दुनिया भर में लाखों लोगों को हर साल टाइप -2 डायबिटीज का पता चलता है। नतीजतन, शोधकर्ता लॉन्ग -टर्म ट्रीटमेंट ऑप्शंस खोजने के लिए लगातार असिस्टिव थेरिपीज़(assistive therapies) की तलाश कर रहे हैं।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन (Yale school of medicine) के नेतृत्व में एक नए मल्टी -इंस्टीटूशनल स्टडी (new multi-institutional study) ने तीन डिफाइंड प्री -क्लीनिकल ट्रायल्स में टाइप -2 डायबिटिज के इलाज, या रिवर्सल के लिए कुछ न्यूरोमेटाबोलिक मार्गों (neurometabolic ways) को ट्रिगर करने के लिए अल्ट्रासाउंड के उपयोग को हाईलाइट किया है।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में एमएचएस के एमडी, रायमुंड हर्ज़ोग (Raimund Herzog) की लैब में अध्ययन पर शोध किया गया था।
प्री-क्लिनिकल ट्रायल के बाद, शोधकर्ता अब टाइप -2 डायबिटीज के रोगियों के साथ ह्यूमन फिजिबिलिटी ट्रायल्स(human feasibility trials) कर रहे हैं। अध्ययन के पीछे प्राइमरी ऑब्जेक्टिव लगातार ब्लड शुगर टेस्ट्स , इंजेक्शन और ड्रग थेरिपीज़ के बिना डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए नई स्ट्रेटेजीज(new strategies) डेवलॅप करना है।
शोधकर्ता इस स्थिति का इलाज करने और अंततः रोगियों में इसे रिवर्स करने के लिए लॉन्ग -टर्म ट्रीटमेंट ऑप्शंस की तलाश कर रहे हैं।
टाइप -2 डायबिटीज लाखों लोगों को प्रभावित करती है और किडनी फेलियर , ब्लाइंडनेस , हार्ट अटैक्स , स्ट्रोक्स और यहां तक कि न्यूरोपैथी जैसी पुरानी बीमारियों (chronic illnesses)में कंट्रीब्यूट करता है।
अध्ययन में प्रमुख शोधकर्ता, रायमुंड हर्ज़ोग, वाईएसएम में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट में एक एसोसिएट प्रोफेसर (एंडोक्रिनोलॉजी) हैं। अपने निष्कर्षों पर प्रकाश डालते हुए, हर्ज़ोग का कहना है कि भले ही हमारे पास एंटी -डायबिटिक मेडिकेशन्स की विविधता(diversity) तक पहुंच है, फिर भी शोधकर्ता ,रोगियों में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने के लिए लॉन्ग -टर्म ट्रीटमेंट ऑप्शंस खोजने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
केवल कुछ ही दवाएं हैं जो ब्लड स्ट्रीम में इंसुलिन के लेवल को काफी कम करती हैं। हालांकि, हर्ज़ोग की रिपोर्ट है कि यदि उनके प्री -क्लीनिकल स्टडी के निष्कर्ष करेक्ट और कन्क्लूसिव हैं, तो अल्ट्रासाउंड तकनीक ब्लड स्ट्रीम में इंसुलिन और ग्लूकोज के लेवल को कम कर सकती है।
हर्ज़ोग का कहना है कि अल्ट्रासाउंड न्यूरोमॉड्यूलेशन की क्षमता डायबिटीज के ट्रीटमेंट में काफी रोमांचक सफलता है।
अध्ययन की रिपोर्ट बायोइलेक्ट्रॉनिक मेडिसिन में महत्वपूर्ण सुधार में कंट्रीब्यूट करती हैं। यह क्षेत्र नर्वस सिस्टम को संशोधित करके विभिन्न पुरानी बीमारियों के ट्रीटमेंट के लिए लगातार नए तरीके तलाश रहा है।
प्री -क्लीनिकल टेस्ट्स से एक कदम आगे बढ़ते हुए, शोधकर्ता अब डायबिटीज रोगियों पर अल्ट्रासाउंड पल्स की विभिन्न तीव्रता और डोसेजिज(different intensities and dosages) का इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं। वे इसमें शामिल ट्रीटमेंट की अवधी भी रिकॉर्ड कर रहे हैं। उन अध्ययनों के परिणाम वर्ष में बाद में उपलब्ध होने चाहिए।