नए ब्लड टेस्ट रिसर्च यह अनुमानित कर सकते हैं कि अगले 4 वर्षों के भीतर किसी को दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकता है या नहीं
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Srujana Mohanty
on Sep 24, 2022
Last Edit Made By Srujana Mohanty
on Mar 15, 2024
दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोग कुछ घातक विकार(fatal disorder) हैं जो आज की दुनिया में वास्तव में आम हो गए हैं। वर्तमान में, जेनेटिक टेस्टिंग (genetic testing )का उपयोग हृदय रोगों के डायग्नोसिस के लिए किया जाता है। मशीन लर्निंग और सटीक दवा जैसी नई नई टेक्नोलॉजीज के आगमन के साथ, नए शोध से पता चला है कि एक सिंपल ब्लड टेस्ट के माध्यम से अगले 4 वर्षों में दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना का पता लगाया जा सकता है। इस आर्टिकल में, आइए एक अमेरिकी कंपनी द्वारा की गई रीसेंट स्टडी पर चर्चा करें जो हृदय रोगों की संभावना का डायग्नोसिस करने के लिए ब्लड टेस्ट के उपयोग को इंडीकेट करती है।
अगले 4 सालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का अनुमान: शोध(Prediction of heart attack and stroke within the next 4 years: Research)
एक अमेरिकी कंपनी के शोधकर्ताओं के समूह सोमालॉजिक(SomaLogic) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मशीन लर्निंग का उपयोग अगले 4 वर्षों में हृदय रोग की संभावना का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। यह अध्ययन साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल ( Science translational medicine journal)में पब्लिश हुआ था और इसका नेतृत्व डॉ. स्टीफन विलियम्स (Dr. Stephen Williams) ने किया था। शोधकर्ताओं ने एक प्रोटिओमिक प्रोग्नॉस्टिक टेस्ट (proteomic prognostic test )को डिजाइन और मान्य किया है जो क्लीनिकल ट्रायल्स के परिणामों के अनुरूप समय के पैमाने पर कुछ प्रमुख कार्डियोवैस्कुलर परिणामों या मृत्यु का अनुमान लगा सकता है।
वर्तमान अध्ययन में, 5000 रक्त प्लाज्मा प्रोटीन का एनालिसिस करने के लिए 22,849 व्यक्तियों के ब्लड के सैंपल एकत्र किए गए थे। टीम ने 27 प्रोटीन की पहचान की जो अगले 4 वर्षों में स्ट्रोक, दिल का दौरा या विफलता की संभावना का संकेत दे सकते हैं। इन 27 प्रोटीनों को तब 11000 से अधिक व्यक्तियों ने मान्य किया था।
यह टेस्ट वर्तमान में अमेरिका के अंदर चार हेल्थकेयर सिस्टम्स में उपयोग किया जा रहा है। इस बात की भी संभावना है कि यू के(UK) भी इस टेस्ट के उपयोग को स्वीकार कर सकता है।
इस ब्लड टेस्ट के परिणाम लोगों को हृदय की स्थिति के विकास के उच्च से निम्न जोखिम के पैमाने पर एक प्रतिशत के साथ वर्गीकृत(categorise) करते हैं जो अगले 4 वर्षों में बीमारी के होने की संभावना का प्रतिनिधित्व (representation)करता है। यह टेस्ट अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह रोग के शीघ्र डायग्नोसिस में मदद कर सकता है, जिससे रोगी का शीघ्र और बेहतर उपचार संभव हो सकता है।
निष्कर्ष(conclusion)
हृदय रोग घातक(fatal) हैं और उनका शीघ्र डायग्नोसिस समाज के लिए वरदान हो सकता है और भारत में हृदय रोगों के बढ़ते मामलों के लिए गेम चेंजर हो सकता है। वर्तमान अध्ययन के अनुसार, मशीन लर्निंग आधारित सिंपल ब्लड टेस्ट किसी भी व्यक्ति में हृदय रोग की संभावना का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है। इस अध्ययन ने समाज को आशा की एक किरण दी है, जिससे स्ट्रोक, दिल का दौरा और विफलता की शीघ्र भविष्यवाणी, डायग्नोसिस और कुशल उपचार संभव हो पाया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)(Frequently Asked Questions (FAQs))
1.क्या यह एक हालिया अध्ययन है?(Is this a recent study?)
हाँ, यह एक अत्यंत नया अध्ययन है जो 2 अप्रैल, 2022 को साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन (Science Translational Medicine)जर्नल में पब्लिश हुआ था।
2.क्या भारत में हृदय रोग आम है?(Is heart disease common in India?)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में ऐसी मौतों का लगभग पांचवां हिस्सा भारत के लिए जिम्मेदार है।
3.रक्त परीक्षण से किन हृदय रोगों की भविष्यवाणी की जा सकती है?(Which cardiovascular diseases can be predicted by a blood test?)
अध्ययन में बताया गया ब्लड टेस्ट अगले 4 वर्षों में स्ट्रोक, दिल का दौरा और दिल की विफलता (heart failure)की संभावना का अनुमान लगा सकता है|