलो:
- साल में एक बार खून की जांच कराओ
- अगर कमजोरी लगे तो डॉक्टर से मिलो
हीमोग्लोबिन की सामान्य रेंज कितनी होती है?
हीमोग्लोबिन की सामान्य रेंज उम्र और लिंग के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।
- पुरुषों में: 13.5 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL)
- महिलाओं में: 12.0 से 15.5 g/dL
- बच्चों में: 11 से 16 g/dL (उम्र के अनुसार भिन्न)
- नवजात शिशुओं में: 14 से 24 g/dL
हीमोग्लोबिन टेस्ट किसे कराना चाहिए?
हीमोग्लोबिन टेस्ट आमतौर पर इन स्थितियों में किया जाता है:
- नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान
- एनीमिया (रक्ताल्पता) के लक्षण दिखाई देने पर, जैसे थकान, सांस फूलना, या चक्कर आना
- गर्भावस्था के दौरान
- किसी रक्त विकार (blood disorder) या रक्तस्राव (bleeding) की स्थिति में
- कैंसर के इलाज़ के दौरान
- किडनी की बीमारी वाले रोगियों में
- पोषण संबंधी कमियों का पता लगाने के लिए
- शारीरिक प्रदर्शन में सुधार की निगरानी के लिए
हीमोग्लोबिन का इलाज
हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने या कम करने के लिए अलग-अलग इलाज़ हो सकते हैं, जो मुख्य रूप से इसके कम या अधिक होने के कारण पर निर्भर करते हैं:
कम हीमोग्लोबिन (एनीमिया) का इलाज:
आयरन सप्लीमेंट्स
- विटामिन B12 या फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स
- आहार में परिवर्तन (आयरन और विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना)
- अंतर्निहित कारणों का इलाज (जैसे पेट में अल्सर या मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं)
- गंभीर मामलों में रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन)
उच्च हीमोग्लोबिन का इलाज:
- अंतर्निहित कारण का इलाज (जैसे फेफड़ों की बीमारी या हृदय रोग)
- फ्लेबोटॉमी (रक्त निकालना)
- हाइड्रेशन बढ़ाना
- धूम्रपान छोड़ना
हीमोग्लोबिन के लेवल में किसी भी परिवर्तन के लिए हमेशा चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। स्व-चिकित्सा से बचें क्योंकि ये कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
हीमोग्लोबिन की कमी के कारण और लक्षण
कारण:
- खाने में कमी:
- आयरन की कमी वाला खाना
- विटामिन B12 की कमी
- बीमारियां:
- पेट में कीड़े
- कैंसर
- गुर्दे की बीमारी
- कुछ दवाइयां
- शराब पीना
लक्षण:
- थकान: जल्दी थक जाना
- कमजोरी: हाथ-पैर में ताकत कम होना
- सांस फूलना: थोड़ा चलने पर भी सांस फूलना
- चक्कर आना
- दिल की धड़कन तेज होना
- त्वचा पीली पड़ना
- सिर दर्द
- ठंड लगना
- भूख कम लगना
- बाल झड़ना
- नाखून कमजोर होना
अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो डॉक्टर से जरूर मिलें। वे आपकी जांच करके सही इलाज बताएंगे। हीमोग्लोबिन की कमी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। अच्छा खाना खाएं और डॉक्टर की सलाह मानें।
निष्कर्ष:
हीमोग्लोबिन हमारे शरीर का एक बहुत ज्यादा ज़रूरी प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन को हमारे शरीर के अंदर पहुंचने में मुख्य भूमिका निभाता है। इसकी सही मात्रा हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, जो उम्र और लिंग के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। नियमित स्वास्थ्य जांच में हीमोग्लोबिन का परीक्षण ज़रूरी है, क्योंकि इसका असंतुलन अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और जीवनशैली में सुधार हीमोग्लोबिन के लेवल को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। किसी भी चिंता की स्थिति में, चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। अपने हीमोग्लोबिन लेवल की देखभाल करके, हम एक स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जी सकते हैं।