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हाई ब्लड प्रेशर में चाय पीना चाहिए या नहीं?

Blood Pressure

हाई ब्लड प्रेशर में चाय पीना चाहिए या नहीं?

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Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth

Written By Anjali Dubey
on Jul 7, 2025

Last Edit Made By Anjali Dubey
on Jul 7, 2025

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सुबह की शुरुआत चाय के बिना अधूरी मानी जाती है। चाहे थकान मिटानी हो या दिन की शुरुआत करनी हो, एक कप चाय हमारी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या ये आदत हर किसी के लिए सुरक्षित है?

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) से पीड़ित लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है-
क्या हमें चाय पीनी चाहिए?
काली चाय चलेगी या ग्रीन टी बेहतर है?
क्या दूध वाली चाय से खतरा बढ़ता है?

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए चाय कितनी सुरक्षित है, कौन सी चाय पीना सही है, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर क्या होता है?

ब्लड प्रेशर वह दबाव होता है जो हमारा ब्लड वेसल्स की दीवारों पर डालता है। जब यह दबाव सामान्य से ज्यादा हो जाता है, तो उसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है।

सामान्य ब्लड प्रेशर की रेंज होती है:

  • 120/80 mmHg - सामान्य
  • 140/90 mmHg या अधिक - हाई ब्लड प्रेशर

अगर हाई बीपी लंबे समय तक बना रहे, तो यह दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और आंखों पर असर डाल सकता है।

क्या चाय हाई बीपी को बढ़ा सकती है?

चाय में मौजूद कैफीन एक ऐसा तत्व है जो हमारे नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करता है। यह दिल की धड़कन बढ़ा सकता है और अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकता है। यही कारण है कि हाई बीपी के मरीजों को चाय पीने से पहले सोचने की सलाह दी जाती है।

हालांकि चाय में सिर्फ कैफीन ही नहीं होता। इसमें फ्लेवनॉयड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य ऐसे तत्व भी होते हैं जो हृदय को फायदा भी पहुंचा सकते हैं, बशर्ते इसे सही मात्रा में और सही प्रकार से लिया जाए।

क्या हाई ब्लड प्रेशर में चाय पीना पूरी तरह मना है?

नहीं, हाई ब्लड प्रेशर में चाय पूरी तरह वर्जित नहीं है। लेकिन इसकी मात्रा, समय और प्रकार का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

कई शोध बताते हैं कि सीमित मात्रा में चाय पीने से बीपी पर कोई गंभीर असर नहीं होता। यहां तक कि कुछ चायें बीपी को नियंत्रित करने में मदद भी कर सकती हैं।

चाय के प्रकार और हाई बीपी पर असर

1. दूध वाली चाय (Regular Milk Tea)

इसमें कैफीन की मात्रा होती है जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है।

ऊपर से दूध, चीनी और ज्यादा उबालने की आदत इसे और भी हानिकारक बना देती है।

अगर दिन में 1 कप से ज़्यादा ली जाए, तो हाई बीपी वाले व्यक्ति के लिए खतरा बढ़ सकता है।

2. काली चाय (Black Tea)

इसमें दूध नहीं होता, लेकिन कैफीन अब भी मौजूद होता है।

सीमित मात्रा में पीने से कुछ लोगों में रक्तचाप में गिरावट देखी गई है।

दिन में एक या दो कप काली चाय ली जा सकती है, बशर्ते उसमें चीनी कम हो।

3. ग्रीन टी (Green Tea)

इसमें कैफीन बहुत कम होता है और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं।

कुछ अध्ययन बताते हैं कि ग्रीन टी बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

यह हाई बीपी वालों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है।

4. हर्बल टी (Tulsi, Chamomile, Hibiscus)

इनमें कैफीन बिल्कुल नहीं होता और यह प्राकृतिक रूप से बीपी को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं।

विशेष रूप से हिबिस्कस टी को ब्लड प्रेशर घटाने में फायदेमंद पाया गया है।

रिसर्च क्या कहता है?

अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से ग्रीन टी पीते हैं, उनमें हाई बीपी की संभावना कम होती है।

ब्लैक टी पर एक ऑस्ट्रेलियन स्टडी ने यह बताया कि 12 हफ्तों तक रोज 3 कप ब्लैक टी पीने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 2-3 mmHg की कमी देखी गई।

वहीं, हिबिस्कस टी पर हुई एक क्लिनिकल स्टडी ने यह दिखाया कि दिन में 2 बार सेवन से बीपी को कम किया जा सकता है।

कितनी मात्रा में चाय पीना सही है?

हाई बीपी वाले व्यक्ति को दिन भर में 1–2 कप से ज्यादा कैफीन युक्त चाय नहीं पीनी चाहिए।

ग्रीन टी या हर्बल टी की मात्रा 2–3 कप प्रतिदिन तक हो सकती है।

चाय के साथ बहुत ज्यादा चीनी, नमकीन या तली हुई चीजें न लें।

किन बातों का ध्यान रखें?

सुबह खाली पेट तेज चाय पीना टालें - इससे एसिडिटी और बीपी में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

चाय में शक्कर कम करें- मीठी चाय बीपी और वजन दोनों बढ़ा सकती है।

बहुत गर्म चाय से बचें - यह आंतरिक अंगों पर दबाव डाल सकती है।

एक ही बार में ज्यादा मात्रा न पिएं- थोड़ा-थोड़ा करके सेवन करना बेहतर होता है।

चाय के साथ एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट भी जरूरी है- सिर्फ चाय पर निर्भर न रहें।

क्या कैफीन ही मुख्य खतरा है?

हां, हाई बीपी में चाय से जुड़ा मुख्य खतरा कैफीन ही है। यह एक स्टिमुलेंट है जो दिल की धड़कन और रक्तचाप को बढ़ा सकता है। हालांकि, हर व्यक्ति की कैफीन के प्रति सहनशक्ति अलग होती है। कुछ लोगों को कम मात्रा में ही असर दिखता है, तो कुछ पर कोई असर नहीं होता।

इसलिए अपने शरीर की प्रतिक्रिया को समझना जरूरी है। अगर चाय पीने के बाद घबराहट, सिरदर्द या बीपी में तेजी महसूस हो रही है, तो तुरंत चाय कम कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।

हाई बीपी में चाय फायदेमंद हो सकती है जानिए कैसे

एंटीऑक्सीडेंट्स की भरमार - खासकर ग्रीन टी और ब्लैक टी में।

डाइजेशन सुधारती है

थकान और तनाव कम करती है

दिल की सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है (सीमित मात्रा में)।

हाई बीपी में कौन सी चाय सबसे बेहतर?

चाय का नाम

कैफीन

बीपी पर असर

सुझाव

दूध वाली चाय

ज्यादा

बीपी बढ़ा सकती है

सीमित मात्रा में

काली चाय

मध्यम

हल्का असर, सावधानी जरूरी

दिन में 1–2 कप

ग्रीन टी

कम

नियंत्रित करने में सहायक

सबसे बेहतर विकल्प

हर्बल टी

नहीं

बीपी कम करने में मददगार

सुरक्षित विकल्प

निष्कर्ष

हाई ब्लड प्रेशर में चाय पूरी तरह से बंद करने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि कौन सी चाय आपके लिए ठीक है और कितनी मात्रा में।

दूध और चीनी वाली चाय की जगह अगर आप ग्रीन टी या हर्बल टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, तो न केवल ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा, बल्कि आपका दिल और दिमाग भी बेहतर तरीके से काम करेगा।

बीपी की दवा के साथ सही खानपान और लाइफस्टाइल सबसे अहम हैं। चाय ज़रूरी है, लेकिन ज़िम्मेदारी से।

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